बड़ा संशोधन... अब उम्मीदवार को विज्ञापन देकर देनी होगी आपराधिक मामलों की जानकारी
चुनाव लड़ने वालों को अब यदि उनके ऊपर आपराधिक मामला दर्ज है तो उसकी जानकारी अखबारों व टीवी चैनलों में विज्ञापन देकर देनी होगी।
जेएनएन, चंडीगढ़। चुनाव लड़ने वालों को अब यदि उनके ऊपर आपराधिक मामला दर्ज है तो उसकी जानकारी अखबारों व टीवी चैनलों में विज्ञापन देकर देनी होगी। इसका खर्च उसके चुनाव खर्च में ही जोड़ा जाएगा। जिस अखबार में विज्ञापन छपेगा उसकी प्रति जिला चुनाव अधिकारी के पास जमा करवानी होगी।
पंजाब के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. एस करुणा राजू ने बताया चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार नामांकन पत्र के फार्म नंबर 26 में संशोधन कर दिया है। अब लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवारों को नामांकन पत्र में अपने पूरे आपराधिक मामलों की जानकारी विज्ञापन के माध्यम से देनी होगी।
इस संबंधी नामांकन पत्र फार्म में उपलब्ध करवाए गए फॉर्मेट सी-1 में आपराधिक पृष्ठभूमि के अनुसार सुनवाई अधीन मामले या जिनमें सजा सुनाई जा चुकी है, के बारे में पूरी जानकारी बोल्ड अक्षरों में देनी होगी। साथ ही यह जानकारी पार्टी के चुनाव निशान पर चुनाव लड़ने वालों को अपनी पार्टी को भेजनी होगी। जिसको राजनीतिक पार्टी अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित करेगी कि हमारे इस उम्मीदवार के खिलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं या इन आपराधिक मामलों में इसको सजा सुनाई जा चुकी है।
तीन बार देना होगा विज्ञापन
संबंधित राजनीतिक पार्टी और उम्मीदवार की तरफ से क्षेत्र के बड़े अखबारों में तीन-तीन बार 12 प्वाइंट साइज में और सही स्थान पर जानकारी छपवानी होगी। इसी तरह इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया में भी तीन-तीन बार इसे चलाना होगा।
रिटर्निंग अधिकारी की भी होगी जिम्मेदारी
यह भी ध्यान होगा कि अगर नामांकन पत्र वापस लेने की तय तारीख़ 10 है और मतदान 24 तारीख को होना है तो विज्ञापन 11 से 22 तारीख के बीच प्रकाशित हो जाना चाहिए। रिटर्निंग अधिकारी को भी यह यकीनी बनाना होगा कि उम्मीदवार के आपराधिक पृष्ठभूमि का बड़े स्तर पर प्रचार किया गया है। सरकारी रिहायश संबंधी देनदारी बताने के लिए फार्म-26 के कॉलम 8 में पूरी जानकारी देनी होगी और अलग से कोई हलफनामा नहीं देना पड़ेगा।