उद्यमियों को कैप्टन की दो टूक-वित्तीय सुविधाएं नहीं दे सकते, प्रक्रिया सरल करेंगे
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब के उद्यमियों से विचार-विमर्श किया। उन्होंने इस मौके पर साफ कहा कि राज्य सरकार अब उद्योगों को वित्तीय मदद नहीं दे सकती है।
जेएनएन, चंडीगढ़। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में उद्योग व व्यापार का माहौल बनाने के लिए उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान कैप्टन ने कहा कि राज्य की वित्तीय स्थिति खराब होने के बावजूद सरकार ने बिजली सब्सिडी दी, लेकिन अब और वित्तीय सहायता नहीं दी जा सकती है। अलबत्ता प्रक्रिया का सरलीकरण किया जा सकता है।
इस मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से समाज कल्याण के क्षेत्र में अपना योगदान देने के लिए सामाजिक सुरक्षा फंड में सहयोग की अपील की। नई औद्योगिक नीति के दिशा -निर्देशों को अंतिम रूप दिए जाने से पहले उद्योगपतियों के फीडबैक जानने के लिए राज्य के चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों से कैप्टन ने अनौपचारिक बातचीत की।
उद्योग सामाजिक सुरक्षा फंड में दें अपना योगदान,सीएसआर के तहत आइटीआइ स्थापित करने की अपील की
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों को कार्पोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत एक जुट होकर राज्य में एक आइटीआइ स्थापित करने के लिए कहा। यही नहीं कैप्टन ने उद्योगपतियों को नई औद्योगिक नीति पर बिना किसी संकोच से अपने विचार और सुझाव पेश करने का न्योता भी दिया।
क्या बोले उद्योगपति
एवन साइकिल के चेयरमैन और एमडी ओंकार सिंह पाहवा ने बिजली सब्सिडी के बावजूद छोटे स्तर की औद्योगिक इकाइयों के लिए बिजली की कीमत अधिक रहने पर अपनी चिंता जाहिर की। इसके जवाब में मुख्यमंत्री ने अपने मुख्य प्रमुख सचिव सुरेश कुमार को यह खर्च घटाने के लिए रास्ता ढूंढने का निर्देश दिया।
ट्राइडेंट ग्रुप के चेयरमैन राजिंदर गुप्ता ने प्रदेश में कपड़ा कारोबार को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया। कैप्टन ने अपनी सरकार द्वारा इस सेक्टर को पूरा सहयोग देने का भरोसा दिया।
आइवी हेल्थकेयर ग्रुप के चैयरमैन गुरतेज सिंह के सुझाव पर मुख्यमंत्री ने हेल्थ केयर इंडस्ट्री को और लाभ देने पर विचार करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि नई औद्योगिक नीति में इस सेक्टर को भी दूसरे उद्योगों की तरह बिजली देना तय कर दिया गया है। बैठक में राज्य में मेडिकल टूरिज्म को और उत्साहित करने को लेकर भी मंथन किया गया।
वर्धमान ग्रुप के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सचित जैन ने पंजाब में शिक्षा ढांचे को सुधारने के लिए उद्योगपतियों को सरकारी प्रयासों में हाथ बंटाने के मुख्यमंत्री के सुझाव का स्वागत किया। बैठक में मिस बैक्टर्स फूड स्पेशलिटीज लिमिटेड के एमडी अनूप कुमार ने 100 फीसद निर्यात करने वाले यूनिट को सरकार से रियायत देने की मांग रखी।
इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल (नॉर्थ इंडिया) की चेयरपर्सन कामना राज अग्रवाल ने कहा कि सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने को उद्योग विभाग को और सक्रियता से काम करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने बताया कि उनकी सरकार द्वारा 'निवेश पंजाबÓ के तहत पांच जिला स्तरीय दफ्तर स्थापित करने का प्रस्ताव है, जिससे सूक्ष्म, छोटे और मध्यम उद्योगों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ उद्योगों के लिए प्रक्रियाओं को और आसान बनाया जा सके।
सोनालिका आइटीएल के चेयरमैन एलडी मित्तल ने कृषि यंत्रों के इनपुट और आउटपुट के लिए जीएसटी में अंतर का मुद्दा उठाया। जबकि महिंदरा एंड महिंदरा के स्वराज ट्रैक्टर डिविजन के सीओओ वीरेन पोपली ने कहा कि औद्योगिक नीति में खोज और विकास को उत्साहित करने के लिए रियायतें शामिल न करने से नुकसान पहुंचा है।