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पंजाब कैबिनेट में 10 जिलों को प्रतिनिधित्व, 12 का घर सूना

-पटियाला, अमृतसर व गुरदासपुर जिलों से तीन-तीन मंत्री, बठिंडा और संगरूर से दो -जालंधर, कपूरथला

By JagranEdited By: Published: Sun, 22 Apr 2018 06:21 PM (IST)Updated: Sun, 22 Apr 2018 06:21 PM (IST)
पंजाब कैबिनेट में 10 जिलों को प्रतिनिधित्व, 12 का घर सूना
पंजाब कैबिनेट में 10 जिलों को प्रतिनिधित्व, 12 का घर सूना

-पटियाला, अमृतसर व गुरदासपुर जिलों से तीन-तीन मंत्री, बठिंडा और संगरूर से दो

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-जालंधर, कपूरथला व पठानकोट समेत कई जिलों को मिली निराशा

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कैलाश नाथ, चंडीगढ़: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कैबिनेट में 12 जिलों के प्रतिनिधियों को स्थान नहीं दिया गया है। इसमें से सबसे बड़ा जिला जालंधर है, जहां 9 में से 6 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। सीटों के लिहाज से सबसे बड़ा प्रतिनिधित्व गुरदासपुर को दिया गया है। जहां पर 7 विधानसभा सीटें हैं और यहां से तीन मंत्री बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के गृह जिले पटियाला से 3 मंत्री हैं। गुरदासपुर के बाद अमृतसर ऐसा जिला है, जहां से 3 मंत्री हैं। अभी हुए कैबिनेट विस्तार में अमृतसर ही ऐसा जिला है, जहां पर दो मंत्री शामिल किए गए है। वहीं, पंजाब के सबसे बड़े जिले लुधियाना में मात्र एक मंत्री है, जबकि लुधियाना में 14 विधानसभा सीटे हैं।

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कहां से कितने मंत्री

-पटियाला: मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, ब्रह्म मोहिंदरा और साधू सिंह धर्मसोत

-अमृतसर: नवजोत सिंह सिद्धू, ओपी सोनी, और सुखबिंदर सिंह सरकारिया

-गुरदासपुर: तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, अरुणा चौधरी और सुखजिंदर सिंह रंधावा

-बठिंडा: मनप्रीत बादल और गुरप्रीत सिंह कांगड़

-संगरूर: रजिया सुल्ताना और विजय इंदर सिंगला

-होशियारपुर: सुंदर शाम अरोड़ा

-फिरोजपुर: राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी

-लुधियाना: भारत भूषण आशु

-रूपनगर: चरणजीत सिंह चन्नी

-एसएएस नगर: बलबीर सिद्धू इन जिलों को नहीं मिला प्रतिनिधित्व

-जालंधर: 9 विधानसभा सीटें

-बरनाला: 3 विधानसभा सीटें

-फरीदकोट: 3 विधानसभा सीटें

-फतेहगढ़ साहिब: 3 विधानसभा सीटें

-फाजिल्का: 3 विधानसभा सीटें

-कपूरथला: 4 विधानसभा सीटें

-मानसा: 3 विधानसभा सीटें

-मोगा: 4 विधानसभा सीटें

-पठानकोट: 3 विधानसभा सीटें

-श्री मुक्तिसर साहिब: 4 विधानसभा सीटें

-नवांशहर: 3 विधानसभा सीटें

-तरनतारन: 4 विधानसभा सीटें सबसे अधिक जंट्ट सिखों को प्रतिनिधित्व

कैबिनेट विस्तार के साथ ही कांग्रेस में घमासान मचा हुआ है। सबसे अधिक शोर ओबीसी कैटेगरी और दलित प्रतिनिधित्व को लेकर मच रहा है। 32 फीसद दलित आबादी वाले पंजाब में 3 कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं, जबकि करीब 27 फीसद ओबीसी आबादी वालों को कैबिनेट में कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है। इसी बात को लेकर सबसे अधिक नाराजगी पाई जा रही है। कांग्रेस में करीब एक दर्जन ओबीसी कैटेगरी के विधायक है, लेकिन किसी भी विधायक को मंत्री पद नहीं दिया गया है, जबकि कैबिनेट में जंट्ट सिखों का दबदबा बरकरार है। कैप्टन की कैबिनेट में 8 जंट्ट सिख और एक खत्री सिख (राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी) हैं, जबकि 5 हिंदुओं को प्रतिनिधित्व दिया गया है।


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