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एसवाईएल नहर की जमीन लौटाने पर कैबिनेट की मुहर

प्रकाश सिंह बादल के नेतृत्‍व में हुई बैठक में पंजाब कैबिनेट ने एसवाईएल नहर के लिए अधिग्रहीत जमीन उसके मालिकों को वापस करने के प्रस्‍ताव को मंजूरी दे दी। इसके लिए विधानसभा के बजट सत्र में ही एक बिल पेश किया जाएगा।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sat, 12 Mar 2016 10:02 AM (IST)Updated: Sat, 12 Mar 2016 12:46 PM (IST)
एसवाईएल नहर की जमीन लौटाने पर कैबिनेट की मुहर

राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिमंडल ने सतलुज-यमुना लिंक नहर निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत की गई जमीन वारिसों वापस करने को मंजूरी दे दी है। इसके लिए विधानसभा के जारी सत्र में पंजाब सतलुज-यमुना लिंक कैनाल (रिहैबिलीटेशन एंड री-वेस्टिंग ऑफ प्रॉपर्टी राइट्स) बिल 2016 पेश करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला किया गया कि सोमवार को विधानसभा में बिल पेश किया जाएगा।

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संबंधित राजस्व अथॉरिटी द्वारा इस जमीन संबंधी मालिकाना हक में जरूरी संशोधन व दुरुस्ती करने को यकीनी बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल ने इस संबंधी बिल के प्रारूप को स्वीकृति दे दी है जिसके तहत जमीन मालिकों या उनके वारिसों को उनके द्वारा प्राप्त किए सभी बनते लाभों के साथ मुआवजे की समूची राशि 60 बराबर किस्तों में ब्याज समेत वापस करनी पड़ेगी जो अधिसूचना जारी करने की तिथि के छह माह की अंतिम तिथि से शुरू होगी। ऐसा न करने की सूरत में इसकी वसूली राजस्व विभाग द्वारा जमीनी बकाया के तौर पर की जाएगी।

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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री बादल ने वीरवार को पंजाब विधानसभा में पंजाब के वर्तमान व भविष्य से जुड़े इस बेहद अहम, गंभीर व नाजुक मुद्दे पर विधानसभा में भी प्रस्ताव पेश किया था। इस ऐतिहासिक प्रस्ताव में मुख्यमंत्री ने एेलान किया था कि पंजाब सरकार विवादित सतलुज-यमुना लिंक नहर के निर्माण के लिए प्राप्त की जमीन इसके मालिकों को पुन: वापस करेगी।

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उन्होंने स्पष्ट किया था कि पंजाब के नदी पानी के मामले में कोई भी अन्यायपूर्ण फैसला मंजूर नहीं किया जाएगा। देश व दुनिया में स्वीकृत रिपेरियन कानून का उल्लंघन करके पंजाब के पानी छीनने के लिए इस नहर के निर्माण का फैसला जबरन पंजाबियों पर थोपने के प्रयास को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि विपक्षी कांग्रेस की गैर मौजूदगी में इस प्रस्ताव पर सदन में मुहर लगी थी।

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