Online मंगवाया iPhone 7 प्लस, भेज दी साबुन की पांच टिकिया
कंज्यूमर कोर्ट ने कंपनी को ग्राहक के 81799 रुपये आठ प्रतिशत बयाज सहित लौटाने का आदेश दिया है।
By Edited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 10:25 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 02:58 PM (IST)
मोहाली [राजन सैनी]। कंज्यूमर फोरम ने आइफोन 7 प्लस की जगह एक ग्राहक को रिन साबुन की पांच टिकिया भेजने के मामले में स्नैपडील कंपनी पर हर्जाना लगाया है। फोरम ने कंपनी को ग्राहक के 81,799 रुपये आठ प्रतिशत बयाज सहित लौटाने का आदेश दिया है। साथ ही ग्राहक को इस दौरान आई परेशानी के लिए दस हजार रुपये मुआवाजा राशि और दस हजार रुपये केस खर्च देने के लिए कहा है। मोहाली स्थित एसएस नगर प्रवीण कुमार मोहाली स्थित कंज्यूमर फोरम में शिकायत दी थी कि उसने 4 मार्च 2017 को स्नैपडील कंपनी की साइट से आइफोन 7 प्लस का ऑर्डर किया था। जिसके लिए उसने अपने क्रेडिट कार्ड के जरिए 81,799 रुपये का भुगतान किया था।
अपनी शिकायत में प्रवीण ने बताया कि उसे अपनी कंपनी की तरफ से मोहाली में रहने के लिए गेस्ट हाउस मिला हुआ था। जहां पर केयर टेकर के तौर पर नेत्रा नाम का व्यक्ति उसके साथ रहता था। स्नैपडील कंपनी से आइफोन 7 प्लस 128 जीबी ऑर्डर करने के बाद उन्हें स्नैपडील कंपनी की तरफ से बताया गया था कि उन्हें 12 मार्च से पहले फोन मिल जाएगा। इस दौरान उन्होंने आइफोन के लिए की गई पेमेंट की 6 किश्ते बनावा लीं। जोकि 13,268 रुपये प्रतिमाह बनी। इसके लिए उन्हें 5,701 रुपये बयाज लगाया गया। 6 मार्च को ब्लयू डॉट कोरियर कंपनी की तरफ से कोरियर भेजा गया। केयर टेकर नेत्रा ने कोरियर को खोलने के लिए कहा, लेकिन कोरियर बॉय ने इसे खोलने से इन्कार किया। उन्हें कहा कि वह इसे खोले बिना वापस कर सकते हैं। केयर टेकर ने कोरियर बॉय से डिलीवरी ले ली।
हेल्पलाइन ने दिया था समस्या हल करने का आश्वासन
रात को जब प्रवीण कुमार घर पहुंचे तो नेत्रा ने उन्हें उनका कोरियर दे दिया। जब प्रवीण ने कोरियर खोला तो उसके होश उड़ गए। कोरियर पैकेट के अंदर रिन साबुन की पांच टिकिया थीं। जिसके बाद प्रवीण ने हेल्पलाइन पर कॉल कर इसकी सूचना दी। हेल्पलाइन से प्रवीण को आश्वासन मिला की जल्द ही उनकी समस्या को हल कर दिया जाएगा। जिसके लिए एक सप्ताह लग सकता है, लेकिन समय बीत जाने के बाद प्रवीण को बताया गया कि उनकी शिकायत को बंद कर दिया गया। जिसके बाद प्रवीन द्वारा कंज्यूमर फोरम में इसकी शिकायत की गई।
कंपनी ने अपने पक्ष में दी यह दलील मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि उनकी वेबसाइट थर्ड पार्टी को अपने प्रोडक्ट्स बेचने के लिए स्वतंत्रता देती है। कंपनी स्वंय कोई प्रोडक्ट नहीं बेचती, बल्कि थर्ड पार्टी अपने प्रोडक्ट की एडवरटाइजिंग वेबसाइट पर करती है। अगर ग्राहक को प्रोडक्ट पसंद आता है तो वह कंपनी को क्रेडिट कार्ड या अन्य माध्यम से उसके लिए पे करता है। इसलिए इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। वहीं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अब कंज्यूमर फोरम ने अपना यह फैसला सुनाया है।
अपनी शिकायत में प्रवीण ने बताया कि उसे अपनी कंपनी की तरफ से मोहाली में रहने के लिए गेस्ट हाउस मिला हुआ था। जहां पर केयर टेकर के तौर पर नेत्रा नाम का व्यक्ति उसके साथ रहता था। स्नैपडील कंपनी से आइफोन 7 प्लस 128 जीबी ऑर्डर करने के बाद उन्हें स्नैपडील कंपनी की तरफ से बताया गया था कि उन्हें 12 मार्च से पहले फोन मिल जाएगा। इस दौरान उन्होंने आइफोन के लिए की गई पेमेंट की 6 किश्ते बनावा लीं। जोकि 13,268 रुपये प्रतिमाह बनी। इसके लिए उन्हें 5,701 रुपये बयाज लगाया गया। 6 मार्च को ब्लयू डॉट कोरियर कंपनी की तरफ से कोरियर भेजा गया। केयर टेकर नेत्रा ने कोरियर को खोलने के लिए कहा, लेकिन कोरियर बॉय ने इसे खोलने से इन्कार किया। उन्हें कहा कि वह इसे खोले बिना वापस कर सकते हैं। केयर टेकर ने कोरियर बॉय से डिलीवरी ले ली।
हेल्पलाइन ने दिया था समस्या हल करने का आश्वासन
रात को जब प्रवीण कुमार घर पहुंचे तो नेत्रा ने उन्हें उनका कोरियर दे दिया। जब प्रवीण ने कोरियर खोला तो उसके होश उड़ गए। कोरियर पैकेट के अंदर रिन साबुन की पांच टिकिया थीं। जिसके बाद प्रवीण ने हेल्पलाइन पर कॉल कर इसकी सूचना दी। हेल्पलाइन से प्रवीण को आश्वासन मिला की जल्द ही उनकी समस्या को हल कर दिया जाएगा। जिसके लिए एक सप्ताह लग सकता है, लेकिन समय बीत जाने के बाद प्रवीण को बताया गया कि उनकी शिकायत को बंद कर दिया गया। जिसके बाद प्रवीन द्वारा कंज्यूमर फोरम में इसकी शिकायत की गई।
कंपनी ने अपने पक्ष में दी यह दलील मामले की सुनवाई के दौरान कंपनी ने अपने पक्ष में दलील देते हुए कहा कि उनकी वेबसाइट थर्ड पार्टी को अपने प्रोडक्ट्स बेचने के लिए स्वतंत्रता देती है। कंपनी स्वंय कोई प्रोडक्ट नहीं बेचती, बल्कि थर्ड पार्टी अपने प्रोडक्ट की एडवरटाइजिंग वेबसाइट पर करती है। अगर ग्राहक को प्रोडक्ट पसंद आता है तो वह कंपनी को क्रेडिट कार्ड या अन्य माध्यम से उसके लिए पे करता है। इसलिए इसमें उनकी कोई गलती नहीं है। वहीं दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अब कंज्यूमर फोरम ने अपना यह फैसला सुनाया है।
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