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पर्यटन स्थल खुलेंगे तो व्यापार भी खिलेगा

लॉकडाउन के बाद उबरते व्यापार को हिमाचल बॉर्डर खुलने से राहत मिली।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 08:47 PM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 05:04 AM (IST)
पर्यटन स्थल खुलेंगे तो व्यापार भी खिलेगा
पर्यटन स्थल खुलेंगे तो व्यापार भी खिलेगा

शंकर सिंह, चंडीगढ़ : लॉकडाउन के बाद उबरते व्यापार को हिमाचल बॉर्डर खुलने से राहत मिली। जहां पहले हफ्ते ही लोगों का हुजूम कसौली और शिमला की तरफ बढ़ा, तो वहीं शहर के होटल भी इसको लेकर काफी उत्साहित दिखे। हालांकि अभी भी शहर में प्रमुख पर्यटन स्थल बंद हैं। अन्य राज्यों से हिमाचल घूमने वालों के लिए पसंदीदा स्टॉप स्टेशन चंडीगढ़ ही होता था। जिससे शहर के होटल को भी फायदा पहुंचता था। आज विश्व पर्यटन दिवस है, हमने शहर के पर्यटन और इसके व्यापार से जुड़े प्रमुख लोगों से बात की। अभी 30-40 फीसद हो रही होटल बुकिग

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होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन चंडीगढ़ के प्रधान अरविदर पाल ने कहा कि लॉकडाउन के बाद होटल इंडस्ट्री खास नहीं चल रही थी। हिमाचल बॉर्डर और 100 लोगों की गेदरिग के साथ इवेंट्स की मंजूरी से कुछ राहत मिली। ट्राईसिटी में करीब 700 होटल्स हैं। जिसमें से कुछ पिछले रेंट की वजह से अभी खुले नहीं हैं। शहर में पर्यटन स्थल सावधानी के साथ खोले जाएं, तो हमें कुछ फायदा होगा। अभी होटल 30-40 फीसद तक बुक हो रहे हैं। व्यापार को बेहतर बनाने की और काम होना चाहिए

फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सदस्य मनमोहन सिंह कोहली ने कहा कि इस साल घाटा पूरा करना थोड़ा मुश्किल है। ऐसे में व्यापार को बेहतर बनाने को लेकर कार्य होना चाहिए। कोरोना वायरस से लड़ते हुए, हमें कुछ इस तरह से प्लान करना चाहिए कि सभी व्यापार भी बेहतर हों। होटल इंडस्ट्री के लिए पर्यटन प्रमुख है। ऐसे में पर्यटन स्थल खुलेंगे, तो यकीनन होटल इंडस्ट्री को फायदा होगा। स्थानीय लोगों के लिए खोले जाने चाहिए म्यूजियम

ली कार्बूजिए सेंटर-19 की डायरेक्टर दीपिका गांधी ने कहा कि शहर के म्यूजियम को स्थानीय लोगों के लिए खोला जाना चाहिए। मैंने प्रशासन को प्रस्ताव भेजा था कि लोकल लोगों को कोरोना वायरस से जुड़ी तमाम सावधानियों का ध्यान रखते हुए ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट देकर विजिट करवाई जाए। लेकिन इस पर काम नहीं हुआ। रोजाना हमारे म्यूजियम में 200-250 विजिटर आते थे। कैपिटल कांप्लेक्स में भी तीन बैच में टूरिस्ट विजिट रखी थी, जिसमें हर बैच में 30 लोग आते थे। रोजाना पांच हजार की टिकट बिकती थी रॉक गार्डन की

स्वर्गीय नेकचंद के बेटे अनुज सैनी ने कहा कि रॉक गार्डन में रोजाना पांच हजार की टिकट बिकती थी। हालांकि अभी सरकारी निर्देश की वजह से ये बंद हैं। उम्मीद है स्थिति जल्द सामान्य हो तो ये खुलेंगे। पर्यटन स्थल शहर को खुशनुमा बनाते हैं, रॉक गार्डन के अंदर कैंटीन से लेकर पोट्रेट बनाने वाले कलाकार बैठते थे। जिनके लिए ये आय का जरिया था। ऐसे में रॉक गार्डन के खुलने से इनका रोजगार भी दुरुस्त हो।


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