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जमकर हो रहा सफेद दूध का काला कारोबार, ऐसे करें मिलावट की जांच

पंजाब में सफेद दूध में मिलावट का काला कारोबार हो रहा है। आम लोग इन मिलावटी वस्तुओं का रोज इस्तेमाल कर रहे हैं।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 02:35 PM (IST)Updated: Mon, 27 Aug 2018 09:01 PM (IST)
जमकर हो रहा सफेद दूध का काला कारोबार, ऐसे करें मिलावट की जांच
जमकर हो रहा सफेद दूध का काला कारोबार, ऐसे करें मिलावट की जांच

जेएनएन, चंडीगढ़। त्योहारी सीजन नजदीक आते ही पंजाब में दूध का काला कारोबार तेज हो गया है। गाय-भैंस के दूध में तो मिलावट कर जहर घोला ही जा रहा है साथ ही फैक्टरियों में भी नकली दूध व इससे बनने वाला खाद्य पदार्थ तैयार किया जा रहा है। आए दिन बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध व इससे बनी वस्तुएं पकड़ी जा रही हैं। मिलावटी उत्पाद बनाने वाली करीब एक हजार छोटी फैक्ट्रियां व दुकानें सील की गई हैं। इसके बावजूद यह गोरखधंधा रुक नहीं रहा।

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पहले मिलावट का यह काला धंधा दिवाली के आसपास ही जोर पकड़ता था, लेकिन इस बार इसकी शुरुआत काफी जल्दी हो गई है। खाद्य आयुक्त काहन सिंह पन्नू ने इन दिनों विशेष अभियान छेड़ रखा है जो आगे भी जारी रहेगा। इस सख्ती से यह बात तो साबित होती है कि लंबे समय से चल रही कालाबाजारी की जड़ें काफी गहरे तक समा चुकी हैं।

अब तक कहां-कहां हुई रेड

पंजाब के कई जिलों में छापे मारे जा रहे हैं, लेकिन मोगा, बाघापुराना, देवीगढ़ (पटियाला), गुरदासपुर और संगरूर में मिलावटी दूध, घी व पनीर की बड़ी मात्रा में बरामदगी हुई है। नकली दूध बनाने के लिए यूरिया, डिटर्जेंट पाउडर व तेजाब आदि का इस्तेमाल हो रहा है, जो जानलेवा साबित हो सकता है।

सस्ते के चक्कर में खरीद रहे जहर

आम लोग इन मिलावटी वस्तुओं का रोज इस्तेमाल कर रहे हैं। लोग सस्ते उत्पादों के चक्कर में जहर खरीद रहे हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सही मापदंड से एक किलो पनीर बनाने पर इसकी कीमत 256 रुपये बैठती है, जबकि बाजार में कई स्थानों पर यह 150 रुपये किलो के भाव से बिक रहा है। साफ है कि यह गाय या भैंस के दूध का बना हुआ कतई नहीं है। इसे रासायनिक तरीके से बनाया गया है।

अब तक कितनी बरामदगी

पटियाला के देवीगढ़ में 2740 लीटर देसी घी, 200 किलो पनीर, 320 किलो दही बरामद किया। यहीं से 4 बैग एसपीएम पाउडर भी बरामद किया गया। इसके अलावा 53 बैग सूखा पाउडर, 250 लीटर तेजाब, 750 लीटर सिरका, 1020 किलो सफेद पाउडर, 9 किलो डिटर्जेंट पाउडर, 7000 लीटर नकली दूध, 45 किलो मक्खन, 2.50 क्विंटल देसी घी, 42 किलो देसी घी, 12 क्विंटल देसी घी खुले ड्रम में, मोगा में 12 क्विंटल दूध, 100 किलो दही, 100 किलो पनीर पकड़ा गया। मोगा में तो फैक्ट्री मालिक घर और फैक्ट्री छोड़कर भाग गया है। विभाग ने वहां नोटिस चिपका दिए हैं। गुरदासपुर में 1000 किलो पनीर बरामद किया जा चुका है।

724 सैंपल में से 434 फेल

विभाग की ओर से खरड़ लैब में भेजे गए 724 सैंपलों में से 434 सैंपल फेल हो गए। साफ है कि फेल होने वाले सैंपल 60 फीसद से ज्यादा हैं। फूड कमिश्नर काहन सिंह पन्नू ने बताया कि लोग अब खुलकर सामने आ रहे हैं। रिमोट एरिया में खुली नकली दूध, पनीर की फैक्ट्रियों के बारे में जानकारी दे रहे हैं। 20 फीसद उत्पाद निम्नस्तरीय पाए गए हैं। सेहत विभाग के अनुसार रोजाना एक व्यक्ति औसतन 1035 एमएल दूध का इस्तेमाल करता है।

नकली दूध के कारण डेयरी उद्योग खतरे में

नकली दूध के कारण डेयरी उद्योग खतरे में है। रोपड़ के बहादुरपुर के डेयरी फार्मर गगन ने अपने डेयरी से तैयार मिठाइयों का काम बंद कर दिया है। उनका कहना है कि अगर आप अपने उत्पादों में क्वालिटी देना चाहते हैं, तो वह काफी महंगी पड़ती है। बाजार में बिकने वाली मिठाइयों की तुलना में दाम ज्यादा होने के कारण बिक्री प्रभावित होती है।

नकली दूध की बिक्री से दूध के दाम भी गिरे हैं। मिल्कफेड दूध उत्पादकों को पिछली छह पेमेंट नहीं कर पाया है। सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने डेयरी मालिकों के साथ मीटिंग कर मिल्कफेड को 90 करोड़ रुपये रिलीज करने के आदेश दिए हैं। इसके बावजूद दाम में कोई वृद्धि नहीं हुई। अपने धंधे को बचाने के लिए डेयरी मालिक खुद आगे आकर विभाग की मदद कर रहे हैं।

कानून को मजबूत करने की तैयारी

बड़ी मात्रा में मिलावटी दूध-घी व पनीर की बरामदगी के बाद सरकार की नींद टूटने लगी है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने इसे गंभीरता से लिया है। कैबिनेट की बैठक में भी यह मुद्दा उठा। कैप्टन ने खुद ही यह मुद्दा उठाया। हालांकि यह एजेंडे में यह शामिल नहीं था। मुख्यमंत्री ने खाद्य वस्तुओं में मिलावट को रोकने वाले कानून में संशोधन कर इसको और सख्त बनाने के लिए नए रास्ते तलाशने के आदेश दिए हैं। खाद्य वस्तुओं में मिलावट का विषय केंद्रीय कानून के तहत आता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस मामले में अपनी तरफ से क्या कदम उठा सकती है, इसके रास्ते तलाशने चाहिए। बैठक में यह मुद्दा भी उठा कि मछली को स्टोर करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला मसाला भी स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। मंत्रिमंडल ने ऐसे अपराध रोकने के लिए आम सहमति से सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत पर जोर दिया। इन दिनों 'मिशन तंदुरुस्त' के तहत राज्यभर में दूध व दूध से बने उत्पाद, सब्जियों, फल आदि के स्टोरों पर छापेमारी की जा रही है।

मिलावट से सेहत को खतरा

सिविल अस्पताल, जालंधर के डॉ. कश्मीरी लाल का कहना है कि दूध में पानी मिलाने से सेहत को नुकसान नहीं होता। इसमें पाए जाने वाले तत्वों मात्रा जरूर कम हो जाती है। लेकिन, दूध में अन्य चीजों की मिलावट से सेहत खराब होने का खतरा रहता है। दूध में मालटोज डेक्सट्राइन शुगर रोगियों की शुगर को बढ़ावा देकर उन्हें खतरे में डाल सकता है। -यूरिया व डिटर्जेंट पाउडर पेट में खराबी, आंतों व लिवर में कैंसर का खतरा पैदा कर सकता है। इससे किडनी खराब हो सकती है।

ऐसे करें मिलावट की जांच

  • थोड़ा सा कच्चा दूध लेकर उसे ढलान वाली मार्बल व शीशे की जगह पर गिराएं। अगर दूध सफेद लाइन छोड़ते हुए नीचे तक पहुंचे तो ठीक है। अगर ऐसा नहीं है दूध मिलावटी है।
  • आधा कप दूध में बराबर मात्रा में पानी मिलाएं, अगर उसे थोड़ा हिलाने पर झाग आए तो दूध में डिटर्जेंट की मिलावट है।
  • दूध में वनस्पति घी की जांच के लिए तीन मिलीलीटर दूध में 10 बूंदें हईड्रोक्लोरिक एसिड और एक चमच चीनी डालें। पांच मिनट बाद अगर दूध का रंग लाल हो जाए, तो इसमें वनस्पति घी की मिलावट है।
  • दूध में स्टार्च की मिलावट जांचने के लिए दूध में कुछ बूंदें टिंचर आयोडिन की डालें। अगर दूध का रंग नीला हो जाता है, तो इसमें स्टार्च की मिलावट है।
  • सिंथेटिक दूध की पहचान करने के लिए दूध को हथेलियों के बीच रगड़ें। अगर साबुन जैसा लगे तो यह सिंथेटिक हो सकता है। 

मिलावटी देसी घी

फूड सेफ्टी अफसर राशु महाजन व दिव्या भगत का कहना है कि देसी घी में आलू, मीठे आलू व स्टार्च की मिलावट का पता लगाने के लिए आधा चम्मच घी और मक्खन को शीशे के गिलास में डालें। इसमें 2-3 ड्रॉप्स टिंचर आयोडिन की डालें। अगर इसका रंग नीला हो जाता है, तो देसी घी मिलावटी है।

पनीर और खोया 

थोड़ी मात्रा में खोया व पनीर को अलग-अलग कांच की कटोरी में मैश कर स्वच्छ पानी में घोल लें। इसमें 2-3 ड्रॉप्स टिंचर आयोडिन की डालें। अगर इसका रंग नीला हो जाता है, तो यह मिलावटी है। खोया व पनीर में अक्सर स्टार्च मिलाया जाता है। (प्रस्तुति: इन्द्रप्रीत सिंह, जगदीश कुमार)

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