बिजनेस काउंसिल की मांग प्रशासन कलेक्टर रेट करे कम
चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल (सीबीसी) ने चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड (सीएचबी) की संपत्तियों की हालिया नीलामी को फ्लाप करार देते हुए यूटी प्रशासक को पत्र लिखा है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : चंडीगढ़ बिजनेस काउंसिल (सीबीसी) ने चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड (सीएचबी) की संपत्तियों की हालिया नीलामी को फ्लाप करार देते हुए यूटी प्रशासक को पत्र लिखा है। बोर्ड की 35 संपत्तियों में से केवल चार संपत्तियां ही पिछली नीलामी में बिक पाई थी। बिजनेस काउंसिल ने प्रशासन को कलेक्टर रेट में कमी करने का आग्रह किया है।
सीबीसी के अध्यक्ष चंद्र वर्मा ने कहा कि खराब रूझान के कारणों का पता लगाने की आवश्यकता है। प्रापर्टी का स्टेटस लीज होल्ड से फ्री होल्ड में बदलने के बावजूद आवासीय और वाणिज्यिक संपत्तियों के लिए इक्का दुक्का खरीदार ही मिल रहे हैं। 35 प्रापर्टी में से महज चार ही बिक पाई। सीबीसी की बैठक में भी इस मुद्दे पर चर्चा की गई थी और बैठक में मौजूद सदस्यों ने सर्वसम्मति से उच्च कलेक्टर रेट को मुख्य कारण बताया जो न्यूनतम आरक्षित मूल्य और संपत्तियों की आगे की नीलामी प्रतिक्रिया निर्धारित करते हैं।
सीबीसी सदस्यों ने यह भी चर्चा की कि चंडीगढ़ को अब पसंदीदा शहर के रूप में नहीं माना जा रहा है क्योंकि पंचकूला और मोहाली के आसपास के इलाकों को बहुत कम कलेक्टर दरों के अलावा चौतरफा प्रगति के कारण बेहतर विकल्प माना जाता है। फ्लोर एरिया रेशो (एफएआर) अधिक होने से वहां रेट कम हो जाते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि चंडीगढ़ हाउसिग बोर्ड, चंडीगढ़ प्रशासन और एस्टेट आफिस जैसे विभागों को पहले कलेक्टर रेट को कम करना चाहिए, जो पंचकूला और मोहाली के बराबर होनी चाहिए। फिर तत्काल बेहतर परिणामों के लिए किसी भी संपत्ति की नीलामी करनी चाहिए।