पंजाब में चलेंगी पानी व जमीन पर दौड़ने वाली बसें
पंजाब में जल्द ही जमीन व पानी दोनों पर दौड़ने बसें चलेंगी। ऐसी बसें जल्द ही ब्यास एवं सतलुज नदियों के संगम हरिके पत्तन के रामसर क्षेत्र में चलेंगी। पंजाब सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजना बनाई है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। पंजाब में जल्द ही जमीन व पानी दोनों पर दौड़ने बसें चलेंगी। ऐसी बसें जल्द ही ब्यास एवं सतलुज नदियों के संगम हरिके पत्तन के रामसर क्षेत्र में चलेंगी। पंजाब सरकार ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए व्यापक योजना बनाई है। यह कदम इसी का हिस्सा है।
हरिके पत्तन के रामसर क्षेत्र में जल्द चलेगी ऐसी बस
हरिके पत्तन क्षेत्र को वेटलैंड के रूप में विकसित किया गया है। यहां काफी संख्या मे देश-विदेश के सैलानी आते हैं। यहां देसी -विदेशी पक्षियों का मेला लगा रहता है। इस बसों के चलने से उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजेक्ट भी हकीकत बन जाएगा।
ट्रायल के तौर पर जल्द चलेगी पहली बस, सुखबीर सिंह बादल का ड्रीम प्रोजेक्ट बनेगा हकीकत
उत्तर भारत के सबसे बड़े इस जल क्षेत्र में आगंतुकों को हरिके हेडवर्क्स में दर्शनीय स्थलों की यात्रा करवाने के बाद बस झील में प्रवेश करेगी। इससे पर्यटक हरिके वन्यजीव अभयारण्य का भी आनंद उठा सकेंगे। 8600 हेक्टेयर का यह क्षेत्र विदेशी परिंदों का महत्वपूर्ण निवास है। पंजाब हेरिटेज टूरिज्म प्रमोशन बोर्ड (पीएचटीपीबी) ने एक पर्यटक बस के लिए निविदा आमंत्रित की है।
हरिके पत्तन वेटलैंड को पक्षी विहार क्षेत्र।
इन बसों में लाइफ जैकेट के साथ अन्य सामान भी होगा। बसों की क्षमता 10 बच्चों सहित 60 पर्यटकों को ले जाने की होगी। ऐसी एक बस की कीमत करीब डेढ़ से दो करोड़ रुपये होगी। पहली बस का ट्रायल सफल होने के बाद और बसें खरीदने का फैसला होगा।
हरिके पत्तन क्षेत्र क विहंगम दृश्य।
हाल ही में हरिके पत्तन क्षेत्र में सिंधु डॉल्फिन भी देखी गई थी। हरिके क्षेत्र अमृतसर, फिरोजपुर और कपूरथला के 4100 हेक्टेयर में फैला है। पंजाब सरकार ने लोगों को आकर्षित करने के लिए यहां पानी में 10 घडि़याल छोड़ने की योजना भी बनाई है।