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नीरजा भनोट को ब्रिटिश संसद ने दिया भारत गौरव का अवॉर्ड

हाउस ऑफ कॉमंस यानि ब्रिटिश पार्लियामैंट ने भी भारत की बेटी नीरजा भनोट की बहादुरी का लोहा माना है। संसद ने उन्हें भारत गौरव अवॉर्ड दिया।

By Test1 Test1Edited By: Published: Sun, 03 Jul 2016 05:16 PM (IST)Updated: Sun, 03 Jul 2016 06:18 PM (IST)
नीरजा भनोट को ब्रिटिश संसद ने दिया भारत गौरव का अवॉर्ड

चंडीगढ़ [वेब डेस्क] । हाउस ऑफ कॉमंस यानि ब्रिटिश पार्लियामैंट ने भी भारत की बेटी नीरजा भनोट की बहादुरी का लोहा माना है। संसद ने लंदन में 2 जुलाई को हुए एक विशेष सम्मान समारोह में नीरजा भनोट को मरणोपरांत प्रतिष्ठित भारत गौरव अवॉर्ड से सम्मानित किया।

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सम्मान को जयपुर में मुख्यालय और अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति रखने वाले एनजीओ संस्कृति युवा संस्था द्वारा स्थापित किया गया है। नीरजा के भाईयों अखिल और अनीष भनोट ने लंदन में हुए सम्मान समारोह में ये अवॉर्ड को प्राप्त किया। इस मौके पर बोरोनेस संदीप वर्मा, हाउस ऑफ लॉड्र्स के सदस्य और यूके सरकार में स्टेट फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट के पार्लियामेंट्री अंडर सैक्रेटरी, मुख्यातिथि के तौर पर उपस्थित थे।

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नीरजा को ये सम्मान राष्ट्र की विशेष सेवा और अनुकरणीय व्यक्तिगत सफलता प्राप्त करने के लिए प्रदान किया गया। उनके प्रशस्तिपत्र में लिखा गया है कि ‘‘वे भारत के उन विशेष व्यक्तित्वों में से एक हैं जिन्होंने हमेशा ही अन्य सभी को प्रेरित किया है ताकि वे आने वाले कल के लिए सभी का प्रेरक बनें। वे भारत के साथ ही पूरे विश्व का गौरव हैं।’’

नीरजा ने जान देकर बचाई लोगों जिंदगी

ये उल्लेखित करना जरूरी है कि नीरजा उस पैन एम फ्लाइट की सीनियर फ्लाइट पर्सर थी जिसे 4 हथियारबंद अपहरणकर्ताओं ने कराची एयरपोर्ट पर अगवा कर लिया था। नीरजा के तुरंत ही सक्रिय होने और सुरक्षा कदम उठाने के चलते अमेरिकी पायलट्स विमान से बाहर निकलने में सफल रहे।

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अपनी व्यक्तिगत सुरक्षा को नजरअंदाज करते हुए नीरजा ने आतंकियों को अपना परिचय दिया और बताया कि वे क्रू की इंचार्ज हैं। बहादुरी और हौसले की अद्भुत मिसाल पेश करते हुए उन्होंने मानवता की रक्षा की मिसाल कायम की। उन्होंन अमेरिकी यात्रियों के पासपोर्ट छिपा दिए क्योंकि अपहरणकर्ता अमेरिकियों को मारना चाहते थे।

अशोक चक्र पाने वाली सबसे पहली युवा

उन्होंने तीन अमेरिकी बच्चों को आतंकियों द्वारा की गई गोलियों की बौछार से बचाने के लिए खुद को ढाल के तौर पर आगे कर दिया और अपनी जान दे दी। नीरजा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘हीरोइन ऑफ द हाईजैक’ के तौर पर माना गया और वे अशोक चक्र प्राप्त करने वाली सबसे युवा बनी जो कि भारत सरकार का बहादुरी के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। उन्हें अमेरिका और पाकिस्तान द्वारा भी विभिन्न प्रतिष्ठित सम्मानों से सम्मानित किया गया है।

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