बहादुर पिता ने बेटे की किडनी दान कर बचाई दो जिंदगी
मौत के बाद उसकी दोनों किडनी दान करके दो लोगों को नई जिदगी दी है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : अंबाला जिले के थरौली गांव के 22 वर्षीय सुनील के बहादुर पिता राजेश कुमार ने अपने बेटे की मौत के बाद उसकी दोनों किडनी दान करके दो लोगों को नई जिदगी दी है। सुनील की दोनों किडनी पीजीआइ में किडनी की प्रतिक्षा सूची में शामिल दो मरीजों को ट्रांसप्लांट की गई है। सुनील के पिता को अपने इस निर्णय पर गर्व है, उनका कहना है कि उनके बेटे ने जीते जी दूसरों की मदद की और अब दुनिया से जाते हुए भी दूसरों को नई जिदगी दे दी। ऐसे बेटे का पिता होने पर उन्हें नाज है।
28 में जुड़ी एक और कड़ी
पीजीआइ को इस वर्ष अब तक 28 परिवारों ने अपने प्रियजनों के ऑर्गन दान किए हैं। सुनील उसकी एक और कड़ी के रूप में शामिल हो गया है। सुनील 21 नवंबर को अपने गांव में बाइक से कहीं जा रहा था। अचानक उसकी बाइक एक पत्थर से टकरा गई और उसके सिर में गंभीर चोट आ गई। परिजनों ने उसे पास के सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। स्थिति बिगड़ने पर उसे 22 दिसंबर को पीजीआइ में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान दो दिसंबर को सुनील की मौत हो गई। मानवता की मिसाल है परिवार
पीजीआइ ने सुनील के परिवार के इस निर्णय पर आभार व्यक्त करते हुए उन्हें मानवता की मिसाल कहा है। पीजीआइ रोटो (रीजनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन) के नोडल ऑफिसर डॉ. विपिन कौशल का कहना है कि अगर सुनील के परिवार की तरह अन्य लोग भी ऑगर्न डोनेशन के महत्व को समझने लगे तो फिर वस्तु स्थिति बदल जाएगी। किडनी और अन्य ऑर्गन के लिए वेटिग लिस्ट में शामिल मरीजों की संख्या गिनी-चुनी रह जाएगी। इसके लिए व्यापक स्तर पर जागरूकता जरूरी है।