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कैंडिडेट घोषित नहीं होने से बढ़ रहीं कार्यकर्ताओं की धड़कनें

इसका फायदा कांग्रेस ने उठाना शुरू कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Apr 2019 09:54 PM (IST)Updated: Fri, 19 Apr 2019 06:40 AM (IST)
कैंडिडेट घोषित नहीं होने से बढ़ रहीं कार्यकर्ताओं की धड़कनें
कैंडिडेट घोषित नहीं होने से बढ़ रहीं कार्यकर्ताओं की धड़कनें

राजेश ढल्ल, चंडीगढ़ : भाजपा की चंडीगढ़ से टिकट में देरी कहीं उनके उम्मीदवार को महंगी न पड़ जाए, क्योंकि इसका फायदा कांग्रेस ने उठाना शुरू कर दिया है। कांग्रेस ने ऐसे नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करना शुरू कर दिया है, जिनका शहर के किसी न किसी विशेष वर्ग पर प्रभाव है। ऐसे में कांग्रेस भाजपा के उम्मीदवार तय करने से पहले से धड़ाधड़ दल बदल की राजनीति कर रही है। जबकि प्रचार में भी कांग्रेस और आप भाजपा से आगे चल रही है। ऐसे में उम्मीदवार तय न होने से भाजपा कार्यकर्ताओं की धड़कनें भी बढ़नी शुरू हो गई है, क्योंकि 21 अप्रैल से नामांकन भी शुरू हो जाएगा जबकि अभी तक भाजपा के उम्मीदवार ने प्रचार भी शुरू नहीं किया है। भाजपा को यह भी पता है कि उम्मीदवार तय होने से विरोधी गुट बवाल भी करेगा। ऐसे में नाराज नेताओं को मनाने में कुछ दिन लगेंगे। मालूम हो कि कांग्रेस ने दो अप्रैल और आप ने 20 जनवरी को उम्मीदवार की घोषणा कर दी थी। लेकिन आप अभी तक किसी भी प्रमुख नेता को दूसरे दल से अपने यहां पर शामिल नहीं करवा पाई है। कांग्रेस में छाबड़ा ने संभाल रखी है कमान

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दूसरे दलों से कांग्रेस में शामिल करवाने का काम खुद अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा देख रहे हैं। छाबड़ा ने ऐसे नेताओं की सूची तैयार की है, जिन्होंने निर्दलीय तौर पर पिछला नगर निगम चुनाव लड़ा था। ऐसे लोगों को अगले दिनों में कांग्रेस में शामिल करवाया जाएगा। जबकि अभी पिछले दिनों आप के काफी नेताओं को शामिल करवाया गया था। कुछ नेता भाजपा में शामिल होना चाहते हैं, लेकिन उम्मीदवार तय न होने और गुटबाजी के कारण उन्हें अभी शामिल नहीं करवाया जा रहा है। कौन-कौन प्रमुख नेता हो रहे है कांग्रेस में शामिल

अभी तक पूर्व मेयर गुरचरण दास काला, हाफिज अनवर उल हक, जन्नत जहां के अलावा कई प्रमुख नेता कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। जबकि शिअद के पूर्व अध्यक्ष जगजीत सिंह कंग के अलावा सतीश कैंथ भी शनिवार तक कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। ये दोनों नेता रविवार तक कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। कैंथ से भाजपा में टंडन और खेर गुट ने भी संपर्क किया है, लेकिन उम्मीदवार की देरी होने के कारण उन्हें निर्णय लेना पड़ रहा है। मालूम हो कि कैंथ ने इस साल भाजपा से बगावत करके निर्दलीय तौर पर मेयर का चुनाव लड़ा था। कांग्रेस और भाजपा के अपने-अपने दावे

-कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि दूसरे दलों के नेताओं को भी पता है कि शहर से कांग्रेस जीत रही है, इसलिए कई प्रमुख नेता अपने समर्थकों के साथ उन्हें संपर्क कर रहे हैं। अगले दिनों में कई नेता अपनी पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं।

-भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन का कहना है कि उम्मीदवार की घोषणा हाईकमान द्वारा की जानी है। कांग्रेस के भी कई नेता उनकी पार्टी के नेताओं के संपर्क में हैं, जिनका कांग्रेस से मोहभंग हो चुका है। वे भी सिर्फ भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी के शहर में कई कार्यक्रम हो रहे हैं, जिनमें पार्टी के प्रति लोगों का काफी उत्साह दिख रहा है।


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