सड़क दुर्घटना में घायलाें काे खून देकर प्रयागराज बने रक्तदानी, अब तक 225 बार रक्तदान कर बनाया Record
शिव कावड़ महासंघ चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ मिलकर सालों से रक्तदान कर रहे 59 वर्षीय प्रयागराज ने पहली बार 15 साल की उम्र में रक्तदान किया था।
जेएनएन, चंडीगढ़। मैं 10वीं क्लास का स्टूडेंट था तब एक दिन हॉकी खेलकर दोस्तों के साथ घर लौट रहा था। रास्ते में एक जगह दुर्घटना हुई थी। दाेस्ताें के साथ मिलकर हम घायलाें काे लेकर पीजीआइ चंडीगढ़ गए। डॉक्टरों ने खून की जब डिमांड की ताे पहली बार डर तो बहुत लगा लेकिन फिर भी रक्तदान किया। इस घटना ने मेरी जिंदगी ही बदल दी। तब से लेकर अाज तक यह क्रम जारी है।
यह कहना है रक्तदानी प्रयागराज का। वह शिव कावड़ महासंघ चैरिटेबल ट्रस्ट के साथ मिलकर सालों से रक्तदान कर रहे है। 59 वर्षीय प्रयागराज ने पहली बार 15 साल की उम्र में रक्तदान किया था। प्रयागराज 12 महीने में चार बार रक्तदान करते हैं।
बिजनेसमैन रनदीप नाप रहे धरती का कोना-कोना
बिजनेसमैन रनदीप बत्रा ने रक्तदान अभियान की सफलता के लिए एक अलग ही अभियान छेड़ रखा है। रनदीप मिशन कश्मीर टू कन्याकुमारी पर निकले हैं। वे चंडीगढ़ से हर तीन महीने पर देश के किसी एक स्टेट का भ्रमण करते हैं। वहां जाकर रक्तदान करते हैं और वहां के लोगों को अभियान से जोड़ने का प्रयास करते हैं। इस बार वर्ल्ड ब्लड डोनर-डे पर उन्होंने दिल्ली एम्स में 124वीं बार रक्तदान किया।
वर्ल्ड ब्लड डोनर डे कई जगह कार्यक्रम
इसके अलावा वर्ल्ड ब्लड डोनर डे पर पीजीआइ की ओर से पंजाब राजभवन में रक्तदान के साथ अंगदान के लिए जागरूकता पर कार्यक्रम किया गया। वहीं डेरा सच्चा सौदा की ओर से सेक्टर 49-सी स्थित कम्युनिटी सेंटर में आयोजित ब्लड डोनेशन कैंप में 3866 ने रक्तदान कैंप लगाया गया।
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