सुनील जाखड़ को फिल्मी चक्रव्यूह से घेरेगी भाजपा, अक्षय खन्ना को चुनाव में उतारने की तैयारी
भाजपा ने पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ को गुरदासपुर में फिल्मी चक्रव्यूह मेें घेरने की तैयारी की है। वह विनोद खन्ना के पुत्र अक्षय खन्ना को मैदान में उतार सकती है।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब में लाेकसभा चुनाव के लिए रणनीति तैयार कर ली है। भाजपा इस बार कांग्रेस के प्रदेश प्रधान व गुरदासपुर से सांसद सुनील जाखड़ को फिल्मी चक्रव्यूह में घेरने की तैयारी में है। गुरदासपुर सीट पर फिर से अपना कब्जा जमाने के लिए भाजपा हैवीवेट उम्मीदवार की तलाश कर रही है। पार्टी यहां से विनोद खन्ना के पुत्र बॉलीवुड कलाकार अक्षय खन्ना को अपना उम्मीदवार बना सकती है। विनोद खन्ना गुरदासपुर से चार बार सांसद रहे थे।
जाखड़ को घेरने के लिए भाजपा तलाश रही है हैवी वेट उम्मीदवार
इस सीट से फिल्म अभिनेता विनोद खन्ना के निधन के बाद हुए उपचुनाव में सुनील जाखड़ जीते थे। उपचुनाव में भाजपा ने स्वर्ण सलारिया को टिकट दी थी, लेकिन वह बुरी तरह हार गए थे। ऐसे में भाजपा यह गलती दोहराना नहीं चाहती है। चर्चा है कि यहां से भाजपा विनोद खन्ना के पुत्र अक्षय खन्ना को मैदान में उतारने की तैयारी में हैं। विनोद खन्ना की पहली पत्नी गीतांजलि से दो बेटे हैैं अक्षय व राहुल खन्ना।
विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना भी जता रही हैं टिकट पर दावा
सुनील जाखड़ कांग्रेस के कद्दावर नेता हैं। अत: उन्हें हराने के लिए भी चर्चित चेहरा चाहिए। फिलहाल विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना इस सीट से भाजपा टिकट की सबसे बड़ी दावेदार हैं। बीते 3 जनवरी को करतारपुर कॉरिडोर को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरदासपुर में हुई धन्यवाद रैली के दौरान भी कविता खन्ना को काफी महत्व दिया गया था। प्रधानमंत्री ने भी उनको काफी तवज्जो दी थी, लेकिन भाजपा की चिंता यह है कि कविता खन्ना को लेकर गुरदासपुर में खींचतान है। इसका असर लोकसभा चुनाव के दौरान दिख सकता है। यही कारण है कि अक्षय खन्ना को चुनाव मैदान में उतारा जा सकता है।
कविता खन्ना।
विनोद खन्ना के पुत्र होने के कारण उन्हें सहानुभूति का लाभ भी मिल सकता है। पिता की विरासत तो संभालेंगे ही। उनके मैदान में उतरने से पार्टी को गुटबाजी की समस्या से भी निजात मिल जाएगी। अभी कविता खन्ना व स्वर्ण सलारिया में नहीं बनती है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता भी मान रहे हैं कि अगर अक्षय खन्ना चुनाव मैदान में उतरते हैं तो सुनील जाखड़ को गुरदासपुर सीट पर ही घेरा जा सकता है। जाखड़ कांग्रेस के प्रदेश प्रधान हैं और सामने एक मजबूत चेहरा आने पर कांग्रेस का मुख्य फोकस ही गुरदासपुर हो जाएगा। इसका प्रदेश की बाकी सीटों पर असर होगा क्योंकि कांग्रेस गुरदासपुर में उलझ जाएगी। भाजपा से मजबूत चेहरा होने से जाखड़ अपना क्षेत्र नहीं छोड़ पाएंगे।