चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। Punjab Chunav 2022: भारतीय जनता पार्टी पंजाब में अब किसी दायरे में बंध कर नहीं रहना चाहती है। विधान सभा चुनाव को देखते हुए भाजपा ने अब हिंदुओं के दायरे से बाहर निकल कर ‘सिखों’ में भी पैठ बनानी शुरू कर दी है। दलितों के बाद भाजपा अब लगातार सिखों को पार्टी में जोड़ने में जुटी हुई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व प्रधान मनजीत सिंह सिरसा के भाजपा में आने के बाद अब पंजाब में सबसे बड़े पंथक चेहरा रहे गुरचरण सिंह टोहड़ा के नाती करणवीर टोहड़ा ने भाजपा ज्वाइन कर ली है।
बड़ी संख्या में सिखों को भी पार्टी ज्वाइन करवाने में जुटी भाजपा
भाजपा ने गर्मख्याली माने जाने वाले लोगों को भी पार्टी में ज्वाइन करवा रही है। इसी क्रम में दमदमी टकसाल के पूर्व प्रवक्ता रहे प्रो. सरचांद सिंह भी एक दो दिनों में भाजपा ज्वाइन करने जा रहे है। इस क्रम में सिख स्टूडेंट फेडरेशन के पूर्व सी. वाइस प्रेसीडेंट इकबाल सिंह तुंग ने भी भाजपा ज्वाइन की है। 2021 में पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते इंद्रजीत सिंह ने भी भाजपा ज्वाइन की थी।
मनजीत सिंह सिरसा के बाद पंथक नेता गुरचरण सिंह टोहड़ा के नाती को भी पार्टी ज्वाइन करवाई
भाजपा इसलिए भी पंजाब में सिखों में अपने दायरे को बढ़ा रही है क्योंकि अब उनके साथ शिरोमणि अकाली दल नहीं है। 2020 तक भाजपा और शिरोमणि अकाली दल का गठबंधन था। इस गठबंधन के तहत भाजपा पंजाब के 117 विधान सभा सीटों में से केवल 23 सीटों पर ही चुनाव लड़ती थी। भाजपा के पास सिख चेहरे तो पहले से ही थे लेकिन वह कभी भी सिख चेहरों को उभारती नहीं थी। इसके पीछे मुख्य कारण यह भी था कि सिख चेहरों को तवज्जों देना शिरोमणि अकाली दल को पसंद नहीं आता था।
वैसे भी पंजाब में भाजपा की छवि छोटे भाई की तरह ही थी। गठबंधन टूटने और किसान आंदोलन के दौरान भाजपा को सबसे ज्यादा सिख चेहरों का उभार न होना अखड़ा। केंद्र सरकार के साथ भले ही किसान संगठन खड़े थे लेकिन उनमें से बड़ी संख्या में किसान या तो कांग्रेसी विचारधारा के साथ जुड़े रहे थे या फिर शिरोमणि अकाली दल के साथ।
किसान आंदोलन के खत्म होने के बाद भाजपा ने अब बड़ी संख्या में सिख चेहरों को पार्टी ज्वाइन करवाना शुरू कर दिया है। इस क्रम में भाजपा गर्म ख्याली संगठनों के लोगों को भी अपने साथ जोड़ने में गुरेज नहीं कर रही है। हालांकि भाजपा के साथ जुड़ने वाले ज्यादातर सिख चेहरें अभी शहरी क्षेत्र से है लेकिन भाजपा की नजर अब ग्रामीण क्षेत्रों पर भी है।
प्रधानमंत्री फैसला लेते है, गलती हो तो माफी मांगने की भी हिम्मत: टोहड़ा
भाजपा ज्वाइन करने वाले गुरचरण सिंह टोहड़ा के नाती करणबीर टोहड़ा का कहना है, मैंने भाजपा इसलिए ज्वाइन की क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में फैसला लेने की क्षमता है। प्रधानमंत्री न सिर्फ फैसला लेते हैं बल्कि अगर कोई गलती होती है तो वह उसके लिए माफी भी मांग लेते हैं। कृषि कानूनों को लेकर उन्होंने जिस प्रकार से सार्वजनिक रूप से माफी मांगी वह कोई आम व्यक्ति नहीं कर सकता है। टोहड़ा साहब कहते थे, आप जिस धर्म के भी हो, उसे अपने धर्म का परिपक्व होना चाहिए। सिखी सबको साथ लेकर चलना सिखाती है। भाजपा भी सबको एक साथ लेकर चलने की बात करती है।
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