भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद ने सेक्टर-23 के दुकानदारों को कहा, आपको मालिकाना हक भी दिलवाएंगे
सूद ने दुकानदारों को कहा कि उन्होंने अपने वायदे के अनुसार बढ़े हुए किराये का प्रस्ताव भाजपा पार्षदों की मदद से खारिज करवाया है। यह शहर की सबसे पुरानी मार्केट है। दुकानदारों को इन दुकानों का मालिकाना हक मिलना चाहिए।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ :
सेक्टर-23 की बूथ मार्केट की दुकानों का हजारों गुना किराया बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज करवाने के लिए भाजपा अध्यक्ष अरुण सूद का मार्केट एसोसिएशन ने धन्यवाद किया है। शुक्रवार शाम को मार्केट एसोसिएशन ने अरुण सूद को कार्यक्रम में बुलाकर उनका शुक्रिया अदा किया। कार्यक्रम के दौरान अरुण सूद ने कहा कि यहां के दुकानदारों को मालिकाना हक भी वह खुद दिलवाएंगे। इस मौके पर वार्ड पार्षद सुनीता धवन और पूर्व मेयर आशा जसवाल ने भी भाग लिया। सूद ने दुकानदारों को कहा कि उन्होंने अपने वायदे के अनुसार बढ़े हुए किराये का प्रस्ताव भाजपा पार्षदों की मदद से खारिज करवाया है। यह शहर की सबसे पुरानी मार्केट है। दुकानदारों को इन दुकानों का मालिकाना हक मिलना चाहिए। मालूम हो कि नगर निगम ने डीसी कार्यालय से सेक्टर-23 की मार्केट में पूछा है कि क्या दुकानदारों को मालिकाना हक दिया जा सकता है या नहीं। दो दिन पहले हुई सदन की बैठक में किराया बढ़ाने का प्रस्ताव खारिज करने के साथ कमेटी का गठन करने का भी निर्णय हुआ है।
कमेटी में दुकानदारों के प्रतिनिधि भी होंगे शामिल
इस कमेटी का गठन मेयर राजबाला मलिक की ओर से अगले सप्ताह किया जाएगा। कमेटी में पार्षद और अधिकारियों के अलावा यहा के दुकानदारों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा। कमेटी तय करेगी कि यहा की दुकानों का कितना किराया होना चाहिए। इस समय 14 रुपये प्रति माह किराया है। भाजपा अध्यक्ष का भी मानना है कि यह किराया काफी कम है। लेकिन वह इस बात के समर्थन में भी हैं कि इसका किराया 20 हजार भी नहीं होना चाहिए।
1972 में स्थापित हुई थी मार्केट
सेक्टर-23 की यह मार्केट साल 1972 में स्थापित हुई थी। मार्केट एसोसिएशन के चेयरमैन जगमोहन विज का कहना है कि भाजपा अध्यक्ष के प्रयास से जो दुकानदारों का किराया हजारों गुना बढ़ाने का फैसला थोपा गया था वह वापस ले लिया गया है। अब दुकानदारों को मालिकाना हक देकर पूरी तरह से राहत की उम्मीद है। इसके लिए वह भाजपा अध्यक्ष और पार्षदों का धन्यवाद करते हैं। मालूम हो कि किराया हजारों गुना बढ़ाने का मामला गवर्नर हाउस भी पहुंच गया था।