पंजाब के उद्योग मंत्री अरोड़ा भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप में घिरे, जानें तीक्ष्ण सूद ने क्या मामला उठाया
पंजाब के पूर्व मंत्री और भाजपा नेता तीक्ष्ण सूद ने राज्य के उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा पर गंभीर आरोप लगाया है। तीक्ष्ण सूद ने अरोड़ा पर मोहाली में 31 एकड़ जमीन अपने चहेतों को देने का आरोप लगाया है।
चंडीगढ़, जेएनएन। पूर्व भाजपा मंत्री तीक्ष्ण सूद ने पंजाब सरकार पर बड़ा हमला किया है। उन्होंने उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कहा कि अरोड़ा ने मोहाली में 31 एकड़ जमीन ¨सगल बिड पर अपने करीबी लोगों की कंपनियों को रिजर्व प्राइज पर ही दे दी। सूद ने दावा किया कि यह 350 करोड़ रुपये का घोटाला है जिसकी ईडी या सीबीआइ से जांच करवाई जानी चाहिए। उधर, सुंदर शाम अरोड़ा ने इस आरोप को सिरे से नकार दिया है।
तीक्ष्ण सूद के आरोप- 31 एकड़ जमीन सिंगल बिड पर अपने चहेतों की कंपनी को दिलवाई
वीरवार को यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए तीक्ष्ण सूद ने कहा कि मोहाली के फेज आठ में 31 एकड़ क्षेत्रफल वाले प्लाट (नंबर ए-32) को 1984 में पंजाब इंफोटेक की ओर से लीज डीड बनाकर मेसर्ज जेसीटी इलेक्ट्रानिक्स को 99 साल की लीज पर दिया गया था।
कहा- ईडी या सीबीआई से जांच करवाने की मांग
यह व्यवस्था की गई कि प्लाट की बदली या बिक्री की स्थिति में जायदाद के मूल्य में 50 फीसद अनर्जित वृद्धि का भुगतान खरीददार द्वारा कर्जदार यानी पंजाब इंफोटेक को किया जाएगा। लेकिन जेसीटी इलेक्ट्रानिक्स बैंकरों व वित्तीय संस्था के प्रति अपनी वित्तीय जिम्मेदारी पूरा करने में असफल रही तो यह केस औद्योगिक व वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (बीआइएफआर) को सौंप दिया गया। मामला हाई कोर्ट गया तो कुछ वर्ष पहले कोर्ट ने कंपनी को बंद करने का आदेश देकर उसकी जायदाद अपने कब्जे में लेने के लिए अधिकृत लिक्विडेटर नियुक्त कर दिया।
अरोड़ा ने आरोप नकार कर कहा, लाई-डिटेक्टर टेस्ट के लिए तैयार
तीक्ष्ण सूद ने कहा कि पीएसआइइसी ने इस 31 एकड़ के प्लाट की नीलामी के लिए 4 जनवरी, 2020 को विज्ञापन देकर 21 जनवरी तक बिड कॉल की। बाद में बिड की तारीख 17 फरवरी कर दी गई। इसी बीच 21 जनवरी को जीआरजी डवलपमेंट एंड प्रमोटर नाम की कंपनी बनाई गई। लॉकडाउन व कफ्र्यू के दौरान 26 मार्च को पीएसआइइसी ने बिड को मंजूरी देते हुए मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा के कहने पर 90.95 करोड़ रुपये के रिजर्व प्राइज पर ¨सगल बिड पर जमीन अलाट कर दी।
सूद ने कहा कि सबसे बड़ा घोटाला यह है कि इंफोटेक का 125.95 करोड़ अनियंत्रित लाभ था जिसे खरीददार ने देना था, लेकिन उसे बिड में शामिल नहीं किया गया। जमीन खरीदने वाली कंपनी ने अभी तक 45 करोड़ रुपये ही जमा करवाए हैं। उस जमीन को विभाजित करके बेचा गया जिस पर एक फीसद फीस लगती है। वह जमा नहीं करवाई गई। सब मिलाकर यह लगभग 350 करोड़ रुपये का घोटाला है।
इस बिड के बाद जब पीएसआइइसी की मंजूरी को लेकर वर्चुअल बैठक हुई तो आइआरएस सुरिंदर कौर वड़ैच ने इस पर आपत्ति जताकर पीएसआइइसी चेयरमैन को पत्र लिखकर एजी व वित्त विभाग से राय लेने के लिए कहा। वहीं, इंफोटेक ने भी इन डील को नकार दिया। यह सारे तथ्य बड़े घोटाले की तरफ स्पष्ट इशारा करते हैं।
नीलामी लिक्विडेटर की ओर से की गई : अरोड़ा
उद्योग मंत्री अरोडा़ ने आरोपों को नकारते हुए सूद को लाई-डिटेक्टर टेस्ट करवाने की चुनौती दी है। अरोड़ा ने कहा कि नीलामी हाई कोर्ट की ओर से सरकारी लिक्विडेटर के तौर पर नियुक्त एआरसीआइएल (एस्टस रिकंस्ट्रक्शन कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटड) जो राज्य एजेंसी नहीं है, की ओर से की गई है। हाई कोर्ट ने लिक्विडेटर के माध्यम से कोर्ट ने जायदाद अपने कब्जे में ली थी। अरोड़ा ने कहा कि वह लोगों की ओर से दो बार नकारे गए नेताओं के लिए नहीं बल्कि पंजाब के लोगों प्रति जवाबदेह हैं।