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एग्रीमेंट खारिज करने का फैसला लेकर भाजपा ने की जेपी कंपनी की मदद

कंपनी के साथ एग्रीमेंट खारिज करने के फैसले में राजनीति शुरू हो गई है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Mar 2020 10:27 PM (IST)Updated: Thu, 05 Mar 2020 10:27 PM (IST)
एग्रीमेंट खारिज करने का फैसला लेकर भाजपा ने की जेपी कंपनी की मदद
एग्रीमेंट खारिज करने का फैसला लेकर भाजपा ने की जेपी कंपनी की मदद

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : डड्डमाजरा में चल रहे गारबेज प्लांट को चला रही जेपी कंपनी के साथ एग्रीमेंट खारिज करने के फैसले में राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस नेता एवं पूर्व मेयर सुभाष चावला ने प्रेस नोट जारी कर कहा है कि यह जो फैसला लिया गया है, वह सरासर गलत है। चोर दरवाजे से यह कंपनी को मदद करने वाला निर्णय है क्योंकि एमओयू के अनुसार अगर एमसी अपनी ओर से प्लांट को बंद करवाता है तो ऐसी स्थिति में मुआवजा देना होगा। अगर कंपनी प्लांट को ठीक से नहीं चलाती और इसे खुद छोड़कर भाग जाती है तो नगर निगम उस पर करोड़ों का जुर्माना लगाकर बिना मुआवजा दिए प्लांट को अपने कब्जे में ले सकता है। सुभाष चावला का कहना है कि जेपी कंपनी ने एग्रीमेंट के अनुसार प्लांट में वह मशीनें नहीं लगाई। जेपी कंपनी ने लुधियाना की बनी हुई मशीनें लगा दी जबकि दावा विदेशी मशीनों का किया गया था। कांग्रेस कार्यकाल में उन्होंने पार्षद रहते हुए यह मामला उठाया भी था। उनके साथी पार्षद चंद्रमुखी शर्मा ने भी कई बार मामला उठाया था। मालूम हो कि भाजपा के पार्षद अब तक जेपी कंपनी द्वारा लगाए गए प्लांट के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार बता रहे हैं लेकिन अब कांग्रेस के नेता खुद ही प्लांट लगने के मामले से पल्ला झाड़ रहे हैं। कांग्रेस पर बेवजह लगाया आरोप

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बुधवार को नगर निगम की सदन की बैठक में भाजपा पार्षद शक्तिदेव शाली ने कहा था कि कांग्रेस के कार्यकाल में यह घटिया प्लांट लगा। उस समय के कांग्रेस के मेयर ने ताज होटल में बैठक कर जेपी कंपनी के साथ एमओयू साइन किया।जबकि पूर्व मेयर एवं कांग्रेस नेता सुभाष चावला ने प्रेस नोट में कहा है कि उस समय कांग्रेस नहीं बल्कि राजभवन इस प्लांट को हर हालत में लगवाना चाहता था। 2008 में जब प्लांट का उद्घाटन हुआ था, उस समय के तत्कालीन मेयर प्रदीप छाबड़ा उस कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे। छाबड़ा इस समय कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष हैं। चावला ने कहा कि डड्डूमाजरा में हुए उस कार्यक्रम का कांग्रेस के सभी पार्षदों ने भी बहिष्कार किया था। जबकि उस समय के भाजपा के सभी पार्षदों ने कार्यक्रम में उपस्थित हुए थे। भाजपा-अकाली गठबंधन के पूर्व मेयर को उस कार्यक्रम में मेयर की कुर्सी पर भी बैठाया गया था। समझौते के अनुसार जेपी कंपनी को शहर का 100 प्रतिशत कचरा प्रोसेस करना। था सिर्फ दस प्रतिशत राख को ही डंपिग ग्राउंड में फेंकना तय हुआ था। दस प्रतिशत कचरा ही प्रोसेस हो रहा

लेकिन अब भाजपा के कार्यकाल में इसके विपरीत दस प्रतिशत कचरा प्रोसेस हो रहा है और 90 प्रतिशत कचरा डंपिग ग्राउंड में गिराया जा रहा है। जिसके लिए जेपी कंपनी पर करोड़ों रुपये का जुर्माना लगाया जाना था लेकिन भाजपा शासित नगर निगम सिर्फ अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए कांग्रेस पर ही आरोप लगाता रहा है। चावला का कहना है कि भाजपा ने एग्रीमेंट खारिज करके कंपनी की मदद करने का प्रयास किया है ताकि कंपनी नगर निगम से मुआवजा ले सके।


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