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भाजपा ने पंजाब के पूर्व मंत्री अनिल जोशी को नोटिस देकर मांगा जवाब, जोशी ने प्रदेश टीम से मांगा इस्‍तीफा

Punjab BJP पंजाब के पूर्व मंत्री और भाजपा के वरिष्‍ठ नेता अनिल जोशी को पार्टी ने उनकी बयानबाजी के लिए नोटिस जारी किया है। जोशी से दो दिन में जवाब देने को मांगा गया है। जोशी किसान आंदोलन को लेकर पार्टी के प्रदेश नेतृत्‍व पर निशाना साध रहे है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 07 Jul 2021 08:16 AM (IST)Updated: Wed, 07 Jul 2021 08:16 AM (IST)
भाजपा ने पंजाब के पूर्व मंत्री अनिल जोशी को नोटिस देकर मांगा जवाब, जोशी ने प्रदेश टीम से मांगा इस्‍तीफा
पंजाब के पूर्व मंत्री अनिल जोशी और पंजाब कांग्रेस अध्‍यक्ष अश्‍वनी शर्मा। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, राज्‍य ब्‍यूरो। किसानों आंदोलन के मुद्दे को केंद्रीय नेतृत्व के सामने सही ढंग से नहीं उठाने के आरोप लगाने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री अनिल जोशी को भारतीय जनता पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा के निर्देश पर प्रदेश महासचिव डा. सुभाष शर्मा ने जोशी को नोटिस जारी कर दो दिन में लिखित में अपना पक्ष देने के लिए कहा है। वहीं, जोशी ने प्रदेश अध्यक्ष अश्वनी शर्मा और उनकी पूरी टीम का इस्तीफा मांग लिया है।

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 किसान आंदोलन को लेकर पंजाब भाजपा में आपसी खींचतान हुई तेज

जोशी का कहना है कि वह अपने स्टैंड पर आज भी कायम हैं और नोटिस का जवाब तय समय पर दे देंगे। प्रदेश प्रधान किसान आंदोलन को लेकर पार्टी हाईकमान को सही फीडबैक देने में नाकाम रहे हैं। इसलिए उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

नोटिस जारी होने के बाद पूर्व मंत्री जोशी खुल कर मैदान में उतर आए हैं। उन्होंने प्रदेश प्रधान अश्वनी शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा, मैंने केवल यह कहा था कि राज्य में भाजपा को पंजाब के मुद्दों पर स्टैंड लेना चाहिए। किसानी मुद्दों को लेकर केंद्रीय नेतृत्व से बात करके इसका हल निकालना चाहिए। लेकिन, प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी की अंदरूनी लोकतांत्रिक व्यवस्था को खत्म कर दिया। इसलिए उन्हें पार्टी की लाइन क्रास करनी पड़ी।

जोशी बोले, केंद्रीय नेतृत्व को सही फीडबैक देने में नाकाम रहे प्रदेश अध्यक्ष अपनी टीम सहित दें इस्तीफा

जोसी ने कहा कि किसान संगठनों ने जब पंजाब में धरना शुरू किया तो उनकी केवल दो मांगे थीं। पहली यह कि एमएसपी की पूरी गारंटी दी जाए, जोकि पंजाब में पहले से ही थी और दूसरी यह कि कानूनी विवाद होने पर एसडीएम कोर्ट की बजाए सेशन कोर्ट तक जाने का अधिकार दिया जाए। उस समय ही प्रदेश नेतृत्व अगर केंद्रीय नेतृत्व को सही फीडबैक देता तो बात यहां तक नहीं पहुंचती। अश्वनी शर्मा और उनकी पूरी टीम इसमें पूरी तरह से विफल रही, इसलिए उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

जोशी ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष पार्टी के कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान बनाए रखने में नाकाम साबित हुए हैं। जोशी ने आरोप लगाए कि अश्वनी शर्मा मेरे (जोशी) कद से डरते थे। वह चाह कर भी मेरे कद के बराबर नहीं पहुंच पाए, इसलिए लंबे समय से मुझे हटाने की कोशिश की जा रही थी।

वहीं भाजपा के प्रदेश महासचिव सुभाष शर्मा ने कहा कि पूर्व मंत्री अनिल जोशी की ओर से केंद्र सरकार, भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व और पार्टी की नीतियों के खिलाफ बयानबाजी की जा रही थी। यह पार्टी विरोधी गतिविधियां हैं और इसलिए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष अश्वनी शर्मा की ओर से अनिल जोशी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।


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