पार्षदों को फोन कर मेयर पद के लिए पसंद पूछ रहे अध्यक्ष टंडन, प्रक्रिया से खेर गुट नाराज
मेयर चुनाव के लिए भाजपा चंडीगढ़ अध्यक्ष संजय टंडन ने पार्षदों से उनकी राय पूछने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सांसद खेर गुट के पार्षद इसका विरोध कर रहे हैं।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। मेयर चुनाव के लिए भाजपा चंडीगढ़ अध्यक्ष संजय टंडन ने पार्षदों से उनकी राय पूछने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सांसद खेर गुट के पार्षद इसका विरोध कर रहे हैं। टंडन ने सभी पार्षदों से उनकी राय ले ली है और उसे पार्टी हाईकमान को भेजा जा रहा है। टंडन ने पार्षदों से राय जानने के अलावा मेयर पद के चारों दावेदारों को भी एक साथ बुलाकर बैठक की है। सभी दावेदारों को कहा गया है कि जिसे भी पार्टी उम्मीदवार बनाए, अन्य दावेदार भी उसका समर्थन करें। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि उम्मीदवार तय होने पर कोई बवाल न हो। मालूम हो कि जब देवेश मोदगिल को मेयर पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था तब पूर्व मेयर आशा जसवाल सहित टंडन गुट के पार्षदों ने खुलकर विरोध किया था।
इधर, सांसद किरण खेर गुट के पार्षदों का कहना है कि अध्यक्ष संजय टंडन खुद मोबाइल पर फोन करके मेयर पद के लिए उनकी पंसद पूछ रहे हैं। यह प्रक्रिया गलत है। उनका मानना है कि कोर ग्रुप और सीनियर नेताओं को बुलाकर सभी पार्षदों से राय ली जानी चाहिए न कि मोबाइल से फोन करके। मेयर देवेश मोदगिल को भी इस संबंध में भाजपा अध्यक्ष का फोन आया है।
सूत्रों का कहना है कि खेर गुट के पार्षदों ने भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन को गोल-मोल जवाब दिए हैं। वहीं, कुछ पार्षदों ने कहा है कि संगठन जिसका नाम तय करेगा, वह उन्हें मंजूर होगा। टंडन गुट के पार्षद राजेश कालिया और भरत कुमार को अपनी पंसद बता रहे हैं। मालूम हो कि 18 जनवरी को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव की तारीख तय की गई है। 14 जनवरी से नामांकन प्रक्रिया शुरू होगी। भाजपा अध्यक्ष के बाद सगठन मंत्री दिनेश कुमार और पार्टी प्रभारी प्रभात झा भी अपने स्तर पर पर अलग अलग पार्षदों से राय लेंगे। भाजपा में मेयर पद के लिए सतीश कैंथ, राजेश कालिया, भरत कुमार और फरमिला देवी दावेदार हैं।
कौन दावेदार कितने पानी में
इन सबमे फरमिला देवी अकेली एेसी दावेदार है जो इन सब से ज्यादा पढ़ी लिखी है। लेकिन सतीश कैंथ को अन्य तीन दावेदारों से ज्यादा अनुभव है। कैंथ दूसरी बार चुनाव जीतकर नगर निगम आए हैं। राजेश कालिया, भरत कुमार और फरमिला देवी पहली बार चुनाव जीते हैं। इससे पहले राजेश कालिया और फरमिला देवी को टिकट मिली थी लेकिन वह चुनाव हार गए थे। राजेश कालिया और भरत कुमार दोनो टंडन गुट के हैं जबकि सतीश कैंथ और फरमिला देवी सांसद खेर गुट से हैं। फरमिला देवी के लिए पूर्व सांसद सत्यपाल जैन और मेयर देवेश मोदगिल भी लॉबिंग कर रहे हैं। राजेश कालिया और भरत कुमार वाल्मीकि समाज से सबंध रखते हैं और शहर में इस समुदाय का अच्छा खासा वोट बैंक है। कालिया पार्टी के अहम पदों पर भी रह चुके हैं। भरत कुमार भाजपा अध्यक्ष संजय टंडन के अलावा आरएसएस के भी करीबी है।