बर्ड पार्क कर रहा विदेशी पक्षियों का बेसब्री से इंतजार
बर्ड पार्क का ये दृश्य, यकीनन अपनी और खींचता है। गर्मी से सर्दियों को आगमन, ज्यों ज्यों हो रहा है, वैसे ही यहां भी विदेशी पक्षियों के आने का इंतजार है। इसको लेकर पार्क में कई तरह की डेवलपमेट भी की जा रही है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : शहर के शोर से दूर। घने पेड़। साफ हवा। इस बीच पक्षियों की चहचहाहट। कुछ पक्षी पेड़ में तो कुछ तालाब में तैर रहे हैं। बर्ड पार्क का ये दृश्य, यकीनन अपनी और खींचता है। गर्मी से सर्दियों को आगमन, ज्यों ज्यों हो रहा है, वैसे ही यहां भी विदेशी पक्षियों के आने का इंतजार है। इसको लेकर पार्क में कई तरह की डेवलपमेट भी की जा रही है। इसको लेकर एक कमेटी भी घटित की गई, जिन्होंने इस एरिया को पक्षियों से ज्यादा से ज्यादा जोड़ने के लिए कुछ डेवलपमेट प्लान भी बनाए हैं। सूखे पेड़ों में घोंसले बनाने का प्लान है..
वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर और बर्ड पार्क के लिए गठित कमेटी के सदस्य कुलभूषण कंवर ने कहा कि अभी बर्ड पार्क को पूरी तरह विकसित किया जाना है। मगर इसे हम कुदरती रूप से ही विकसित करना चाहते हैं। इसके लिए यहां पर सूखे पेड़ों में घोसले बनाने का प्लान है, जिसे प्रोपोज किया जाएगा। दरअसल सूखे पेड़ पर बड़ा छेद कर, इसमें पक्षियों के घोसला बनाने की सुविधा दी जाएगी। मगर अभी इस पर भी गौर किया जा रहा है कि ये छेद खुद करें या पक्षियों को खुद बनाने दें। बारिश ज्यादा होने की वजह से पानी के लेवल को कम करना होगा.
बर्ड पार्क में स्थित तालाब में अभी लोकल डक्स ने अपना बसेरा बना रखा है। जिसमें उन्होंने अपने बच्चे भी दिए हैं। मगर इस बार ज्यादा बारिश की वजह से यहां के पानी का लेवल भी बढ़ गया है। ऐसे में यहां माइग्रेटरी बर्ड को असुविधा हो सकती है, क्योंकि वह कम गहराई वाले पानी में ही घर बनाती है। जल्द ही इस और प्लानिंग की जाएगी कि पानी को कम कैसे किया जाए।
दीमक के लिए आएंगे पक्षी..
वन में कई पेड़ों पर दीमक भी लगी हैं, जो सूखे हैं। कुलभूषण ने कहा कि ये दीमक ही पक्षियों का मु य आहार हैं। ये प्रोटीन का मु य स्त्रोत हैं, साथ ही यहां पक्षियों के लिए दाने भी डाले जा रहे हैं, ताकि वो यहीं बसने के लिए तैयार रहें।
मड वॉल में भी बनाएंगे होल..
बर्ड पार्क में आने वाले समय पर डेवलपमेट प्रोपोजल में मड वॉल बनाने का भी प्लान है। इसमें तालाब किनारे, हवा महल के करीब मिट्टंी की दीवार बनाई जाएगी, जिसमें छेद किए जाएंगे। दरअसल माइग्रेटरी बर्ड ग्रीन बीट, ड्रेंगोज, स्वेलो टेल, पानी के किनारे घर बनाते हैं, ऐसे में इस क्षेत्र में ये सुविधा उनको मिलेगी तो ज्यादा से ज्यादा विदेशी पक्षी यहां आएंगे।
सुखना लेक के बाद दूसरा पसंदीदा स्पॉट बना बर्ड वॉचर के लिए.
माइग्रेटरी बर्ड अक्टूबर की शुरुआत या मध्य में आते हैं। इस बार ठंड जल्दी होने की आशंका है, तो अक्टूबर के शुरू होते ही माइग्रेटरी बर्ड शहर में आएंगे। ऐसे में सुखना लेक के बाद बर्ड पार्क बर्ड वॉचर के लिए सबसे पसंदीदा जगह होगी।