टीचर्स के लिए सिरदर्द बनी बायोमेट्रिक अटेंडेंस
बायोमेट्रिक मशीनों से टीचर्स की हाजरी टीचर्स के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : बायोमेट्रिक मशीनों से टीचर्स की हाजरी टीचर्स के लिए सिरदर्द बनी हुई है। कई स्कूलों में 60 से 80 टीचर्स के लिए एक बायोमेंट्रिक मशीन है, जबकि कई स्कूलों में 30-30 टीचर्स के लिए एक-एक मशीन है। मशीनें कम हो या ज्यादा टीचर्स की परेशानी कहीं कम नहीं है। शिक्षा विभाग के आदेश है कि स्कूल लगने और बंद होने के समय पर टीचर दो बार हाजरी लगाएं, लेकिन हाजरी का प्रोसेस इतना लंबा है कि टीचर्स परेशानी हो चुके हैं। ऐसा ही मामला गवर्नमेंट मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर-22 में देखने को मिला। स्कूल में दोपहर ढाई बजे छुट्टी के बाद टीचर्स ने जैसे ही बायोमेट्रिक मशीन पर पंच किया तो एक टीचर का पंच नहीं हुआ। आधा घंटा तक एक के बाद एक टीचर पंच करने में लगे रहे, लेकिन किसी टीचर की हाजरी बायोमेट्रिक से नहीं लगी। टीचर्स परेशान होकर घर निकलने लगे तो एक टीचर का पंच एक्सेप्ट हो गया। इसके बाद फिर सभी टीचर्स पंच करने लगे, लेकिन साढ़े तीन बजे तक किसी भी टीचर की हाजरी नहीं लगी। इसके बाद टीचर्स को बिना पंच किए ही घर जाना पड़ा।
आधार कार्ड के आठ नंबर डालने के बाद होता है पंच
टीचर्स को हाजरी लगाने से पहले आधार नंबर के अंतिम आठ अंक डालने होते है। उसके बाद मशीन पर पंच किया जाता है। सभी स्कूलों में मशीनों को चलाने के लिए इंटरनेट की जरूरत है जो कि स्कूलों में 2जी है। ऐसे में दो टीचर्स को हाजरी लगाने के लिए तीन से चार मिनट का समय लगता है।
सुबह साढ़े छ बजे टीचर स्कूल पहुंचने को मजबूर
सुबह समय पर हाजरी समय पर लगे इसके लिए टीचर्स साढ़े छ बजे से स्कूल में आना शुरू हो रहे है। जिन स्कूलों में एक-एक मशीन है वहां पर एक टीचर्स को हाजरी लगाने में 15 से 20 मिनट लगना मामूली सी बात है।
बायोमेट्रिक गलत नहीं, प्रोसिजर छोटा करने की जरूरत : अरविंद राणा
सर्व शिक्षा अभियान टीचर ऐसोसिएशन के प्रेजिडेंट अरविंद राणा ने कहा कि बायोमेट्रिक से हाजरी लगाना कोई गलत नहीं है। डिजिटल का जमाना है, लेकिन आधार के आठ अंक डालने के बाद हाजरी लगे वह गलत है। इस पर शिक्षा विभाग को ध्यान देने की जरूरत है। हाजरी जल्द लगे तो टीचर्स को भी लाभ रहेगा।