भगवंत मान सरकार का बड़ा कदम, अब पंजाब में अनधिकृत कालोनियों में नहीं होगी रजिस्ट्री
Unauthorized Colony भगचंत मान सरकार ने राज्य में अनधिकृत कालोनियों को लेकर बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने आदेश जारी किया है कि राज्य में अनधिकृत कालोनियों में अब संपत्ति की रजिस्ट्री नहींं हाेगी। तहसीलदारों ने इन कालोनियों की जमीनों के खेसरा नंंबर जारी करने की मांग की है।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने राज्य में अवैध कालोनियों को लेकर बड़ा फैसला किया है। भगवंत सरकार ने आदेश दिया है कि अब पंजाब में अब अनधिकृत कालोनियों में रजिस्ट्री नहीं होगी। राजस्व विभाग ने कुकरमुत्तों की तरह बन रही अवैध कालोनियों को देखते हुए यह आदेश जारी किए हैं।
दूसरी ओर राजस्व विभाग एसोसिएशन ने कहा है कि सरकार अवैध कालोनियों के खसरा नंबर जारी करे क्योंकि रजिस्ट्री करते समय उन्हें यह नहीं पता होता कि कौन सा प्लॉट अवैध कालोनी में है और कौन सा योजनागत कालोनी में। अन्यथा हमारे लिए रजिस्ट्री करना मुश्किल हो जाएगा और सरकार काे इसका स्टांप ड्यूटी में नुकसान होगा।
काबिले गौर है कि पंजाब में अवैध कालोनियों को लेकर दो बार स्पेशल एक्ट लाया जा चुका है। इसके बावजूद अवैध कालोनियां बनने से रुक नहीं रही हैं। इसके चलते राजस्व विभाग ने कड़ा कदम उठाते हुए सभी तहसीलदारों और नायब तहसीलदारों को आदेश दिए हैं कि वे अवैध कालोनियों में प्लॉटों की रजिस्ट्री न करें।
आदेश में कहा गया है कि पंजाब में कुकरमुत्तों की तरह अवैध कालोनियों का निर्माण हो रहा है। कुछ ही सालों में हजारों अवैध कालोनियों का निर्माण हो गया है। इससे जहां लोगों को आधारभूत सुविधाएं जिनमें बिजली, सड़क , पीने का पानी ,सीवरेज सिस्टम शामिल हैं नहीं मिल पातीं, वहीं लोगों की जीवन भर की बचत भी डूब जाती है। अवैध कालोनी में कालोनाइजर हिस्सा बेचता है जो कभी कभी गलियों, पार्कों और अन्य सुविधाओं के लिए छोड़ा गया होता है।
आदेश में कहा गया है कि अवैध कालोनियों का निर्माण सरकारी अफसरशाही की मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। राजस्व विभाग, स्थानीय निकाय विभाग, शहरी विकास विभाग अपने अपने क्षेत्रों में पनप रही अवैध कालोनियों के बारे में अनभिज्ञता का बहाना नहीं बना सकते।
राजस्व विभाग के इन आदेशों के बाद राज्य के तहसीलदारों ने विभाग के अधिकारियों के पास अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उनको रजिस्ट्री करते समय इस बात की जानकारी नहीं होती कि कौन सी जमीन पर बना प्लाट अवैध है इसलिए उन्हें खसरा नंबर अलाट किए जाएं ताकि वे उन्हें मार्क कर लें। अगर इस खसरा नंबर के अधीन किसी प्लाट की रजिस्टरी आएगी तो वे मना कर देंगे।
इस पर राजस्व विभाग ने स्थानीय निकाय और शहरी विकास विभाग को पत्र जारी करके कहा कि वे अपने अपने क्षेत्रों के अधीन आने वाली अवैध कालोनियों की सूची और जमीनों के नंबर सभी तहसीलदारों को उपलब्ध करवाएं ताकि वे इन खसरा नंबरों के अधीन आने वाली कालोनियों की रजिस्ट्रियां न करें। साथ ही इन विभागों के फील्ड अफसरों से कहा गया है कि वे अवैध कालोनियों के निर्माण को लेकर सतर्क रहें और कोई भी नई कालोनी को पनपने न दें।
काबिले गौर है कि पूर्व सरकारों के दौरान भी दो बार स्पेशल एक्ट लाया जा चुका है जिसके अधीन अवैध कालोनियों को एक खास राशि की अदायगी करने के बाद उन्हें रेगुलर करने की छूट दी गई लेकिन न तो कालोनाइजरों ने इसमें रूचि दिखाई और न ही इनमें रहने वालों ने।