पंजाब के पुलिसकर्मियों को बड़ी राहत, बंद नहीं हाेगी एक माह की अतिरिक्त तनख्वाह
पंजाब के पुलिसकर्मियों के लिए राहत की खबर है। उनके साल में एक माह के अतिरिक्त वेतन पर लटक रही तलवार हट गई है। सरकार पुलिसकर्मियों को मिलने वाली 13वीं तनख्याह को नहीं बंद करेगी।
चंडीगढ़, [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब के पुलिस कर्मियों के लिए बड़ी राहत की खबर है। उनकी तेरहवीं तनख्वाह (ओवरटाइम) और डॉक्टर्स का नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (एनपीए) बंद करने के प्रस्ताव से सरकार पीछे हट गई है। वित्तमंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों को बताया कि पुलिस कर्मियों की ड्यूटी काफी ज्यादा है, इसलिए 13वीं तनख्वाह दी जाती रहेगी। डॉक्टर्स को मिलने वाला एनपीए भी जारी रहेगा। बता दें कि पंजाब के पुलिसकर्मियों को साल में एक माह का अतिरिक्त वेतन दिया जाता है। इसे बंद करने की तैयारी की जा रही थी।
डॉक्टरों का एनपीए भी जारी रहेगा, 79,625 पुलिस कर्मचारियों को राहत
केंद्र सरकार की ओर जीएसटी की क्षतिपूर्ति राशि की दो किश्तें बकाया होने के कारण पंजाब की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। इसे संभालने के लिए पंजाब सरकार ने खर्चों में कटौती के लिए जो रोडमैप तैयार किया था, उसे लागू करने में वह इच्छाशक्ति नहीं दिखा सकी है। सरकार ने किसानों, उद्योगों व एससी वर्ग के लिए बिजली सब्सिडी तर्कसंगत करने के प्रस्ताव तैयार किए थे। इसके तहत पुलिस कर्मियों को मिलने वाली तेरहवीं तनख्वाह बंद करने का भी प्रस्ताव दिया गया था।
यह था प्रस्ताव
सरकार के खर्च कम करने और राजस्व के संसाधन पैदा करने के लिए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की ओर से बुलाई गई मीटिंग में यह प्रस्ताव किया गया था कि कांस्टेबल से लेकर इंस्पेक्टर के पद पर काम करने वाले 79625 कर्मचारियों मिलने वाली तेरहवीं तनख्वाह के बदले उन्हें 30 छुट्टियां दी जाएं। इससे उन पर काम करने का दबाव कम होगा। इससे सरकार के 312.27 करोड़ रुपये बचते।
सरकार ने बंद की तो हम फिर शुरू करेंगे: सुखबीर
दूसरी ओर, शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल ने भी कहा था कि पुलिस कर्मियों को तेरहवीं तनख्वाह दी जाए। उन्होंने कैप्टन अमरिंदर सिंह से कहा कि वित्त विभाग को ऐसा करने से रोका जाए। यदि कांग्रेस सरकार ने ऐसा नहीं किया, तो शिरोमणि अकाली दल-भाजपा की सरकार सत्ता आने में पर इसे फिर से शुरू कर देगी।
डॉक्टरों के एनपीए से 152 करोड़ बचाने का था प्रस्ताव
स्वास्थ्य विभाग का खर्च कम करने के लिए प्रस्ताव था कि डॉक्टरों को मिलने वाला एनपीए बंद किया जाए। ऐसा करके सरकार 152.53 करोड़ रुपये बचाना चाहती थी। डॉक्टरों की सुविधा के लिए यह प्रस्ताव दिया गया था कि डॉक्टरों को डयूटी के बाद प्राइवेट प्रेक्टिस करने की इजाजत दी जाए। अगर व ऐसा करने के लिए ड्यूटी के बाद सरकारी इन्फ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो उन्हें चार्ज की जाने वाली फीस का एक हिस्सा सरकार को देना होगा। सरकार इस पैसे का उपयोग कैंसर रिलीफ फंड, सरकारी अस्पतालों का इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने पर खर्च करेगी।