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NGT का बड़ा आदेश, सतलुज व घग्गर सहित कई जगह 11 मॉनीटरिंग स्टेशन बनाने को कहा

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की निगरानी कमेटी ने पंजाब में नदियों के पानी को प्रदूषित होने से बचाने के लिए बड़ा आदेश दिया है। राज्‍य मे इसके लिए 11 वॉटर मॉनीटरिंग स्‍टेशन बनेंगे।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Sun, 16 Feb 2020 02:56 PM (IST)Updated: Sun, 16 Feb 2020 02:56 PM (IST)
NGT का बड़ा आदेश, सतलुज व घग्गर सहित कई जगह 11 मॉनीटरिंग स्टेशन बनाने को कहा
NGT का बड़ा आदेश, सतलुज व घग्गर सहित कई जगह 11 मॉनीटरिंग स्टेशन बनाने को कहा

चंडीगढ़, जेएनएन। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की निगरानी कमेटी ने पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (पीपीसीबी) को 11 रियल टाइम वाटर क्वालिटी मॉनीटरिंग स्टेशन स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इन स्टेशनों में से सतलुज दरिया पर चार, ब्यास पर एक, घग्गर दरिया पर चार और बुड्ढा नाला पर दो स्टेशन 31 तक स्थापित किए जाएंगे।

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एनजीटी निगरानी कमेटी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दिया 31 मार्च तक का समय

एनजीटी की निगरानी कमेटी की मीटिंग के दौरान चेयरपर्सन जस्टिस (सेवामुक्त) जसबीर सिंह ने सभी संबंधित विभागों को 31 मार्च तक सीवरेज का 100 फीसद ट्रीटमेंट यकीनी बनाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही दरियाओं की साफ-सफाई संबंधी सभी कार्य योजनाओं को समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए कहा। जस्टिस जसबीर सिंह ने एनजीटी के आदेशों के अनुसार एसटीपीज स्थापित करने और 31 मार्च, 2021 से पहले इनके चालू होने को यकीनी बनाने को कहा।

विभागों को सीवरेज का 100 फीसद ट्रीटमेंट यकीनी बनाने के निर्देश

कमेटी ने राज्य में दरियाओं की सफाई के लिए कार्य योजनाओं की प्रगति का जायजा भी लिया। दरियाओं के प्रदूषित हिस्सों के पानी के मानक, विभिन्न सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांटों (एसटीपी), कॉमन एफ्युलेंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी), उद्योगों में स्थापित एफ्युलेंट ट्रीटमेंट प्लांटों (ईटीपी) के कामकाज की प्रगति का भी जायजा लिया गया। कमेटी ने जनवरी में औद्योगिक, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रीटमेंट सुविधाओं की स्थापना संबधी विभिन्न विकास कार्यों, बुड्ढा नाले में डेयरी अवशेष के प्रबंधन की भी समीक्षा की।

कुछ मानकों में सुधार

कमेटी ने पाया गया कि ब्यास दरिया के दो प्रदूषित हिस्सों में पानी की गुणवत्ता अब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और एनजीटी के पानी के मानक संबंधी क्लास-बी के मापदंडों को पूरा कर रही है।  सतलुज व घग्गर दरिया की पानी की गुणवत्ता पानी के मानक संबंधी जरूरी मापदंडों (क्लास बी) के मुकाबले क्लास -सी से ई तक बदलती रहती है।

कमेटी ने इस पक्ष की सराहना की है कि प्रभावी निगरानी और कामकाज में सुधार करके एसटीपी को न चलाने की प्रतिशतता अप्रैल 2019 के 45 फीसद से कम होकर जनवरी 2020 में 21 फीसद रह गई है। सभी एजेंसियों को निर्देश हैं कि किसी भी गलती से बचने के लिए एसटीपीज की अपग्रेडेशन जरूरतों के मुताबिक पहले ही योजनाबद्ध रखरखाव को प्रभावी ढंग से यकीनी बनाया जाए। मीटिंग में पूर्व मुख्य सचिव पंजाब सुबोध अग्रवाल, पूर्व मेंबर सचिव पीपीसीबी बाबू राम, सीपीसीबी के वैज्ञानिक जेसी बाबू और विभागों के अधिकारी मौजूद थे।

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