सुरक्षा बड़ी चूक, ऊपर कई एजेंसियों के दफ्तर और किसी को नहीं चला पता.. नीचे सुरंग में रहता था कोई Chandigarh News
शुक्रवार को दिनभर इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों की टीमों का मौके पर आना-जाना लगा रहा। आइबी सीआइडी से लेकर पंजाब के अधिकारियों की टीम भी मौके का मुआयना करने पहुंची।
चंडीगढ़, जेएनएन। सेक्टर-36 स्थित सेंट्रल फॉरेंसिक एंड साइंस लैबोरेट्री (सीएफएसएल) की बाउंड्री वाल के नीचे से गुजर रही बरसाती पानी की लाइन में लोगों का लंबे समय से रहना कोई आम बात नहीं है। इसे सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक कहना गलत नहीं होगा। कहीं यह मैनहोल जासूसी के लिए इस्तेमाल तो नहीं हो रहा था। इसने सभी सुरक्षा एजेंसियों को सवालों के घेरे में ला दिया है। यही वजह है कि मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को दिनभर इन्वेस्टिगेशन एजेंसियों की टीमों का मौके पर आना-जाना लगा रहा। आइबी, सीआइडी से लेकर पंजाब के अधिकारियों की टीम भी मौके का मुआयना करने पहुंची।
दरअसल इन एजेंसियों का काम गुप्त सूचनाएं जुटाना होता है। इन एजेंसियों को भी इन लोगों की भनक तक नहीं लगी। अब सभी को जवाब देते नहीं बन रहा है। मामला सामने आने के बाद शुक्रवार को सीएफएसएल ने पुलिस को लिखित शिकायत दे दी है। अब पुलिस मामले की जांच कर रही है। हालांकि यह स्पष्ट हो गया है कि जो लोग इस लाइन के अंदर रहते थे, उन्होंने कोई कंस्ट्रक्शन नहीं की थी, बल्कि वे पाइप लाइन से गुजरकर आगे सीएफएसएल गेट के नीचे जो मैनहोल था, उसमें रहते थे। पाइप लाइन बड़ी होने के कारण इसके मैनहोल का आकार भी काफी बड़ा था। जिसमें इन लोगों ने पूरा सामान रखा हुआ था। चूल्हा, खाने-पीने का सामान और कपड़े तक थे।
हर समय रहती है कड़ी सुरक्षा
जिस जगह यह लोग रह रहे थे, वह कोई आम जगह नहीं है, बल्कि 24 घंटे यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रहती है। यह मैनहोल सीएफएसएल की बिल्डिंग की बाउंड्री वाल के साथ-साथ है। इसके आगे ही सेंट्रल डिटेक्टिव ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट है। ऐसे में दोनों ही इन्वेस्टिगेशन से जुड़े संस्थान हैं। सीएफएसएल के मुख्य गेट पर 24 घंटे अर्धसैनिक बल तैनात रहते हैं। जो लोग अंदर रह रहे थे, अभी उनकी जानकारी नहीं मिल पाई है। जिस वजह से सवाल और संशय बरकरार हैं। कहीं इन्वेस्टिगेटिव इंस्टीट्यूट की जासूसी तो नहीं हो रही थी। हालांकि पुलिस के अधिकारी भिखारी इत्यादि होने का दावा कर रहे हैं। लेकिन जब तक यह पकड़े नहीं जाते सवाल बना रहेगा।
इस तरह पहुंचते थे अंदर
जो लोग इस मैनहोल में रहते थे, उनको भी इस बात का पता था कि अगर वह सीएफएसएल बिल्डिंग के सामने से अंदर जाएंगे तो उनसे सुरक्षाकर्मी सवाल करेंगे। इसलिए वह पाइप लाइन तक पहुंचने के लिए चौ से अंदर आते थे। चौ में भी रोड के दूसरी ओर यानी सीएफएसएल बिल्डिंग के दूसरी तरफ से उतरते थे। ऐसा इसलिए कि चौ में कोई होता नहीं है। यह उनके लिए सेफ पैसेज था।
ऐसे चला था पता
स्टार्म वाटर के साथ सीवरेज वाटर लीकेज की शिकायत नगर निगम पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट को मिल रही थी। पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसे चेक करने के लिए खुदाई करने का काम टेंडर अलॉट कर शुरू कराया। वीरवार को जब सीएफएसएल के पार्क में खुदाई की जा रही थी तो नीचे मैनहोल होने का पता चला। इस मैनहोल से किसी के बोलने की आवाजें आई तो खुदाई रोककर पुलिस को बुलाया गया। लेकिन जब तक पुलिस पहुंचती तब तक यह लोग अंदर से भाग चुके थे।
मैनहोल से मिला सामान भी शक कर रहा पैदा
मैनहोल से जो सामान मिला है, उसमें बादाम, बोर्नवीटा और छर्रे वाली गन भी शामिल है। इसी वजह से शक यह हो रहा है कि यह लोग भिखारी नहीं हो सकते। भिखारी ड्राई फ्रूट नहीं खाएगा। इसके अलावा यहां से महिला के सजने-संवरने का सामान, मोबाइल, चाकू, पेचकस, बर्तन, चूल्हा, फोल्डिंग बेड, टेबल, कुर्सी, सांप आदि को भगाने की दवा और किताबें भी मिली हैं।
यह स्टार्म वाटर लाइन का मैनहोल है जिसमें पानी नहीं आता। खाली है, इसमें कोई नई कंस्ट्रक्शन नहीं की गई है, यह चेक करा लिया है। खाली मैनहोल में ही कोई रहता होगा। लेकिन अब एमसी अपने ऐसे सभी मैनहोल को चेक कराएगा। खासकर जो खाली पड़े हैं, उन्हें ग्राउंड लेवल पर देखने के आदेश दे दिए हैं।
-शैलेंद्र सिंह, एसई, पब्लिक हेल्थ, नगर निगम, चंडीगढ़
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