Move to Jagran APP

Punjab Government Trust motion: भगवंत मान के विश्‍वास प्रस्‍ताव के हैं खास मायने, पेश करने के छह प्रमुख कारण

Bhagwant Mann Trust Motion पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश कर भगवंत मान सरकार ने कई संदेश दिए हैं। जानकार इसके कई मायने निकाल रहे हैं। जिस तरह से सरकार ने विधानसभा में यह प्रस्‍ताव पेश किया है उससे कई सवाल पैदा हो गए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Tue, 27 Sep 2022 05:01 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 06:55 PM (IST)
Punjab Government Trust motion: भगवंत मान के विश्‍वास प्रस्‍ताव के हैं खास मायने, पेश करने के छह प्रमुख कारण
पंजाब विधानसभा मेें विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने के बाद बोलते हुए सीएम भगवंत मान। (जागरण)

चंडीगढ़ , आनलाइन डेस्‍क। Bhagwant Mann Government: पंजाब में सियासी विवाद के बीच सीएम भगवंत मान ने अपनी सरकार का विश्‍वास मत सदन में पेश कर दिया। राज्‍यपाल भगवंत मान सरकार ने यह कदम उठाकर  एक तरह से राज्‍यपाल के 22 सितंबर को विधानसभा के विशेष सत्र की मंजूरी को वापस लेने का जवाब दिया है। इन सबके बीच सवाल उठता है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने विधानसभा की नियमावली में विश्‍वास प्रस्‍ताव का प्रविधान नहींं होने के बावजूद इसे क्‍यों पेश किया है। आखिर, इसके क्‍या मायने हैं। 

loksabha election banner

पंजाब के सियासी जानकारों के अनुसार, आम आदमी पार्टी इसके माध्‍यम से कई निशाने साधना चाहती है। पंजाब में भारतीय जनता पार्टी जिस तरह से अपना विस्‍तार कर रही है और दिग्‍गज नेताओं को शामिल कर रही है , इससे राज्‍य में नए सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं।माना जा रहा है कि ऐसे में आप 'आपरेशन लोटस' को मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरने की कोशिश कर रही है।

इसके साथ ही आप की नजर अन्‍य राज्‍यों के विधानसभा चुनाव पर भी है और इसके लिए वह खुद को भाजपा के मुख्‍य प्रतिद्धंद्धी के तौर पर पेश करना चाहती है। पंजाब विधानसभा में सीएम भगवंत मान ने पंजाब में आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीदने के कथित आपरेशन लोटस को मुद्दा बनाते हुए विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश किया है।   

जानकारों का मानना है कि आप इसके माध्‍यम से कांग्रेस को पीछे कर हिमाचल प्रदेश और गुजरात के विधानसभा चुनाव में खुद को भाजपा के मुकाबले में खुद को पेश करना चाहती है। इससे पहले आप उत्‍तराखंड, उत्‍तर प्रदेश और गाेवा के विधानसभा चुनावों में जोर आजमाइश कर चुकी है। लेकिन, उन राज्‍यों में उसके मंसूबे पूरे नहीं हुई। ऐसे में उसकी नजर अब गुजरात व हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव पर खास तौर पर लगी है।

यह भी पढ़ें: Video Punjab Assembly Special Session: सीएम ने पेश किया विश्‍वास मत, विपक्ष पर कड़ा हमला, हंगामे के कारण कांग्रेस के विधायक निलंबित

सियासी जानकारों के अनुसार,  यही कारण हे कि वह भाजपा पर दिल्‍ली के बाद अब पंजाब में अपनी सरकार गिराने की कोशिश के आरोप लगाकर खुुद को विक्ट्रिम (victim) तौर पर पेश करना चाहती है। पंजाब में पहले भगवंत सरकार ने विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने का एजेंडा बताकर सितंबर को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था, लेकिन राज्‍यपाल ने विधानसभा नियामावली में विश्‍वास प्रस्‍ताव के लिए सदन की बैठक न होने की बात कह कर अपनी मंजूरी वापस ले ली। 

इसके बाद आप सरकार ने 27 सितंबर को पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की प्रस्‍ताव राज्‍यपाल बनवारीलाल पुरोहित हो भेजा। राज्‍यपाल के एजेंडा के बारे में पूछने पर सरकार की ओर से बताया गया कि इस सत्र में पराली समस्‍या और जीएसटी सहित कई मुद्दों पर चर्चा होगी। एजेंडा में कहीं भी विश्‍वास प्रस्‍ताव के बारे में चर्चा नहीं की गई थी।

इसके बावजूद जब मंगलवार को विधानसभा में दिवंगत हस्तियों को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू हुई तो सीएम भगवंत मान सबसे पहले विश्‍वास प्रस्‍ताव रखने के लिए उठे। इस पर कांग्रेस के विधायकों ने भारी हंगामा किया। कांग्रेस विधायक दल के नेता व विधानसभा में नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने इस पर सवाल उठाया और कहा कि न शून्‍यकाल और न ही ध्‍यानाकर्षण प्रस्‍ताव लाया गया। आखिर सरकार को 92 विधायकों का समर्थन होने के बावजूद  किस बात की जल्‍दबाजी है। कांग्रेस विधायकों ने शून्‍यकाल की मांग की और सदन में भारी हंगामा हुआ। 

कांग्रेस विधायकों को सदन से निकालने के बाद शांति हुई तो मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने विश्‍वास मत पेश किया और भाजपा व कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे। उन्‍होंने आपरेशन लोटस की चर्चा करते हुए विश्‍वास मत की जरूरत के बारे मेंं भी बताया। 

दूसरी ओर, आम आदमी पार्टी के पंजाब विधानसभा में विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश करने के कई कारण माने जा रहे हैं।  ये प्रमुख छह कारण माने जा रहे हैं - 

  • 1. आम आदमी पार्टी इस प्रस्‍ताव के माध्‍यम से पंजाब में पार्टी विधायकों की एकजुटता दिखाना चाहती है और यह संदेश देना चाहती है कि पार्टी के विधायक किसी हालत में आप से नहीं टूटने वाले हैं। 
  • 2. पंजाब में भाजपा को मजबूत करने की कोशिशों के बीच उसे घेरना चाहती है और यह संदेश देना चाहती है कि भाजपा उसकी सरकार को अस्थिर करना चाहती है। बता दें कि भाजपा में पूर्व सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह , सुनील जाखड़ , डा. राजकुमार वेरका सहित कई दिग्‍गज नेता शामिल हुुए हैं और यह क्रम जारी है।   
  • 3. भगवंत मान सरकार विश्‍वास प्रस्‍ताव पेश कर अगले छह माह के लिए अविश्‍वास प्रस्‍ताव जैसे किसी तरह के कदम से निश्चिंंत होना चाहती है। 
  • 4. अभी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं। आप इन राज्‍यों में अपना पूरा जोर लगाना चाहती है और इसके लिए पंजाब के सीएम भगवंत मान सहित राज्‍य के प्रमुख नेताओं की ड्यूटी लगाई जाएगी। इसके लिए अगले छह माह के लिए वह पंजाब की सियासत को लेकर सुनिश्‍चतता बनाना चाहती है। 
  • 5.  पंजाब विधानसभा का पिछला सत्र 30 जून को हुआ था और नियमानुसार हर छह माह में विधानसभा की बैठक होनी चाहिए। इस हिसाब से 1 दिसंबर तक विधानसभा की बैठक बुलानी होती। गुजरात व हिमाचल के विधानसभा चुनाव के कारण सीएम भगवंत मान सहित आप नेताओं के चुनाव अभियान में खलल न पड़े इसलिए भी यह कदम उठाया गया है।       
  • 6. इस कदम से आप ने राज्‍य में पार्टी के विधायकों को भी बड़ा संदेश दिया है। पार्टी इसके माध्‍यम से अपने विधायकों को बताना चाहती है कि उनकी गतिविधियों पर पैनी नजर हैै। इसके साथ सभी विधायक सतर्क व सक्रिय हो जाएं। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.