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Punjab Cabinet Meeting: पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, सातवें वेतन आयोग के अनुरूप होंगी नई भर्तियां

Punjab Cabinet Meeting पंजाब कैबिनेट बैठक में कई महत्‍वपूर्ण फैसले किए गए हैं। राज्‍य में नई सरकारी भर्तियां सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप होगी। नए कर्मचारियों के लिए पंजाब सरकार का यह बड़ा कदम माना जा रहा है।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Wed, 30 Dec 2020 04:28 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 08:04 AM (IST)
Punjab Cabinet Meeting: पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, सातवें वेतन आयोग के अनुरूप होंगी नई भर्तियां
पंजाब के मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह। (फाइल फोटो)

चंडीगढ़, जेएनएन। पंजाब कैबिनेट ने राज्‍य के नए भर्तियों के लिए बडा़ कदम उठाया है। राज्‍य कैबिनेट ने नई भर्तियों के लिए सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की तर्ज पर नए वेतनमान देने का फैसला किया है। इसकेे लिए पंजाब सिविल सेवा नियमों में कुछ संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट ने फैसला किया कि नए भर्ती होने वाले कर्मियो को सातवें वेतन आयोग के अनुसार तय किए गए वेतनमान मिलेंगे।

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पंजाब कैबिनेट की बुधवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में कई फैसले किए गए। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस वर्चुअल कैबिनेट मीटिंग कर अध्‍यक्षता की। जि़क्र योग्य है कि वित्त विभाग ने 17 जुलाई, 2020 को हिदायतें जारी की थीं कि 7वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारशों के अनुसार पंजाब सरकार के किसी भी प्रशासकीय विभाग या इसकी संस्थाओं के किसी भी काडर का वेतनमान केंद्र सरकार में उसी काडर के वेतनमान से अधिक नहीं होना चाहिए।

बता दें कि वित्‍त विभाग ने 17 जुलाई 2020 को निर्देश जारी किया था कि पंजाब के सरकारी विभागों में किसी भी कैडर और पद के लिए वेतन केंद्र सरकार के समान पद के वेतनमान से अधिक नहीं हाे सकता है। कैबिनेट ने आज का फैसला इसी के अनुरूप किया है। मुख्‍यमंत्री कैप्‍टन अमरिंदर सिंह कार्यालय के प्रवक्‍ता के अनुसार, कैबिनेट द्वारा संशोधन के लिए दी गई मंजूरी के तहत इससे कर्मचारियों को मिलने वाले कुल महीने के वेतन और भत्‍ते पर असर पड़ेगा।

वित्त विभाग ने 15 जनवरी, 2015 को जारी किए गए पत्र में भी कहा था कि प्रोबेशन पीरियड  के दौरान प्राथमिक वेतन (न्यूनतम वेतन बैंड) की ग्रांट और भत्ते भी इस नियम के अंतर्गत ही लागू हैं। कैबिनेट ने जिन संशोधनों का मंजूरी दी है उसमें कहा गया है कि 17 जुलाई, 2020 से पहले भर्ती किये गए कर्मचारियों के लिए ‘निश्चित मासिक वेतन’ का अर्थ है कि सरकारी मुलाजि़म द्वारा लिया जाने वाला मासिक वेतन, उसके पद के न्यूनतम वेतन पैकेज के बराबर होता है। इसमें यात्रा भत्ता के अलावा ग्रेड पे, विशेष वेतन, सालाना वृद्धि या कोई अन्य भत्ता शामिल नहीं होगा। काबिले गौर है कि पंजाब सरका ने छठा वेतन आयोग गठित किया हुआ है जिसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। माना जा रहा है कि उनकी सिफारिशें केवल पुराने कर्मचारियों पर ही लागू होंगी।

दस विभागों ने की रीस्ट्रक्चरिंग, दर्जा चार के कर्मियों की भर्ती होगी आउटसोर्स के जरिए

कैबिनेट ने दस विभागों के पदों का पुनर्गठन करने को मंजूरी दे दी है। राज्य सरकार ने 50 हजार पदों पर नए कर्मचारी भरने का पिछले महीने ऐलान किया था लेकिन साथ ही कहा कि विभागों में पदों का पुनर्गठन किया जाए। जो पद अब योग्य नहीं रह गए हैं उन्हें खत्म करके नए पदों का सृजन किया जाए। कैबिनेट ने जिन विभागों का पुनर्गठन करने को मंजूरी दी है उनमें श्रम, तकनीकी शिक्षा,लोक निर्माण, पशुपालन, पर्यटन, स्थानीय निकाय,प्रिटिंग एंड स्टेशनरी, खेल व युवा मामले, रक्षा सेवाएं और सहकारिता विभाग शामिल हैं। इनकी 2375 पोस्ट खत्म हो जाएंगी।

पहले चरण में 785 पद सृजित किए जाएंगे। श्रम विभाग में 204 खाली व जिन पदों की अब जरूरत नहीं, उनके खत्म् करके आईटी, अकाउंट्स, लेबर इंसपेक्टर और कानूनी काडर के 68 पद नए बनाए गए हैं। ग्रुप डी के सभी पद खत्म करने पर भी विचार किया गया। तकनीकी शिक्षा विभाग में 271 गैर जरूरी पोस्टों को खत्म किया जाएगा और 84 नए पद बनाए जाएंगे।

लोक निर्माण विभाग में क्रिटिकल डिजाइन सेल अब चीफ इंजीनियर के हवाले होगा इसके अलावा एसई, 4 एक्सीयन और 12 एसडीई रैंक के अधिकारी होंगे। यह डिजाइन सेल अत्याधुनिक तकनीक से बनाई जाने वाली इमारतें , पुल व सड़कों की डिजाइन के लिए उत्तरदायी होगा। इसी तरह अन्य विभागों का पुनर्गठन किया गया है।

महकमों का पुनर्गठन करने के बहाने ग्रुप डी के पदों को खत्म करने की विपक्ष ने निंदा की है। शिरोमणि अकाली दल के मुख्य प्रवक्ता व पूर्व मंत्री डॉ दलजीत सिंह चीमा और विपक्ष के नेता हरपाल चीमा ने कहा है कि पुनर्गठन के नाम पर पदों को खत्म किया जा रहा है। सरकार अपने इस फैसले को वापिस ले।

कैप्टन ने ‘डिजीनेस्ट’ मोबाइल एप जारी की

राज्य के लोकसंपर्क विभाग के कामकाज को प्रभावी बनाते हुए मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने बुधवार को वर्चुअल ढंग से मोबाइल एप ‘डिजीनेस्ट’ जारी की। इससे लोग अपने स्मार्ट फोन से राज्य की सरकारी डायरेक्टरी तक डिजिटल माध्‍यम से पहुंच सकेंगे। यही नहीं, मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की तरफ से मीडिया संस्थानों को विज्ञापन और भुगतान जारी करने की सारी प्रक्रिया में पारदर्शिता और कुशलता लाने के लिए ऑनलाइन पंजाब विज्ञापन रिलीज़ ऑर्डर सिस्टम का भी आगाज किया। यह सिस्टम विज्ञापन जारी करने और भुगतान करने की सारी प्रक्रिया को सुचारू बनाने में सहायता प्रदान करेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने हाल ही में मोबाइल एप और वैब पोर्टल/पी.आर. इनसाईट/(लोक संपर्क का झरोखा) की शुरुआत की थी जिससे फीडबैक का निरीक्षण करने और उसके आधार पर नागरिक केंद्रित सेवाएं प्रदान करने में सुधार लाया जा सकेगा।

‘डिजीनेस्ट’ नागरिकों को विभाग अनुसार अधिकारियों के संपर्क नंबर मुहैया करवाने में सहायक साबित होगी और अधिकारियों के साथ फोन या ई-मेल के द्वारा संबंध बनाने के योग्य बनाऐगी। डिजीनेस्ट से अधिकारियों के तबादलों के आदेश भी प्राप्त किए जा सकेंगे। गजटिड छुट्टियों, आरक्षित छुट्टियों और सप्ताह के छुट्टी वाले दिनों के विवरण समेत पंजाब सरकार की छुट्टियों के कैलंडर भी इस एप के जरिए पता की जा सकेंगी।

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