शिअद को बड़ा झटका, ढ़ींढसा के बाद अब रणजीत सिंह ब्रह्रमपुरा ने दिया इस्तीफा
शिरोमणि अकाली दल को एक और झटका लगा है। सुखदेव सिंह ढींढसा के बाद वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने इस्तीफा दे दिया है।
जेएनएन, अमृतसर/चंडीगढ़। शिरोमणि अकाली दल को फिर बड़ा झटका लगा है। सुखदेव सिंह ढींढसा के बाद एक और वरिष्ठ नेता ने इस्तीफा दे दिया है। शिअद के वरिष्ठ नेता रणजीत सिंह ब्रह्रमपुरा ने मंगलवार को पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया। इससे पार्टी में हड़कंप मच गया। ब्रह्मपुरा के इस्तीफे के बारे में काफी समय से कयास लगाए जा रहे थे।
इससे पहले श्ािअद के वरिष्ठ नेता सुखदेव सिंह ढींढसा ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। वयोवृद्ध टकसाली अकाली नेता रणजीत सिंह ब्रह्रमपुरा ने शिअद के सीनियर उपप्रधान एवं कोर कमेटी की सदस्यता से को इस्तीफा दिया है। उन्होंने पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को भेजे पत्र में कहा है कि वह पार्टी के प्राथमिक सदस्य बने रहेंगे, लेकिन अन्य पद पर नहीं रहेंगे।
रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने पार्टी के पदों से इस्तीफा का कारण अपनी गिरती सेहत को बताया है। ढींढसा ने भी खराब सेहत का हवाला देकर ही पार्टी के पदों से त्यागपत्र दिया था। दाेनों नेताओं के इस्तीफे को अकाली दलम में पिछले दिनों से चल रहे घटनाक्रम से जोड़ा जा रहा है।
ढींडसा की तरह ब्रह्मपुरा बेशक गिरते स्वास्थ्य की बात कर रहे हैं, लेकिन पंथक सूत्रों के अनुसार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को अकाल तख्त द्वारा माफी देने और श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी की घटनाओं के खिलाफ उन्होंने इस्तीफा दिया है। डेरा प्रमुख को माफी देने से पैदा हुए विवाद के कारण ही कुछ दिनों पहले माफी देने वाले श्री अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी गुरबचन सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया था।
इस्तीफे की घोषणा करते हुए ब्रह्मपुरा ने साफ किया है कि उन्होंने पिछले दिनों इन दुखदायी घटनाओं और शिअद हाईकमान द्वारा उस समय सख्त कार्रवाई न कर पाने के रोष स्वरूप ही श्री अकाल तख्त साहिब पर अरदास कर भूल भी बख्शाई थी। बेशक जत्थेदार गुरबचन सिंह का इस्तीफा हो गया है, लेकिन उनके मन पर इन घटनाओं को लेकर भारी बोझ है। इसे कोई सच्चा सिख सहन नहीं कर सकता है। इसलिए इस्तीफा देकर वह खुद को काफी हल्का महसूस कर रहे हैं।
पार्टी ने मेरी बात को गंभीरता से नहीं लिया, इसीलिए हार हुई
ब्रह्मपुरा ने कहा कि उन्होंने पार्टी हाईकमान को बेअदबी मामलों में आगाह किया था और सख्त कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन पार्टी ने इसे गंभीरता से नहीं लिया था। इसीलिए इस तरह की कई घटनाएं घटित हुई थीं। उन्होंने दावा किया कि इसी वजह से पार्टी की विधानसभा चुनाव में हार हुई।
अजनाला, सेखवां व मनजीत सिंह भी दे सकते हैैं इस्तीफा
सूत्र बताते हैैं कि पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद रत्न ङ्क्षसह अजनाला, पूर्व मंत्री सेवा ङ्क्षसह सेखवां व एसजीपीसी सदस्य भाई मनजीत ङ्क्षसह भी दिवाली के आसपास इस्तीफा दे सकते हैैं। इसका संकेत इससे भी मिलता है कि हाल ही में अजनाला के निवास पर हुई प्रेस कांफ्रेस में तीनों ने बगावती सुर बुलंद किए थे।
ढींडसा ने भी दिया था सभी पदों से इस्तीफा
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के दूसरे सबसे वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य सुखदेव सिंह ढींडसा ने 30 सितंबर को पार्टी के सभी पदोंं से इस्तीफा दे दिया था। वह पार्टी के सेक्रेटरी जनरल थे। उन्होंने पार्टी की कोर कमेटी, महासचिव आदि पदों से इस्तीफा दिया था। हालांकि वह राज्यसभा सदस्य बने हुए हैं। पार्टी प्रधान सुखबीर बादल को भेजे गए इस्तीफे में ढींडसा ने इस्तीफा देने का कारण स्वास्थ्य ठीक न होना बताया था।
सुखबीर बादल को भेजे पत्र में ढींडसा ने लिखा था कि उम्र के ऐसे मुकाम पर आकर कभी कभी शरीर और मन साथ नहीं देता। पिछले काफी समय से मुझे मानसिक और शारीरिक तौर पर ऐसा लग रहा था कि मैंंने पार्टी में अपनी पारी खत्म कर ली है। अब इस क्षेत्र में सरगर्म रहने के लिए मेरी सेहत मुझे इजाजत नहीं देती। कुछ ऐसी ही भाषा ब्रह्मपुरा के पत्र की भी है।