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चंडीगढ़ की भवन ओल्ड स्टूडेंट्स संस्था ने गरीब बच्चों की सहायता के लिए दान की बुक्स

चंडीगढ़ ओल्ड स्टूडेंट्स सोसायटी ने गरीब बच्चों की सहायता के लिए पुरानी किताबें दान की हैं। संस्था के सदस्यों ने यह किताबें ओपन आइज फाउंडेशन को दी है। यह संस्था शहर के गरीब बच्चों को सामान उपलब्ध करवाती है।

By Ankesh KumarEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 01:50 PM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 01:50 PM (IST)
चंडीगढ़ की भवन ओल्ड स्टूडेंट्स संस्था ने गरीब बच्चों की सहायता के लिए दान की बुक्स
ओपन आइज फाउंडेशन को किताबें देते भवन ओल्ड सोसायटी के सदस्य।

चंडीगढ़, जेएनएन। गरीब बच्चों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए इसके लिए भवन विद्यालय के ओल्ड स्टूडेंट्स सोसायटी ने भी अपना योगदान दिया है। शनिवार को भवन ओल्ड स्टूडेंट्स सोसायटी ने ओपन आइज फाउंडेशन को पुस्तकें डोनेट की है। यह पुस्तकें गरीब बच्चों की पढ़ाई के लिए डोनेट की गई है।

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स्कूल प्रिंसिपल विनिता अरोड़ा के साथ सोसायटी विनय अग्रवाल के अलावा सोसायटी के अन्य सदस्यों ने करीब 100 गरीब बच्चों के अकादमीक सत्र के लिए यह पहल की है। यह पुस्तकें ओपन आइज फाउंडेशन के संदीप कुमार को दी गई। यह एक एनजीओ है जो पुरानी किताबों, स्टेशनरी से बच्चों की मदद करने के लिए स्थापित की गई है। दान की गई किताबें अच्छी स्थिति में थीं और एनजीओ को उम्मीद है कि उनका इस्तेमाल कम से कम चार शैक्षणिक सत्रों के लिए किया जा सकता है।

ओपन आइज फाउंडेशन की इस मुहिम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सरहाया था। इस मुहिम में भवन विद्यालय स्कूल के योगदान से बच्चों को काफी फायदा होगा। भवन विद्यालय ओल्ड स्टूडेंट्स सोसायटी भी बच्चों के लिए काफी कार्य कर रहा है। ओपन आइज फाउंडेशन पिछले कुछ वर्षों से गरीब बच्चों की शिक्षा के लिए कार्य कर रही है। इसके लिए संदीप हर शिक्षण संस्थान से लेकर लोगों से संपर्क कर रहे और बच्चों के लिए एनसीईआरटी पुस्तकों से लेकर सामान्य ज्ञान की पुस्तकें उनकी लाइब्रेरी में है। उन्होंने एक गाड़ी में ही लाइब्रेरी बनाई हुई है जो ट्राईसिटी में हर जरूरतमंद बच्चों को पढ़ाई के लिए पुस्तक मुहैया करवा रहे हैं।

स्कूल प्रिंसिपल विनिता ने कहा कि बच्चों की सहायता करना हर किसी का कर्तव्य है।एजुकेशनल संस्थान होने के नाते यह हमारा कर्तव्य बनता है कि हम बच्चों को पढ़ाई में मदद करें। मुझे उम्मीद है कि पुस्तकों से बच्चों को काफी मदद मिलेगी और बच्चों को भविष्य में काफी फायदा होगा।


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