भवन विद्यालय स्कूल ने पेरेंट्स को जारी कर मांगी 9100 रुपये एडमिशन फीस chandigarh news
शहर के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मंगलवार को एक और मामला सामने आया है। इस बार भवन विद्यालय स्कूल प्रबंधक ने पेरेंट्स को सर्कुलर जारी किया है।
चंडीगढ़, [वैभव शर्मा]। शहर के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी का मंगलवार को एक और मामला सामने आया है। इस बार भवन विद्यालय स्कूल प्रबंधक ने पेरेंट्स को सर्कुलर जारी किया है। पेरेंट्स को भेजे गए सर्कुलर में स्कूल प्रबंधक ने उनसे ट्यूशन फीस की मांग तो की है। उसके अलावा पेरेंट्स को कहा गया है कि उन्हें एडमिशन फीस भी देनी होगी, जबकि चंडीगढ़ प्रशासन और शिक्षा विभाग ने प्राइवेट स्कूलों को केवल ट्यूशन फीस लेने का आदेश दिया था। भवन विद्यालय स्कूल प्रबंधक ने पेरेंट्स से एडमिशन फीस की मांग कर प्रशासन और शिक्षा विभाग के आदेश को ठेंगा दिखाया है।
भवन विद्यालय स्कूल प्रबंधक ने जारी सर्कुलर में पेरेंट्स से एडमिशन फीस के रूप में 9100 रुपये की मांग की है। जबकि प्राइवेट स्कूल प्रबंधक पेरेंट्स से ट्यूशन फीस ही ले सकते हैं। उसके बावजूद अपने निजी स्वार्थ और बैंक बैलेंस को भरने के लिए भवन विद्यालय स्कूल ने पेरेंट्स से एडमिशन फीस देने की भी मांग कर डाली। जून माह की ट्यूशन फीस 4600 रुपये जहां एक ओर भवन विद्यालय की एडमिशन 9100 रुपये है, वहीं उन्होंने पेरेंट्स से जून माह की ट्यूशन फीस के रूप में 4600 रुपये मांगे है।
सेक्टर-27 निवासी मयंक का कहना है कि उनके दो बच्चे स्कूल में पढ़ते हैं और पहले स्कूल की ट्यूशन चार हजार रुपये थी, लेकिन इस वर्ष स्कूल प्रबंधक ने 600 रुपये बढ़ा दिए हैं।
15 जून तक जमा करवानी होगी ट्यूशन फीस और एडमिशन के लिए 30 जून
सर्कुलर में स्कूल प्रबंधक ने पेरेंट्स को ट्यूशन फीस जमा करवाने के लिए 15 जून तक का समय दिया है। चंडीगढ़ प्रशासन ने भी हर महीने की 15 तारीख तक ट्यूशन फीस लेने का फैसला किया था, लेकिन स्कूल प्रबंधक द्वारा एडमिशन फीस लेने की बात समझ से बाहर है। वहीं एडमिशन फीस जमा करने के लिए 30 जून अंतिम तारीख निर्धारित की है।
पेरेंट्स पर पड़ा अतिरिक्त दवाब
ट्यूशन फीस के साथ एडमिशन फीस लेने की मांग करने के बाद पेरेंट्स के बीच डर का माहौल पैदा हो गया है। पेरेंट्स का कहना है कि सैलरी तो पूरी मिली नहीं है, ट्यूशन फीस पूरी जमा करवाने के लिए पैसे नहीं हैं और ऊपर से स्कूल द्वारा एडमिशन फीस की मांग करना गलत है। स्कूल के इस सर्कुलर के बाद पेरेंट्स पर अतिरिक्त दवाब बन गया है। स्कूल ट्यूशन फीस में जोड़ रहे अन्य फीस यह पहला मौका नहीं है, जब प्राइवेट स्कूल संचालक ने अपनी मनमानी चलाई है। इससे पहले भी कई प्राइवेट स्कूलों ने ट्यूशन फीस में दूसरी फीस को जोड़ दिया है। शहर में प्राइवेट स्कूलों की चल रही मनमानी को रोकने के लिए शिक्षा विभाग और प्रशासन दोनों ही विफल साबित हो रहे हैं।