पंजाब में पांव पसारने की तैयारी में BJP, मजबूत सिख चेहरे की तलाश में पार्टी
पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव केे मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब में पांव पसारने पर ध्यान केंद्रित कर दिया है।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। पंजाब में 2022 के विधानसभा चुनाव केे मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने पंजाब में पांव पसारने पर ध्यान केंद्रित कर दिया है। इसके लिए पार्टी को एक सिख चेहरे की तलाश है, जिसको आगे रखकर पार्टी पंजाब में खुद को कांग्रेस केे विकल्प के रूप में पेश करना शुरू कर दे। दो दिन पूर्व हुई कोर कमेटी की मीटिंग में भी इस बात की चर्चा हुई कि पार्टी को अपनी उन सीटों पर फोकस करना चाहिए जो पार्टी पहले भी लड़ती और जीतती रही है। इन सीटों को शिरोमणि अकाली दल से लेने के लिए पार्टी अब सीनियर लीडरशिप से भी चर्चा करेगी।
गौरतलब है कि पार्टी ने ऐसी 45 सीटों को चिन्हित किया है, जिन पर पार्टी लड़ती रही है और उसे जीत भी मिली है। 1980 में बल्लुआणा, सरहिंद सीटें BJP ने जीती थीं, लेकिन ये सीटें अब अकाली दल के पास हैं। इसी तरह लुधियाना की कुछ सीटें भी ऐसी हैं, जहां पार्टी का आधार है, लेकिन यह सीटें भी अकाली दल के पास हैं। मालवा के दस जिलों में पार्टी किसी सीट पर भी नहीं लड़ती। फतेहगढ़ साहिब, संगरूर, बठिंडा, मुक्तसर साहिब, मानसा, मोहाली, फरीदकोट ऐसे जिले हैं, जहां कई सीटों पर पार्टी का आधार है, लेकिन न लडऩे की वजह से यह आधार सीमित है और इसका विस्तार नहीं हो पा रहा।
लगातार दो बार केंद्र की सत्ता में पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने के बाद BJP पंजाब में भी अपना आधार मजबूत करना चाहती है। BJP कई ऐसे राज्यों में अपने पांव पसार चुकी है, जहां कभी पार्टी एक भी सीट नहीं जीतती थी। आज वहां BJP की सरकारें हैं। इससे उत्साहित पार्टी ने अब पंजाब पर अपना फोकस शुरू कर दिया है। कोर कमेटी की मीटिंग के बाद से स्टेट लीडरशिप इस बात को लेकर खासा उत्साहित है कि कम से कम अब पूरी लीडरशिप में इस बात को लेकर स्पष्टता है कि BJP को अब अपने दम पर पंजाब में 23 से ज्यादा सीटें लडऩे की जरूरत है।
कांग्रेस के नाराज नेताओं से संपर्क
दूसरी पार्टियों के सीनियर नेता भी आजकल BJP की लीडरशिप के साथ बात करने में लगे हैं। खासतौर पर आम आदमी पार्टी के कुछ मौजूदा विधायकों ने अपने लिए नई राजनीतिक जमीन तलाशनी शुरू कर दी है। कांग्रेस में कई नाराज नेता भी संपर्क साध रहे हैं।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि शिरोमणि अकाली दल के भी कई नेता उनसे संपर्क में हैं, लेकिन चूंकि पार्टी सालों से गठबंधन में है, इसलिए वे गठबंधन को नाराज नहीं करना चाहते। उनका निशाना कांग्रेस को रिप्लेस करना है न कि अपने ही पार्टनर को तोड़ना। निश्चित रूप से आने वाले दिनों में पार्टी बड़े पैमाने पर अपना आधार बढ़ाने की कसरत शुरू करने जा रही है।
अक्टूबर में मिलेगा नया प्रधान
पार्टी में प्रदेश प्रधान के लिए कवायद शुरू हो गई है। विजय सांपला के बचे हुए कार्यकाल को पूरा करते हुए श्वेत मलिक की जगह अब नए प्रधान की तलाश है। केंद्रीय लीडरशिप ने राज्य में बड़े पैमाने पर सदस्यता अभियान शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस बात की पूरी संभावना है कि अक्टूबर में पार्टी को नया प्रधान मिल जाएगा।
हरियाणा की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप