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    ईजी रजिस्ट्री और ईजी जमाबंदी से भगवंत मान सरकार ने रचा पारदर्शिता का इतिहास

    Updated: Tue, 02 Dec 2025 12:30 PM (IST)

    पंजाब सरकार ने ईजी रजिस्ट्री और ईजी जमाबंदी सेवाओं से राजस्व विभाग को पारदर्शी बनाया है। नागरिक अब घर बैठे संपत्ति पंजीकरण और भूमि रिकॉर्ड प्राप्त कर सकते हैं। ईजी रजिस्ट्री मई 2025 में शुरू हुई, जबकि ईजी जमाबंदी जून 2025 में। 99% गांवों के भूमि रिकॉर्ड डिजिटल हो चुके हैं, जिससे जनता को 100 करोड़ से अधिक की बचत हो रही है। मुख्यमंत्री मान ने इसे सुशासन बताया।

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    डिजिटल टीम, चडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। राज्य में शुरू की गई ‘ईजी रजिस्ट्री’ और ‘ईजी जमाबंदी’ सेवाओं ने राजस्व विभाग को पूरी तरह भ्रष्टाचारमुक्त और पारदर्शी बना दिया है। अब नागरिकों को संपत्ति पंजीकरण और भूमि रिकॉर्ड से जुड़ी सभी सेवाएं घर बैठे ऑनलाइन उपलब्ध हो रही हैं।

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    ईजी रजिस्ट्री, जिसकी शुरुआत मई 2025 में मोहाली से हुई थी, अब पूरे पंजाब में लागू हो चुकी है। इस प्रणाली के माध्यम से नागरिक ऑनलाइन संपत्ति का पंजीकरण, शुल्क का डिजिटल भुगतान, और 48 घंटे के भीतर दस्तावेज़ की स्वीकृति प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही, सरकार ने 1076 हेल्पलाइन के जरिये दस्तावेज़ संग्रह सेवा भी शुरू की है, जिससे बुजुर्गों और एनआरआई को बड़ी सुविधा मिली है।

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    दूसरी ओर, ईजी जमाबंदी सेवा जून 2025 में लॉन्च की गई थी। इस सेवा ने किसानों और ग्रामीण आबादी के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन किया है। अब नागरिक easyjamabandi.punjab.gov.in पोर्टल या व्हाट्सएप के ज़रिये कुछ ही मिनटों में डिजिटल साइन और क्यूआर कोड युक्त फ्री कॉपी प्राप्त कर सकते हैं। भूमि अंतरण (इंतकाल) की प्रक्रिया भी अब 30 दिनों में पूरी हो जाती है।

    पंजाब के 99% गांवों के भूमि रिकॉर्ड डिजिटल हो चुके हैं, जिससे अब दलालों और बिचौलियों का पूरी तरह अंत हो गया है। सरकार के अनुसार, इन डिजिटल सेवाओं से जनता को हर साल 100 करोड़ से अधिक की बचत हो रही है।

    मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, “डिजिटल पारदर्शिता ही सच्चा सुशासन है। हमने जनता के समय और पैसे की रक्षा करते हुए सिस्टम को ईमानदार बनाया है।” पंजाब अब देश में ई-गवर्नेंस का आदर्श मॉडल बनकर उभरा है, जहां भ्रष्टाचार, रिश्वत और देरी की पुरानी संस्कृति अब इतिहास बन चुकी है।