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सीनियर आर्टिस्ट होने की वजह से कभी हैरासमेंट से नहीं गुजरी

मुझे इस इंडस्ट्री में आने पर कभी किसी हैरासमेंट से नहीं गुजरना पड़ा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 22 Jan 2019 08:18 PM (IST)Updated: Tue, 22 Jan 2019 08:18 PM (IST)
सीनियर आर्टिस्ट होने की वजह से कभी हैरासमेंट से नहीं गुजरी
सीनियर आर्टिस्ट होने की वजह से कभी हैरासमेंट से नहीं गुजरी

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री जब दोबारा खड़ी हो रही थी, तो मैं पहले से ही ¨हदी टीवी और फिल्म कर चुकी थी। ऐसे में मैं एक सीनियर कलाकार थी, तो मुझे इस इंडस्ट्री में आने पर कभी किसी हैरासमेंट से नहीं गुजरना पड़ा। हां, जो कलाकार बॉलीवुड इंडस्ट्री में आगे आकर हैरासमेंट पर खुलकर बात कर रहे हैं। एक्टर नीरू बाजवा ने कुछ इसी अंदाज में पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में मीटू मूवमेंट पर अपनी राय रखी। मंगलवार को वह अपनी फिल्म उड़ा ऐड़ा पर बात करने पहुंची। उन्होंने कहा कि पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री में इन दिनों अच्छे कॉन्सेप्ट आ रहे हैं। जिससे आने वाले समय में यकीनन ये इंडस्ट्री काफी ग्रो करेगी और बॉलीवुड के साथ पैरेलल चलेगी। पंजाबी भाषा को यकीनन बच्चों को सिखाना चाहिए

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नीरू ने कहा कि जब उड़ा एड़ा फिल्म उनके पास आई, तो उन्हें ये कॉन्सेप्ट अच्छा लगा। दरअसल इन दिनों पंजाब में कई तरह की समस्याएं हैं। इसमें सबसे बड़ा खतरा तो भाषा को लेकर है। लोग अपने बच्चों को अंग्रेजी और ¨हदी सिखा रहे हैं। इसमें कोई गलत बात नहीं, मगर पंजाबी न सिखाना तो एक तरह से अपनी भाषा खत्म करने जैसा है। मैं कई वर्ष कैनेडा में रही, तो मैंने वहां पंजाबी को काफी अहमियत दी। बल्कि मेरी दादी और नानी मुझे पंजाबी में ही बात करती थी। ऐसे में मैंने पंजाब के कल्चर को समझा। साल में एक या दो ही फिल्म करूंगी

बॉलीवुड फिल्मों के विपरीत आप ऐसी एक्ट्रेस हैं, जो मां बनने के बाद भी काफी व्यस्त हैं? पर नीरू ने कहा कि इसकी मुझे काफी खुशी है। दरअसल, अब थोड़ा कम काम करती हूं। ज्यादा अच्छे कॉन्सेप्ट हो तो ही भारत आ पाना होता है। बेटी आन्या के साथ ज्यादा वक्त गुजारना चाहती हूं। ऐसे में जब भी कोई अच्छी स्क्रिप्ट मिले, तो उस पर सोच विचार करती हूं और काम करने की सोचती हूं। फिलहाल हर साल एक या दो ही फिल्म करूंगी। हां, मेरी बेटी तो फिल्म में मुझे देखकर कहती भी है कि वो भी जल्दी मुझे रिप्लेस कर देगी। सिर्फ सरकार को नहीं हमें भी जिम्मेदारी लेनी होगी

पंजाब में शिक्षा से लेकर नशे जैसे मुद्दे हैं, ऐसे में आप इन्हें कैसे देखती हैं? पर नीरू ने कहा कि हां, ये गंभीर मुद्दे हैं। मेरे अनुसार केवल सरकार नहीं हमें भी इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। जॉब क्रिएशन इसमें काफी मदद कर सकती है। भाषा और करियर को लेकर हमें ज्यादा सजग होना होगा।


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