सिख गुरु चैप्टर विवाद के बाद बारहवीं की इतिहास की किताब पर फिलहाल रोक
सिख गुरु चैप्टर विवाद के बाद पंजाब शिक्षा बोर्ड की बारहवीं कक्षा के इतिहास की किताब पर फिलहाल रोक लगा दी गई है। अब इस संबंध में कमेटी की रिपोर्ट के बाद कदम उठाया जाएगा।
जेएनएन, चंडीगढ़। पंजाब सरकार ने सिख गुरु चैप्टर विवाद के बाद आखिरकार पंजाब शिक्षा बोर्ड की 12 वीं कक्षा की इतिहास की किताब पर रोक लगा दी है। सरकार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की इस किताब में सिख इतिहास से संबंधित पाठ्यक्रम कम किए जाने पर उठे विवाद को लेकर तथ्यों की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट आने तक यह जारी नहीं की जाएगी।
पंजाब सरकार ने कहा है कि इस बाबत मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि तथ्यों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है। कमेटी को अगर लगा कि तथ्यों के साथ कोई छेड़छाड़ हुई है तो उसकी सिफारिशों के अनुसार उक्त तथ्यों को दोबारा शामिल किया जाएगा।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने बीते दिनों इतिहासकार प्रोफेसर किरपाल सिंह के नेतृत्व में कमेटी का गठन किया था। सरकार ने पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड को आदेश दिए हैं कि कमेटी को संबंधित जानकारियां तत्काल उपलब्ध करवाई जाएं। सरकार के प्रवक्ता के कहा है कि कमेटी 2014 में गठित शिक्षाविदों की कमेटी द्वारा पाठ्यक्रममें बदलाव को लेकर की गई सिफारिशों की पड़ताल करके संबंधित संशोधन के बारे में अपनी रिपोर्ट देगी।
यह मामला इन दिनों सूबे में सियासी तूल पकड़े हुए है। मामले को लेकर अकाली दल व आप ने आरोप लगाए थे कि सरकार 11 वीं व 12 वीं की किताब में सिख इतिहास को काटकर दूसरे विषय शामिल करवा रही है। सरकार आरएसएस के एजेंडे पर चल रही है।
दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार का कहना है कि 2014 में जब अकाली दल की सरकार थी तब ही पाठ्यक्रम में बदलाव की शुरुआत हुई थी। अंतत: सरकार को जांच कमेटी गठित करते हुए इस किताब पर फिलहाल रोक लगानी पड़ी है।