एफबार गोलीकांड के आरोपित रिंकू ने दायर की जमानत याचिका, तीन अप्रैल को होगी सुनवाई
सांसद किरण खेर के राजनीतिक सलाहकार सहदेव सलारिया की बर्थडे पार्टी में गोली चलाने वाले आराेपित रिंकू ने जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की है।
चंडीगढ़, [राजन सैनी]। सांसद किरण खेर के राजनीतिक सलाहकार सहदेव सलारिया की बर्थडे पार्टी में गोली चलाने वाले आरोपित रिंकू ने जिला अदालत में जमानत याचिका दायर की है। रिंकू ने यह याचिका अपने वकील के जरिये जज हरीश आनंद की कोर्ट में दायर की है। अब मामले की अगली सुनवाई 3 अप्रैल को होगी। 3 अप्रैल को अब दूसरे पक्ष के वकील रिंकू की जमानत याचिका का विरोध करेंगे। दोनों पक्षों की बहस और दलीलों को सुनने के बाद ही अदालत फैसला सुनाएगी।
पत्नी के गर्भवती होने का दिया हवाला
आरोपित रिंकू द्वारा दी गई जमानत याचिका में कहा गया है कि उसे मामले में फंसाया गया है। उसका इस मामले से कुछ लेना-देना नहीं है। उसकी पत्नी गर्भवती है और किसी भी समय अस्पताल में भर्ती करना पड़ सकता है। पत्नी की देखभाल करने वाला कोई नहीं है। मामले की जांच भी पूरी हो चुकी है, इसलिए वह किसी भी गवाह या सुबूतों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं कर सकता। बताया कि जमानत के लिए जो भी बेल बांड भरने का निर्देश अदालत देगी, वह भरने को तैयार है। बता दें इससे पहले आरोपित अर्जुन ने भी अपनी जमानत याचिका कोर्ट को दी थी, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया था।
पिछले साल बर्थडे पार्टी में चली थी गोलियां
20 नवंबर 2018 को सांसद किरण खेर के राजनीतिक सलाहकार सहदेव सलारिया की सेक्टर-26 स्थित एफबार कैफे में बर्थडे पार्टी चल रही थी। इस पार्टी में सलारिया ने डड्डूमाजरा निवासी रिंकू, सेक्टर-50 निवासी चेतन मुंजाल, सेक्टर-55 निवासी राजेश पासवान, सेक्टर-51 निवासी अर्जुन व जीरकपुर निवासी रोहित भारद्वाज उर्फ रिमी को बुलाया था। दूसरी ओर जयदीप के साथ दीपक कुंडू, योगेश्वर व पंकज भी पार्टी में पहुंचे थे। दोनों पक्षों में चल रही पुरानी रंजिश के चलते ही विवाद हुआ और रिंकू व चेतन मुंजाल ने अपनी-अपनी पिस्टल निकालकर जयदीप व योगेश्वर पर फायर कर दिया जबकि पंकज से मारपीट की। वारदात के बाद सभी आरोपित फरार हो गए थे। सभी घायलों को सेक्टर-32 के अस्पताल में पहुंचाया गया था। जहां से जयदीप को पंचकूला स्थित अलकेमिस्ट हॉस्पिटल में ले जा गया। जबकि अन्य को छुट्टी मिल गई थी। पुलिस को इस मामले का अस्पताल से लगभग एक घंटे बाद पता चला था।
क्राइम ब्रांच को सौंपी गई थी जांच
बाद में सेक्टर-26 थाना पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज किया था। जब सेक्टर-26 थाना पुलिस आरोपितों को पकडऩे में नाकाम रही, तो केस क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया था। करीब 11 दिन बाद ऑपरेशन सेल की टीम ने इस केस में सभी पांचों आरोपितों को गिरफ्तार किया था।