एचसीएस परीक्षा लीक के चार आरोपितों को जमानत
रियाणा सिविल सर्विस (ज्यूडिशियल) परीक्षा लीक मामले में मुख्य आरोपी हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविन्दर शर्मा की जमानत याचिका को सशर्त मंजूरी देने के साथ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में दो महिलाओं समेत चार आरोपियों को जमानत पर रिहाई दे दी है।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़ : हरियाणा सिविल सर्विस (ज्यूडिशियल) परीक्षा लीक मामले में मुख्य आरोपी हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (रिक्रूटमेंट) बलविन्दर शर्मा की जमानत याचिका को सशर्त मंजूरी देने के साथ पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले में दो महिलाओं समेत चार आरोपियों को जमानत पर रिहाई दे दी है। बलविन्दर शर्मा और अन्यों की जमानत याचिकाओं को मंजूर करते हुए चीफ जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस राजेश बिंदल, जस्टिस राजन गुप्ता और जस्टिस गुरमीत सिंह संधावालिया और जस्टिस अरुण पल्ली की पूर्ण पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि इस मामले में अभी जांच महत्वपूर्ण दौर में है और एफआइआर में आरोपितों के खिलाफ गंभीर आरोप है। इन जमानत याचिकाओं पर मेरिट्स पर अपना विचार प्रकट करने से इंकार करते हुए हाई कोर्ट ने कहा है कि आरोपी हिरासत में लंबा समय बिता चुके है और जांच एजेंसी इस मामले में तीन चालान पेश कर चुकी है, इसलिए अदालत आरोपियों की अंतरिम जमानत को मंजूर करती है। सभी आरोपियों को जमानत अवधि के दौरान, इस मामले के साक्ष्यों से छेड़छाड़ के प्रयास ना करने के आदेश देते हुए अदालत ने सभी आरोपितों को अपने पासपोर्ट एक सप्ताह में अदालत में दायर करने के भी निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (भर्तियां) बलविंदर सिंह शर्मा की जमानत मंजूर करते हुए हाई कोर्ट ने उन्हें हाईकोर्ट के रिक्रूटमेंट सैल के स्टॉफ से संपर्क ना करने के भी आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि बलविंदर शर्मा की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील रमेश बमल ने कहा था कि शर्मा के खिलाफ पुलिस के पास कोई आपराधिक साक्ष्य नहीं है और उन्हें सिर्फ इस मामले में दूसरे आरोपियों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर लगभग 9 महीने से जेल में रखा गया है। बमल ने कहा कि शर्मा को 28 दिसंबर, 2017 को गिरफ्तार किए जाने के बाद, चंडीगढ़ पुलिस उनके खिलाफ चालान भी दायर कर चुकी है। उन्होंने कहा कि पेपर लीक में शर्मा की संलिप्तता को नकारते हुए कहा कि हाईकोर्ट में एचसीएस परीक्षा के प्रश्न पत्र की कस्टडी के विषय में वे शपथ पत्र दायर कर चुके हैं। पेपर लीक का मामला
हरियाणा में अधीनस्थ न्यायपालिका में 109 पदों को भरने के लिए पिछले वर्ष हरियाणा लोक सेवा आयोग के माध्यम से पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की समिति ने आवेदन आमंत्रित किए थे। एक परीक्षार्थी सुमन ने परीक्षा के बाद आरोप लगाया था कि दो अन्य उम्मीदवार सुशीला और सुनीता ने उनके पास परीक्षा पत्र होने का दावा किया था। सुमन ने आरोप लगाया कि परीक्षा से एक दिन पहले उसे दो प्रश्न बता दिए गए थे और बाकी के प्रशन बताने के लिए 1 करोड़ रुपये की माग की गई थी। शिकायतकर्ता द्वारा बताई गई दोनों आरोपितों ने सामान्य और आरक्षित वर्ग में इस परीक्षा में टॉप किया था। बाद में इस मामले की जाच किये जाने पर पेपर लीक करने के लिए हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार (भर्ती) डॉ. बलविंदर शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था।