कुंवर विजय प्रताप की शिकायत कर खुद घिरा शिअद, फिर गर्माया बेअदबी व गोलीकांड मुद्दा
शिअद चुनाव आयोग से कुंवर विजय प्रताप की शिकायत कर खुद ही घिर गया है। कांग्रेस ने शिअद की घेराबंदी शुरू कर दी है जबकि आप दोनों को ही निशाना बना रही है।
चंडीगढ़ [इन्द्रप्रीत सिंह]। चुनाव आयोग की ओर से फरीकोट के बहिबलकलां व कोटकपूरा गोलीकांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) के सदस्य आइजी कुंवर विजय प्रताप सिंह को हटाए जाने से बेअदबी व गोलीकांड का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। शिअद चुनाव आयोग से शिकायत कर खुद ही घिर गया है। कांग्रेस ने शिअद की घेराबंदी शुरू कर दी है, जबकि आप दोनों को ही निशाना बना रही है। उधर, सिख संगत ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल खड़ा कर दिया है।
पिछले कुछ समय से यह मुद्दा हाशिए पर चला गया था। बरगाड़ी में छह महीने तक लगातार धरना देने के इस मुद्दे को सियासी पार्टियों ने सुर्खियों में रखा, लेकिन जैसे-जैसे यह धरना लंबा होता चला गया प्रदेश में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार भी सकते में आ गई। उनके अपने ही मंत्रियों व विधायकों ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई का दबाव भी बनाया।
दूसरी ओर सिख संगठन धरने को खत्म न किए जाने पर आमादा हो गए। दिसंबर 2018 के पहले हफ्ते में खत्म किए गए धरने के बाद से यह मुद्दा धीरे-धीरे कमजोर हो रहा था, जिसका राजनीतिक रूप से शिरोमणि अकाली दल को लाभ होना भी शुरू हो गया। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता था कि पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने जिस विधानसभा हलके में रैली की, वहां उन्हें अच्छा खासा रिस्पांस मिला।
हालांकि, इसी बीच SIT की पूछताछ के दौरान भी इसे हवा मिलती रही। SIT ने इस मामले में मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल, सुखबीर बादल, पूर्व डीजीपी सुमेध सैणी व अक्षय कुमार से भी पूछताछ की। इसी को आगे बढ़ाते हुए टीम रोहतक की सुनारिया जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह से मिलने भी गई, लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। SIT डेरा मुखी को पूछताछ में शामिल करना चाहती है।
SIT के मेंबर कुंवर विजय प्रताप सिंह के एक इंटरव्यू को आधार बनाकर शिरोमणि अकाली दल ने चुनाव आयोग से शिकायत कर दी। आयोग ने उन्हें SIT से हटा दिया। इससे यह मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चुनाव आयोग को अपने फैसले पर रिव्यू करने के लिए कहा है वहीं, आम आदमी पार्टी ने भी यही मांग रखते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की है। छह महीने तक इस मामले को लेकर धरने पर बैठे सिख संगठनों ने भी धमकी दी है कि यदि कुंवर विजय प्रताप को फिर से बहाल न किया गया तो वह अगले हफ्ते से संघर्ष शुरू कर देंगे।
धरने शुरू हुए तो शिअद के खिलाफ जा सकता है मामला
चुनाव आयोग ने जिस तरह ऑर्डर जारी किया है, उसे देखकर नहीं लगता कि वह अपने फैसले पर पुनर्विचार करेगा। ऐसे में अगर फिर से धरना प्रदर्शन शुरू हो गए तो यह शिरोमणि अकाली दल के खिलाफ जाएगा। पिछले चुनाव में भी डेरा सच्चा सौदा का समर्थन लेने के चलते पार्टी से जुड़ा पंथक वोट बैंक खिसक गया था। सुखबीर बादल अपनी शिकायत को सही बता रहे हैं। उनका कहना है कि कुंवर विजय प्रताप सिंह कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में काम कर रहे हैं। पार्टी के ही एक सीनियर लीडर बिक्रम मजीठिया ने तो यहां तक कह दिया है कि चुनाव आयोग ने उन्हें ड्यूटी से फारिग कर दिया है, अच्छा है कि वह कांग्रेस पार्टी से टिकट लेकर चुनाव लड़ लें।
मृतकों के परिजन बोले- शिअद-भाजपा के इशारे पर कुंवर को हटाया
अक्टूबर 2015 में हुए बहिबलकलां गोलीकांड में मारे गए दो लोगों के परिजनों ने चुनाव आयोग के आदेश पर मामले की जांच कर रहे SIT सदस्य कुंवर विजय प्रताप सिंह को हटाने की आलोचना की है। उन्होंने इसके पीछे शिअद-भाजपा का हाथ बताया। 14 अक्टूबर, 2015 को फायरिंग के दौरान गुरजीत सिंह और कृष्ण भगवान सिंह की मौत हो गई थी।
कृष्ण भगवान सिंह के बेटे सुखराज सिंह ने कहा कि तबादला अकाली दल के इशारे पर किया गया। उन्होंने कहा कि जांच सही दिशा में जा रही थी, लेकिन अकाली दल नहीं चाहता था कि हमें न्याय मिले, इसलिए केंद्र में अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा पर दबाव डाला। सुखराज ने कहा कि हम सीएम अमरिंदर सिंह से मिलने का समय मांग रहे हैं। फायरिंग में मारे गए 25 वर्षीय गुरजीत सिंह के पिता साधु सिंह ने भी यही आरोप दोहराया।
कुंवर का तबादला रद करवाने को आयोग से मिले आप नेता
राज्य ब्यूरो. चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कुंवर का तबादला रद करवाने के लिए राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने आयोग से अपने फैसले पर फिर से विचार करने को कहा। आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कुंवर विजय प्रताप सिंह के नेतृत्व में बहिबलकलां गोलीकांड की जांच सही दिशा की तरफ बढ़ती हुई अंतिम चरण में पहुंच गई थी। आयोग का फैसला पक्षपाती और बुरी मंशा वाला है। इसे तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
उन्हें SIT से हटाना गलत है। वह लाखों लोगों की भावनाओं व बेकुसूर लोगों की मौत से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। आप नेता अमन अरोड़ा ने कहा कि हम लाखों लोगों की भावनाओं को जाहिर करने आए हैं। इस मौके पर पार्टी सचिव जगतार सिंह संघेड़ा, प्रवक्ता नवदीप सिंह संघा, सुखराज सिंह गोरा फिरोजशाह, लीगल विंग के प्रधान जसतेज सिंह अरोड़ा, प्रवक्ता नील गर्ग व स्टेट मीडिया इंचार्ज मनजीत सिंह सिद्धू मौजूद थे।