Move to Jagran APP

बादल की कैप्टन को चुनौती, हिम्मत है किसानों को पूरा कर्ज माफ करो

पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को खुली चुनौती दे दी है। बादल का कहना है 'कैप्टन के बस की बात नहीं है कि वह किसानों का कर्ज माफ कर दें।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Fri, 18 Aug 2017 09:22 AM (IST)Updated: Fri, 18 Aug 2017 09:25 AM (IST)
बादल की कैप्टन को चुनौती, हिम्मत है किसानों को पूरा कर्ज माफ करो
बादल की कैप्टन को चुनौती, हिम्मत है किसानों को पूरा कर्ज माफ करो

जेएनएन, चंडीगढ़। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को खुली चुनौती दे दी है। बादल का कहना है 'कैप्टन अमरिंदर सिंह के बस की बात नहीं है कि वह किसानों का कर्ज माफ कर दें। किसानों पर केवल फसली कर्ज नहीं बल्कि और भी कर्ज है। सबसे ज्यादा आढ़तियों का कर्ज है। सरकार ने कर्ज माफी की घोषणा करके, किसानों को डिफाल्टर होने के राह पर डाल दिया है। किसान डिफाल्टर होंगे तो बैंक आगे से उन्हें कर्ज नहीं देंगे।

loksabha election banner

चंडीगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में कार्यकर्ताओं से मुलाकात के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री कांग्रेस सरकार को लेकर खासे मुखर दिखे। टी हक कमेटी की रिपोर्ट पर सवालिया निशान लगाते हुए बादल ने कैप्टन  को चुनौती देते हुए कहा 'हक कमेटी केवल मामले को लटकाने का जरिया है। कमेटी क्या रिपोर्ट दे देगी। अगर आपकी हिम्मत है तो किसानों का पूरा कर्ज माफ करो। जो आपने चुनाव घोषणा पत्र में वादा किया था।

कांग्रेस सरकार की तरफ से सरकारी खजाना खाली होने को लेकर बार-बार उठाए जा रहे मुद्दे पर तीखा प्रहार करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा 'सरकार के पास कोई खजाना नहीं होता है। खजाना तो रजवाड़ों के पास होता था। सरकार के पास बजट होता है। सरकार की कितनी आय होगी, उस अनुपात में कितना खर्च होगा। सरकार को अपनी आय का पता होता है। कांग्रेस को भी पता था। अब केवल गुमराह करने के लिए खजाना खाली होने की बात की जा रही है।

किसानों के डिफाल्टर होने के संबंध  में पूछे जाने पर बादल ने कहा 'यह तो होना ही था। बैंकों का एनपीए कांग्र्रेस के कर्ज माफी की घोषणा करने के बाद से 2.42 फीसदी बढ़ चुका है। जोकि कुल कर्ज का 7.06 फीसदी हो गया है। किसान डिफाल्टर हो रहे हैं। एकाउंट एनपीए हो रहा है। बैंक आगे से किसानों को कर्ज नहीं देंगे। इससे पूरे सिस्टम का तानाबाना बिगड़ेगा।

विरासत-ए-खालसा नहीं, मंत्री बने सफेद हाथी

अकाली दल और नवजोत सिद्धू के बीच भले ही लंबे समय से वाक युद्ध चल रहा हो लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने अभी तक अपने को इससे दूर रखा था। लेकिन नवजोत सिद्धू की तरफ से बादल के ड्रीम प्रोजेक्ट पर उंगली उठाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने भी सिद्धू पर तीखा हमला बोला है। बादल कहते हैं मंत्री कहते हैं, विरासत-ए- खालसा सफेद हाथी है। हकीकत यह है कि की मंत्री खुद ही सफेद हाथी है। विरासत ए खालसा को देखने के लिए दुनिया भर के लोग आते हैं। मंत्री को पता तो कुछ होता नहीं है। बस बोल देते हैं। यहां बता दे, सिद्धू ने विरासत ए खालसा को सफेद हाथी बताते हुए कहा था कि विरासत-ए-खालसा पर 12 करोड़ रुपये सालाना का खर्च आ रहा है। 

यह भी पढ़ेंः गीतकार गुलजार बोले- मैंने देखा है लाशों के ढेर पर देश को बंटते हुए


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.