पीजीआइ में रिश्तेदार से मिलने आए व्यक्ति को ऑटो में बैठा रास्ते में पीटा, 15 हजार लूटे
पीजीआइ में भर्ती रिश्तेदार से मिलने आए व्यक्ति को ऑटो सवार चार अज्ञात आरोपितों ने सेक्टर-37/38 डिवाइडिंग रोड पर पहले पीटा और 15 हजार कैश लूट लिया।
जेएनएन, चंडीगढ़। हिमाचल से पीजीआइ में भर्ती रिश्तेदार से मिलने आए व्यक्ति को ऑटो सवार चार अज्ञात आरोपितों ने सेक्टर-37/38 डिवाइडिंग रोड पर पहले पीटा और 15 हजार कैश लूट लिया। चारों आरोपित पीडि़त को सड़क पर फेंककर ऑटो लेकर फरार हो गए। पीडि़त ने सेक्टर-43 बस स्टैंड से सुबह 3:45 बजे पीजीआइ के लिए ऑटो हायर किया था। इसमें चालक सहित चारों आरोपित पहले से सवारी के इंतजार में बैठे थे। पीडि़त की शिकायत पर सेक्टर-39 थाना पुलिस ने जांच के बाद चारों अज्ञात लुटेरों के खिलाफ केस दर्ज कर तलाश शुरू कर दी। सूत्रों की माने तो थाना पुलिस जल्द आरोपितों को गिरफ्तार कर सकती है।
पीडि़त 35 वर्षीय ईश्वर गांव बुशेर मंडी, हिमाचल प्रदेश का मूल निवासी है। वह हरियाणा के रेवाड़ी जिले में नौकरी करता है। उसका एक रिश्तेदार पिछले कुछ दिनों से पीजीआइ में भर्ती है। पीडि़त ईश्वर पीजीआइ में उनसे मिलने और कुछ पैसे देने आया था। सुबह 3:10 पर बस स्टैंड के बाहर एक ऑटो चालक खड़ा था। ऑटो में चालक के अलावा तीन अन्य व्यक्ति पहले से बैठे हुए थे। ईश्वर ने ऑटो चालक को पीजीआइ जाने के लिए पूछा। चालक ने कहा कि अन्य सवारियां को भी उधर ही जाना है। किराया तय करके ईश्वर अन्य सवारियों के साथ ऑटो में बैठ गया।
शिकायतकर्ता के अनुसार जैसे ही ऑटो सेक्टर-37/38 डिवाइडिंग रोड पर पहुंचा तो पीछे बैठे दो लोगों ने उसे कसकर पकड़ लिया। चालक ने ऑटो रोका और चारों उसे मारने लगे। मारपीट के बाद आरोपितों ने उसकी जेब से 15 हजार कैश और कुछ दस्तावेज लूट लिये। आरोपित उसे वहीं घायल कर फेंक गए और मौके से ऑटो सहित फरार हो गए। पीडि़त ने राहगीर की मदद से पुलिस कंट्रोल रूम में वारदात की सूचना दी। सूचना पाकर मौके पर नाइट डीएसपी, पीसीआर और थाना पुलिस पहुंची। पीडि़त के बयान दर्ज कर पुलिस देर शाम तक जांच में लगी थी।
शहर में फर्जी ऑटो चालक करते हैं लुट जैसी वारदात
चंडीगढ़ में फर्जी ऑटो चालक व उसके साथियों द्वारा लूट की वारदात नई बात नहीं है। इससे पहले भी फर्जी ऑटो चालक चंडीगढ़ विदेशी युवती से दुष्कर्म की कोशिश, कॉल सेंटर में जॉब करने वाली युवती से सामूहिक दुष्कर्म और लूट जैसी कई वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। वारदात के बाद फर्जी ऑटो चालकों के खिलाफ सख्त कदम उठाया जाता है, लेकिन बाद में यूटी प्रशासन, एसटीए और पुलिस विभाग की कार्रवाई ठंडे बस्ते पड़ जाती है।
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