मुफ्त में मिला सरकारी रिंक, स्केटर्स से एंट्री फीस वसूल अपना खर्च चला रही यह एसोसिएशन
एसोसिएशन ने खिलाड़ियों से 700 से1200 रुपये तक एंट्री फीस वसूली है जबकि खेल विभाग की ओर से रिंक की सुविधा फ्री है।
विकास शर्मा, चंडीगढ़ : स्टेट चैंपियनशिप के नाम पर सरकारी स्केटिंग रिंक में अवैध वसूली की जा रही है। एसोसिएशन ने खिलाड़ियों से 700 से1200 रुपये तक एंट्री फीस वसूली है जबकि खेल विभाग की ओर से रिंक की सुविधा फ्री है। एसोसिएशन ने एंट्री फीस से ही 3 लाख रुपये से ज्यादा वसूल लिए हैं लेकिन खेल विभाग के अफसर आखें मूंदे बैठे हैं। बता दें कि चंडीगढ़ स्टेट रोलर स्केटिंग चैंपियनशिप में 400 से अधिक खिलाड़ी भाग ले रहे हैं।
चंडीगढ़ स्केटिंग एसोसिएशन ने सेक्टर 10 का स्केटिंग रिंक प्रशासन से फ्री में लिया। स्टेट चैंपियनशिप में एंट्री फीस के लिए खिलाड़ियों से 700 रुपये और लेट फीस के 500 रुपये अतिरिक्त लिए। नियमों के अनुसार फ्री में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स लेने के बाद कोई भी एसोसिएशन खिलाड़ियों से इतनी भारी भरकम फीस नहीं ले सकती। विरोध करने पर बाहर करने की धमकी
चंडीगढ़ स्केटिंग एसोसिएशन के पदाधिकारियों की दादागिरी इस कदर बढ़ गई है कि भारी भरकम एंट्री फीस का विरोध करने पर पेरेंट्स को उनके बच्चों को चैंपियनशिप से बाहर करने की धमकी दी जा रही है। पंजाब के एक डिपार्टमेंट में दिहाड़ी पर काम करने वाले पेरेंट्स के अनुसार स्टेट चैंपियनशिप में इतनी अधिक फीस कैसे वसूली जा सकती है।
स्टेट स्केटिंग चैंपियनशिप में वसूली के इस खेल में सरकारी कोच भी लगे हुए हैं। एंट्री फीस से लेकर एसोसिएशन के हर काम में वह बराबर के भागीदार बने हुए हैं। बच्चों की एंट्री फीस से एसोसिएशन का खर्च
चंडीगढ़ रोलर स्केटिंग एसोसिएशन बच्चों की एंट्री फीस से ही अपना खर्च चला रही है। हालत यह है कि नेशनल चैंपियनशिप के लिए जाने वाली चंडीगढ़ की टीम को ना तो आज तक कभी किट दी गई और ना ही स्पीड स्केटिंग की टीम के साथ कभी एसोसिएशन का कोई कोच और पदाधिकारी गया। पेरेंट्स को ही नेशनल जाने वाली टीम में मैनेजर बनाकर भेज दिया जाता है। वसूली किए जाने की जाच करवाएंगे
पेरेंट्स से एंट्री फीस के नाम पर यदि 700 से लेकर 1200 रुपये लिए गए हैं तो यह गलत है। एसोसिएशन को स्केटिंग रिंक फ्री में दिया गया है। ऐसे में इतनी अधिक फीस कैसे ली जा सकती है। इसकी जाच करवाई जाएगी।
-डॉ. महेंद्र कुमार, ज्वॉइंट डायरेक्टर स्पोर्ट्स।