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ट्यूबवेल चलाने के लिए नहीं दी जानी चाहिए बिजली सब्सिडी: हाईकोट

-पंजाब में बड़े किसानों को मुफ्त बिजली पर हाईकोर्ट सख्त -हरियाणा को अंतिम मौका, 25 अक्ट

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 01:10 AM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 01:10 AM (IST)
ट्यूबवेल चलाने के लिए नहीं दी जानी चाहिए बिजली सब्सिडी: हाईकोट
ट्यूबवेल चलाने के लिए नहीं दी जानी चाहिए बिजली सब्सिडी: हाईकोट

-पंजाब में बड़े किसानों को मुफ्त बिजली पर हाईकोर्ट सख्त

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-हरियाणा को अंतिम मौका, 25 अक्टूबर को होगी सुनवाई

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब में बड़े किसानों को बिजली सब्सिडी दिए जाने के मामले पर कड़ी टिप्पणी करते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि किसानों को ट्यूबवेल चलाने के लिए बिजली सब्सिडी नहीं दी जानी चाहिए, क्योंकि इसका सीधा बोझ करदाताओं पर पड़ता है।

इस मामले में पंजाब सरकार ने अपने जवाब में अदालत को बताया कि पंजाब सरकार ने बड़े किसानों की ओर से स्वैच्छिक तौर पर बिजली सब्सिडी छोड़ने के संबंध में सूचना जारी कर दी है। पंजाब सरकार के इस जवाब पर आपत्ति जताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि स्वैच्छिक तौर पर सब्सिडी छोड़ने की बजाय पंजाब सरकार को इस सब्सिडी को खत्म करना चाहिए।

इस मामले में पंजाब सरकार ने पिछली सुनवाई पर कहा था कि सिंचाई के पंप चलाने के लिए बिजली मुफ्त देने के मामले पर बड़े व छोटे किसानों में फर्क नहीं किया जाएगा। हालाकि, अमीर किसान स्वैच्छिक रूप से सब्सिडी का त्याग कर सकते हैं।

उल्लेखनीय है कि एडवोकेट हरिचंद अरोड़ा ने जनहित याचिका दायर करके बड़े किसानों को कृषि पंप सेट के लिए दी जाने वाली मुफ्त बिजली के दायरे से बाहर किए जाने की माग की थी। हाईकोर्ट ने इस मामले पर हरियाणा को अपना जवाब दायर करने के लिए अंतिम अवसर देते हुए सुनवाई को 25 अक्तूबर तक स्थगित कर दिया है। बादल और चौटाला परिवार भी ले रहे सब्सिडी

अरोड़ा ने कहा है कि पंजाब में मनप्रीत बादल, सुखबीर बादल, हरियाणा में भूपिंदर हुड्डा, कैप्टन अभिमन्यु और चौटाला परिवार के अलावा ऐसे हजारों समृद्ध किसान हैं जो बिजली सब्सिडी का लाभ ले रहे हैं। इस मामले में विद्युत विभाग, पंजाब की उप सचिव बलजिंदर कौर की ओर से दायर शपथ पत्र में कहा गया था कि पीएसपीसीएल ने 23 फरवरी को एक सर्कुलर जारी कर दिया है, जिसमें कहा गया है कि स्वेच्छा से अपनी कृषि पंप सब्सिडी छोड़ने वालों से पीएसईआरसी की ओर से निर्धारित फ्लैट दर से बिजली का शुल्क लिया जाएगा। पीएसपीसीएल ने किसानों को आधी या पूर्ण सब्सिडी छोड़ने का विकल्प भी दिया है। ार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट

पंजाब ने अपने हलफनामे में यह भी कहा था कि विश्व बैंक से सहायता से कृषि उपभोक्ताओं के लिए बिजली सब्सिडी का लाभ सीधे दिए जाने का एक पायलट प्रोजेक्ट फतेहगढ़ साहिब, जालंधर, कपूरथला और होशियारपुर जिलों में शुरू किया जा रहा है। यह परियोजना किसानों को बिजली और पानी बचाने के लिए प्रोत्साहित करेगी। इस प्रोजेक्ट के तहत राज्य सरकार की ओर निर्धारित मापदंडों के आधार पर किसानों को नकद में सब्सिडी का भुगतान किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के तहत किसानों को उनके बिजली के बिल दिए जाएंगे और उनके बिल, उन्हें दिए जाने वाले लाभ से काम होने पर उन्हें सब्सिडी की राशि नगद दी जाएगी।


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