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वैज्ञानिक तर्क से बात करें केजरीवाल, मेहनती किसानों पर न मढ़ें आरोप: सोनी

::प्रदूषण पर तकरार:: --- -पंजाब के पर्यावरण मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री में बढ़ा टकराव

By JagranEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 07:43 PM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 07:43 PM (IST)
वैज्ञानिक तर्क से बात करें केजरीवाल, मेहनती किसानों पर न मढ़ें आरोप: सोनी
वैज्ञानिक तर्क से बात करें केजरीवाल, मेहनती किसानों पर न मढ़ें आरोप: सोनी

::प्रदूषण पर तकरार::

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-पंजाब के पर्यावरण मंत्री और दिल्ली के मुख्यमंत्री में बढ़ा टकराव

-सोनी बोले, दिल्ली में मौजूद कारणों की तरफ ध्यान दें

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राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़: पंजाब के पर्यावरण मंत्री ओपी सोनी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल में प्रदूषण के मामले को लेकर टकराव बढ़ गया है। सोनी ने केजरीवाल के आरोपों का जवाब देते हुए कहा है कि वे वैज्ञानिक तर्क से बात करें। मेहनती किसानों पर आरोप न मढ़ें।

गौरतलब है कि केजरीवाल ने कहा था कि पंजाब में पराली को आग लगाने से दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। इस पर सोनी ने कहा कि केजरीवाल वायु प्रदूषण के लिए दिल्ली में मौजूद कारणों पर ध्यान दें। पूरे अक्टूबर में पंजाब का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआइ) औसतन 170 से पार नहीं गया, दिल्ली की में पिछले महीने भी एक्यूआइ 350 था। सोनी ने कहा कि पिछले दिनों हवा की गति 1.5 किलोमीटर प्रति घटा रही और इसकी दिशा दक्षिण-पूर्व की तरफ से आकर उत्तर-पश्चिम की तरफ रही। ऐसे में पंजाब का प्रूदषण कैसे हरियाणा को पार करके पंजाब की हद से 250 किलोमीटर दूर दिल्ली तक पहुंच सकता है? राजनीतिक लाभ के लिए हरियाणा को क्लीन चिट

सोनी ने कहा कि अगर पराली फूंकने का प्रभाव दिल्ली के वातावरण पर पड़ सकता है, तो चंडीगढ़ की आबोहवा पर इसका असर क्यों नहीं हुआ। चंडीगढ़ का वातावरण बिल्कुल साफ है। केजरीवाल ने प्रदूषण के लिए हरियाणा को क्लीन चिट देकर इससे राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश की है। दिल्ली के आसपास हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खेतों में भी पराली को आग लगाई जाती है, लेकिन केजरीवाल इसे अनदेखा कर रहे हैं। अब तक आग लगाने की 21000 घटनाएं

सोनी ने कहा कि पंजाब में कुल 65 लाख एकड़ में धान की फसल लगाई जाती है। अब तक कुल 21000 आग लगाने की घटनाएं सामने आई हैं, जो औसतन 330 घटनाएं प्रति एक लाख एकड़ बनती हैं। इस कारण इस साल पंजाब की आबोहवा की गुणवत्ता में कोई गुणात्मक गिरावट रिकॉर्ड नहीं की गई। उन्होंने आगे बताया कि अगर प्रति गाव आकड़े निकाले जाएं, तो पंजाब के कुल 12,700 गांवों में से प्रति गाव औसतन दो से भी कम आग लगाने की घटनाएं दिखाई देती हैं। फिर भी पता नहीं क्यों केजरीवाल पंजाब के मेहनती किसानों को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। जिम्मेदारी से न भागें

सोनी ने कहा कि सरकार की सलाह मानते हुए पंजाब के किसानों ने पराली फूंकने की घटनाओं में काफी कमी लाई है। पिछले साल की अपेक्षा इन घटनाओं में 35 फीसद की कमी आई है। उन्होंने केजरीवाल को सलाह दी कि वह अपनी जिम्मेदारी से न भागें, बल्कि ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ से वर्धमान कौशिक केस में दिल्ली के वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारणों की जांच पड़ताल करके इन पर काबू पाएं, ताकि दिल्ली की हवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।


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