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केजरी ने खैहरा से समझौते के रास्‍ते बंद किए, कहा- उनके लिए सियासत नहीं करता

कलह की शिकार आम आदमी पार्टी की पंजाब इकाई में एकता की सारी संभावनाएं धूमिल हो गई हैं। अरविंद केजरीवाल ने इस संबंंध में समझौते के सारे रास्‍ते बंद कर दिए हैं।

By Sunil Kumar JhaEdited By: Published: Fri, 02 Nov 2018 09:17 AM (IST)Updated: Fri, 02 Nov 2018 09:17 AM (IST)
केजरी ने खैहरा से समझौते के रास्‍ते बंद किए, कहा- उनके लिए सियासत नहीं करता
केजरी ने खैहरा से समझौते के रास्‍ते बंद किए, कहा- उनके लिए सियासत नहीं करता

जेएनएन, चंडीगढ़। दिल्ली के मुख्यमंत्री व आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में बागी गुट के विधायक सुखपाल खैहरा के साथ समझौते के सभी रास्तों को बंद कर दिया है। केजरीवाल ने कहा, 'मैं खैहरा के लिए राजनीति नहीं करता हूं। समय आने पर खैहरा के बारे में फैसला लिया जाएगा। आप प्रधान का यह बयान तब आया है जब समझौते के रास्ते दोनों ही तरफ से बंद हो गए थे।

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पंजाब के नेताओं के साथ बंद कमरे में की 20 मिनट बैठक, साथ किया लंच

केजरीवाल ने यहां वीरवार को यूटी गेस्ट हाउस में पंजाब के नेताओं के साथ 20 मिनट तक बंद कमरे में बैठक की। बैठक में भगवंत मान, हरपाल चीमा, अमन अरोड़ा, सरबजीत कौर माणूके, बलजिंदर कौर समेत हाल ही में घोषित पांच लोक सभा क्षेत्रों के प्रत्याशी भी शामिल थे। बैठक के उपरांत केजरीवाल ने इन्हीं नेताओं के साथ लंच भी किया।

जानकारी के अनुसार बैठक के दौरान केजरीवाल ने खैहरा के 'इफेक्ट और इम्पैक्ट' पर पार्टी नेताओं से चर्चा की। जिस प्रकार से पांच प्रत्याशियों का खैहरा ने विरोध किया था, उसके बाद से ही स्थिति स्पष्ट हो गई थी कि अब पार्टी में सुलह-समझौते के सारे रास्ते बंद हो गए हैं। केजरीवाल का कहना है ' विवाद हमारी पार्टी का अंदरूनी मामला है। हम इसे समय आने पर सुलझा लेंगे।'

... तो आप के हाथ से जा सकती है नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी

महत्वपूर्ण यह है कि केजरीवाल ने पहली बार खैहरा को लेकर आक्रामक रुख अपनाया है। खैहरा की बगावत के बाद से ही केजरीवाल बैकफुट पर चल रहे थे। अब समझौते के सभी रास्ते बंद होते देख केजरीवाल भी खुलकर मैदान में आ गए हैं। उनके इस रुख के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर पार्टी खैहरा पर कब कार्रवाई करती है। अगर खैहरा गुट को पार्टी से निकाला जाता है तो विधानसभा में आप की विपक्ष की भूमिका भी चली जाएगी।

20 सदस्यों वाली आप से एचएस फूलका पहले ही अपना इस्तीफा स्पीकर को भेज चुके हैं। खैहरा गुट अलग होता है तो विधानसभा में आप की सदस्यता 11 ही रह जाएगी। इस स्थिति में विपक्ष की कुर्सी अकाली दल के पास चली जाएगी। उसके पास 14 विधायक हैं। आप के पास दूसरा विकल्प यह बचता है कि खैहरा गुट को सस्पेंड कर दे। आप ने सांसद डॉ. धर्मवीर गांधी और हरविंदर सिंह खालसा को सस्पेंड कर रखा है।

केजरी ने दिल्ली के प्रदूषण के लिए फिर ठहराया पंजाब को जिम्मेदार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब को जिम्मेदार ठहराया है। केजरीवाल ने अखबारों में छपी खबरों का हवाला देते हुए कहा कि मैंने पढ़ा है कि हवा का रुख राजस्थान की तरफ है। अगर ऐसा है तो फिर राजस्थान में प्रदूषण क्यों नहीं है।

केजरीवाल ने कहा कि पंजाब सरकार पराली जलाने पर रोक लगाने में फेल साबित हुई है। अमृतसर, बठिंडा बेल्ट में पराली जल रही है, जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण बढ़ रहा है। उन्होंने फिर दोहराया कि पंजाब के कारण ही दिल्ली प्रदूषित हो रही है। बता दें कि पंजाब के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन प्रो. सतविंदर सिंह मरवाहा ने बुधवार को केजरीवाल को तार्किक जवाब दिया था। उनका कहना था कि पिछले दस दिनों में हवा का बहाव दो किलोमीटर प्रति घंटे से भी कम है और हवा का रुख राजस्थान की तरफ है। ऐसे में पंजाब का प्रदूषण दिल्ली को कैसे प्रभावित कर सकता है।

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