पंजाब में आप को बचाने लिए बैकफुट पर आए केजरीवाल
पंजाब में आम आदमी पार्टी को बचाने के लिए अरविंद केजरीवाल बैकफुट पर आ गए हैं। उन्होंने आप विधायकों के साथ बैठक में माना कि माफी प्रकरण पर पंजाब इकाई को विश्वास में लेना चाहिए था।
चंडीगढ़, [कैलाश नाथ]। आम आदमी पार्टी के संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल शिअद के महासचिव व पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम मजीठिया से माफी मांगने के बाद पार्टी की पंजाब इकाई में उठे भूचाल को शांत करने के लिए बैकफुट पर आ गए हैं। दिल्ली में पंजाब के विधायकों के साथ बैठक में केजरीवाल ने माना कि माफी मांगने से पहले पंजाब के नेतृत्व को विश्वास में नहीं लेना उनकी गलती थी।
यही नहीं विधायक दल के नेता सुखपाल सिंह खैहरा के विद्रोही रवैये के बावजूद पार्टी ने उनके खिलाफ कोई भी एक्शन नहीं लेने का फैसला किया है। केजरीवाल ने पंजाब इकाई को यह भी निर्देश दिए कि वह मजीठिया के विरुद्ध अपना स्टैंड जारी रखे। जरूरत पड़ी तो वह भी इसमें शामिल होंगे।
माफी मांगने से पहले पंजाब इकाई को विश्वास में न लेने को माना गलत
पंजाब में बजट सत्र से ठीक पहले केजरीवाल द्वारा मजीठिया से माफी मांगे जाने के बाद से ही आम आदमी पार्टी में फूट पैदा हो गई थी। शुक्रवार को 15 विधायक केजरीवाल के खिलाफ हो गए थे और उनकी अगुवाई नेता प्रतिपक्ष सुखपाल खैहरा कर रहे थे। दो दिन बाद ही तस्वीर बदलती नजर आई। पंजाब में पार्टी को बचाने के लिए पंजाब प्रभारी मनीष सिसोदिया ने रविवार को दिल्ली में बैठक बुलाई जिसमें केजरीवाल भी शामिल थे। इस बैठक में पंजाब के 20 में से 10 विधायक और पांच जोन के इंचार्ज शामिल हुए।
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दिल्ली में पंजाब के 10 विधायकों संग की बैठक, पांच जोन के इंचार्ज शामिल
बैठक में विधायकों ने माफी मांगने पर रोष जाहिर किया। जिस पर केजरीवाल ने देशभर में दर्ज हुए पर्चो का हवाला देते हुए अपनी मजबूरी जताई, क्योंकि मानहानि के केसों के कारण उनका काफी समय कोर्ट कचहरी में गुजर रहा है। विधायकों ने माफी मांगने से पहले प्रदेश इकाई को विश्वास में नहीं लेने का मुद्दा उठाया।
इस पर केजरीवाल और सिसोदिया ने माना कि यह गलती थी। माफी मांगने से पहले प्रदेश इकाई को विश्वास में लिया जा सकता था। केजरीवाल वाल द्वारा गलती मानने के बाद विधायकों का कुछ हद तक गुस्सा शांत हुआ। उल्लेखनीय है कि केजरीवाल के माफी मांगने से नाराज होकर प्रदेश अध्यक्ष सांसद भगवंत मान व प्रदेश उपाध्यक्ष विधायक अमन अरोड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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खैहरा को बुलाएंगे दिल्ली
करीब तीन घंटे तक चली बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि आने वाले बजट सत्र को देखते हुए सुखपाल खैहरा आप विधायक दल के नेता बने रहेंगे। विद्रोह करने वाले किसी भी विधायक पर पार्टी कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं करेगी। सूत्र बताते हैं कि केजरीवाल सुखपाल सिंह खैहरा को दिल्ली भी बुलाएंगे, ताकि इस संकट से निकला जा सके।
अरोड़ा इस्तीफा वापस नहीं लेंगे
इस बीच पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले विधायक अमन अरोड़ा ने स्पष्ट किया है कि वह अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। दिल्ली की बैठक में शामिल होने के बाद उन्होंने यह भी कहा कि वह पार्टी के ही साथ हैं।
बैठक में ये विधायक नहीं पहुंचे
दिल्ली में बुलाई गई बैठक में विधायक सुखपाल सिंह खैहरा, कंवर संधू, एचएस फूलका, गुरमीत सिंह मीत हेयर, पिरमल सिंह धौला, कुलवंत सिंह पंडोरी, नाजर सिंह मानशाहिया, मास्टर बलदेव सिंह, जै किशन सिंह व जगदेव सिंह नहीं पहुंचे। मीत हेयर, पिरमल सिंह, पंडोरी ने कहा कि केजरीवाल द्वारा मजीठिया से माफी मांगने के बारे में विधायकों से चर्चा न करना गलत था, लेकिन वे पार्टी के साथ हैं।
अब दिल्ली दरबार की नहीं सुनेंगे बात : माणूके
पंजाब विधानसभा में विपक्ष की उपनेता एवं जगराओं (लुधियाना) से आम आदमी पार्टी की विधायक बीबी सर्बजीत कौर माणूके दिल्ली की बैठक में शामिल तो हुईं लेकिन उनका कहना है कि अब दिल्ली से पैराशूट के जरिए आने वाले पैगाम नहीं माने जाएंगे। अब पंजाब के हित की बात पंजाब में बैठकर होगी न कि दिल्ली दरबार में।
आगे क्या
आम आदमी पार्टी की कोशिश है कि वह अपने विधायकों को संभाल कर रखे क्योंकि अगर पार्टी में टूट होती है तो पंजाब विधानसभा से विपक्ष का दर्जा छिन सकता है। यही कारण है कि पार्टी फिलहाल सुखपाल खैहरा के विरुद्ध कोई सख्त कदम नहीं उठाना चाहती।
लोक इंसाफ पार्टी पड़ी अलग
आप में मचे घमासान के बीच पंजाब में उसकी लोक इंसाफ पार्टी (लिप) अलग पड़ती नजर आ रही है क्योंकि उसके दो ही सदस्य हैं। पार्टी के अध्यक्ष सिमरजीत सिंह बैंस ने केजरीवाल के माफी मांगने के बाद आप से अपना गठबंधन तोड़ लिया है।