आप में कलह खत्म करने पंजाब आएंगे केजरी और सिसोदिया, विधायकों से मिलेंगे
अरविंद केजरीवाल ने पंजाब में आम आदमी पार्टी को फिर एकजुट करने और कलह समाप्त करने की कोश्ािश शुरू कर दी है। वह रविवार को पंजाब आएंगे।
जेएनएन, चंडीगढ़। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक अरविंद केजरीवाल अब पंजाब में आप की कलह को समाप्त करने के लिए सक्रिय हो गए हैं। केजरीवाल और मनीष सिसोदिया इसी कवायद के तहत अाज पंजाब आएंगे। वह संगरूर आएंगे आैर पंजाब के आप के सभी विधायकों से मिलेंगे। बताया जाता है कि इस दौरान बागी नेता सुखपाल सिंह खैहरा को मनाने की कोशिश होगी।
खैहरा को मनाने की कोश्ािश करेंगे दोनों नेता, पार्टी को फिर एकजुट करने की कोशिश
आप के सह प्रधान डॉ. बलबीर सिंह ने बताया कि केजरीवाल और सिसोदिया रविवार को महल कलां हलके से पार्टी के विधायक कुलवंत पंडोरी के पिता के भोग पर आएंगे। दोनों नेता सभी विधायकों और वर्करों से मिलेंगे। खैहरा धड़े से समझौते के सवाल पर डॉ. बलबीर ने कहा कि हम सभी एकजुट हैं और जल्द ही सभी मतभेद दूर करके इकट्ठा होकर चलेंगे। सभी विधायक केजरीवाल का सम्मान करते हैं।
खैहरा को खास न्योता
गौरतलब है राज्य में इन दिनों में आप में खूब कलह चल रही है। ऐसे में केजरीवाल का यह दौरा दोफाड़ हुई पार्टी को एक धागे में पिरो सकता है। केजरीवाल के दौरे की सूचना सभी विधायकों को दे दी गई है। केजरीवाल ने चार सीनियर विधायकों की विशेष ड्यूटी लगाई है कि वह विधायक सुखपाल सिंह खैहरा समेत उनके सभी साथियों के पास खुद जा कर मीटिंग में शामिल होने का न्योता दें।
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खैहरा धड़े के विधायकों का भी कहना है कि पार्टी हाईकमान की तरफ से सुलह-सफाई और साझा मीटिंग के लिए संदेश मिल रहे हैं, लेकिन संगरूर में होने वाली मीटिंग में शामिल होने के बारे में खैहरा से चर्चा के बाद फैसला लिया जाएगा। अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर खैहरा समर्थक कई विधायकों ने कहा कि अब तो दिल्ली वालों का दिमाग ठिकाने आ गया है। अब भी कुछ नहीं बिगड़ा।
बठिंडा कन्वेंशन को माने दिल्ली, तो बातचीत को तैयार: खैहरा
आम आदमी पार्टी के नेता सुखपाल सिंह खैहरा का कहना है कि अभी तक उन्हें केजरीवाल के पंजाब आने या मीटिंग का कोई संदेश नहीं मिला है। वीरवार को पार्टी के विधायक अमन अरोड़ा उनके पास आए थे। हमने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है कि हम बठिंडा कन्वेंशन में के पास किए गए प्रस्ताव पर कायम हैं। अगर दिल्ली वाले इन पर मुहर लगा कर पंजाब को अपने फैसले खुद लेने का अधिकार देने के लिए तैयार हैं, तो हम बातचीत कर सकते हैं। नेता प्रतिपक्ष के पद का मुझे कोई लालच नहीं है।