कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों के समर्थन में आए कलाकार, सोशल मीडिया पर आवाज को कर रहे बुलंद
शहर के कलाकार गीत फिल्म नुक्कड़ नाटक और कला की विभिन्न विधियां से कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों का समर्थन कर रहे है और लोगों को भी किसानों का देने और सरकार को किसानों की बातें सुनने की अपील कर रहे है।
चंडीगढ़, शंकर सिंह। कृषि विधेयक के खिलाफ किसानों के संघर्ष में शहर के कलाकारों ने भी अपनी कला से उनका समर्थन किया। शहर के कलाकार अपनी-अपनी कला से अलग अंदाज में किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसमें गीत, फिल्म, नुक्कड़ नाटक और कला की विभिन्न विधियां शामिल है।
किसानों के लिए गाया गीत
शहर के प्रसिद्ध लाइन प्रोड्यूसर दर्शन औलख ने अपनी आवाज में गीत किसान के लिए रिलीज किया। उन्होंने इस गीत में किसानों की आवाज को बुलंद किया। दर्शन बोले कि यूं तो मैं बॉलीवुड में जुड़ा हूं, लेकिन मुझे लगा कि इस मुद्दे पर बोलना चाहिए। देश भर से जब किसान एक साथ एक कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं तो मुझे भी इसमें योगदान देना चाहिए। क्योंकि पंजाब में आज भी कमाई का सबसे बड़ा साधन खेती ही है, ऐसे में किसानों की बात को सरकार तक पहुंचाने के लिए मैंने भी अपना योगदान दिया।
नुक्कड़ नाटक से कर रहे समर्थन
पंजाब यूनिवर्सिटी के इंडियन थियेटर से पासआउट रंगकर्मी कृष्ण नाटक ने कहा कि वह किसानों के साथ हैं। कृष्ण ने कहा कि कलाकार और किसान दोनों ही देश की जान है और उनकी आवाज को आगे लाने के लिए कलाकार को यकीनन आगे आना चाहिए। ऐसे में हमने कुछ नाटक तैयार किए जिसे हम विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रस्तुत कर रहे हैं।
कलाकारों को कर रहे हैं प्रेरित
कलाकार हरपाल शेखुपुरिया भी किसानों के समर्थन में उतरे हैं। उन्होंने सभी कलाकारों से किसानों से जुड़ी कलाकृति को सोशल मीडिया में लाने की अपील की है। उन्होंने शहर के सभी कलाकारों को किसानों की समस्या पर आधारित और कानून से जुड़ी उनकी आवाज को बुलंद करने से जुड़ी चित्रकारी, स्कल्पचर को सोशल मीडिया में अपलोड करने की अपील की है। हरपाल ने कहा कि हमें समझना होगा कि किसान अन्नदाता है और अगर वह किसी चीज के लिए आवाज उठा रहे हैं तो हमें उनकी बात को सुनना भी चाहिए और समर्थन करना चाहिए।