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रिटायरमेंट के बाद झारखंड में फंसे सेना के जवान, कैप्टन ने रक्षा मंत्री से मांगी मदद

सिख रेजीमेंट के कुछ जवान सेवानिवृत्ति के बाद झारखंड में फंस गए हैं। लॉकडाउन के कारण वह घर वापसी नहीं कर पा रहे। कैप्टन ने मदद के लिए रक्षा मंत्री को पत्र लिखा है।

By Kamlesh BhattEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 08:23 AM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 08:23 AM (IST)
रिटायरमेंट के बाद झारखंड में फंसे सेना के जवान, कैप्टन ने रक्षा मंत्री से मांगी मदद
रिटायरमेंट के बाद झारखंड में फंसे सेना के जवान, कैप्टन ने रक्षा मंत्री से मांगी मदद

जेएनएन, चंडीगढ़/फरीदकोट। कोरोना वायरस संक्रमण फैलने से रोकनेे के लिए लागू कर्फ्यू/लॉकडाउन में आम लोग ही नहीं बल्कि सेना से सेवानिवृत्त हुए जवान भी फंस गए हैं। झारखंड में सेवानिवृत्त होने के बाद घर जाने का इंतजार कर रहे जवानों ने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से मदद मांगी है। एक जवान ने पत्र लिखकर अपनी व्यथा बताई है। मुख्यमंत्री ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर ऐसे जवानों को घर तक पहुंचाने के लिए विशेष इंतजाम करने की अपील की है।

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मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में जवान ने लिखा है कि सिख रेजीमेंट के 87 जवान 31 मार्च को सेवानिवृत्त हो गए। लॉकडाउन में कोई भी वाहन न चलने के कारण वे कमांड में ही रुके हुए हैं। जल्द से जल्द घर पहुंचने की उनकी इच्छा दिन-प्रति-दिन तीव्र हो रही है, लेकिन वे बेबस हैैं। इन जवानों में पांच जूनियर वारंट आफिसर भी शामिल हैं।

पंजाब सरकार तक 103 जवानों के सेवानिवृत्त होने की जानकारी पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि पूर्व सैनिकों का तब तक विशेष ख्याल रखा जाए जब तक उनको घर जाने के लिए मंजूरी नहीं मिल जाती। सेवानिवृत्त सैनिकों में पंजाब के कई सारे जवान होते हैैं। उनको इस समय पर मानसिक परेशानी से गुजरना पड़ रहा है क्योंकि वह शीघ्र अपने परिवार के पास पहुंचना चाहते हैैं। 

लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की आर्थिक मदद करेंगे बिहार और मध्य प्रदेश

बिहार और मध्य प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन में पंजाब समेत दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों और जरूरतमंदों के बैंक खातों में 1000 रुपये प्रति परिवार की दर से मुख्यमंत्री राहत कोष से सहायता राशि स्थानांतरित करने फैसला किया गया है। बिहार सरकार ने मदद के लिए लिंक उपलब्ध कराया है। इसके माध्यम से लाभार्थी अपना पंजीकरण करा सकेंगे। इसी प्रकार मध्य प्रदेश के लोग 0755-2411180 पर कॉल करके कोई भी सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

बिहार के लाभार्थी पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजों में लाभार्थी के आधार कार्ड की प्रतिलिपि, लाभार्थी के नाम पर बैंक खाता जो बिहार राज्य में स्थित बैंक की किसी शाखा में हो दे सकते हैं। लाभार्थी का फोटो (सेल्फी) आधार डेटाबेस के मुताबिक हो। आधार नंबर से जुड़े लोगों को केवल एक बार पंजीकृत किया जाएगा। मोबाइल नंबर पर प्राप्त ओटीपी का उपयोग मोबाइल एप पर किया जाना है।

सहायता राशि केवल बैंक खाते में भेजी जाएगी। इसके अलावा बिहार भवन, नई दिल्ली में 3 हेल्पलाइन 011-23792009, 23014326, व 23013884 पर भी सहायता के लिए फोन कर सकते हैं। पटना के कंट्रोल रूम नंबर 0612-2294204, 2294205 पर भी संपर्क साधा जा सकता है। बिहार से बाहर दूसरे राज्यों में 20.81 लाख लोग फंसे हुए हैं। इनमें से अब तक 12.78 लाख लोग पंजीकृत हो चुके हैं। इन्हें भुगतान भी किया गया है।

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