प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग के लिए 28 तक करें आवेदन
प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग डिप्लोमा के लिए 28 फरवरी 2018 तक आवेदन किया जा सकता है। यह डिप्लोमा गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 में कराया जाएगा।
By Edited By: Published: Sat, 17 Feb 2018 06:11 PM (IST)Updated: Sun, 18 Feb 2018 02:29 PM (IST)
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग डिप्लोमा के लिए 28 फरवरी 2018 तक आवेदन किया जा सकता है। यह डिप्लोमा गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16 में कराया जाएगा। तीन वर्षीय डिप्लोमा में पढ़ाई के साथ-साथ 6 महीने का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी कराया जाएगा। डिप्लोमा के लिए फार्म व प्रोस्पेक्टस सेक्टर-16 स्थित गाधी स्मारक भवन से प्राप्त किए जा सकते हैं। उल्लेखनीय है कि इस कोर्स के लिए कुल 100 सीटें हैं। क्यों है प्राकृतिक चिकित्सा एवं योग का क्रेज आधुनिक समय में एलोपैथी दवाइयों के कई साइडइफेट हैं। वहीं आयुर्वेदिक दवाइयां बेहतर मानी जाती हैं। जिसके कारण आधुनिक समय में लोगों का रूझान प्राकृतिक चिकित्सा और योग की तरफ बढ़ रहा है। इसके अलावा आयुर्वेदिक दवाइयों की कीमत एलोपैथी दवाइयों से कहीं कम है। जिसके कारण आम लोगों की यह पहली पसंद बनी हुई है। क्या है प्राकृतिक चिकित्सा प्राकृतिक चिकित्सा एक उभरती हुई आदर्श तथा निर्दोष चिकित्सा पद्धति है, जिससे नियमित जीवन शैली के साथ संतुलित आहार, योग, प्राणायाम और पंच महाभूतों का उपयोग करते हुए शरीर को रोग रहित बनाया जाता है। प्राकृतिक चिकित्सा में किसी दवाई का प्रयोग नहीं होता है। प्राकृतिक चिकित्सा सिखाती है कि निरोग कैसे रहा जाए। डिप्लोमा की अवधि डिप्लोमा इन नेचुरोपैथी और योग थैरेपी पाठ्यक्रम तीन वर्ष का है, जिसमें छह माह का व्यावहारिक प्रशिक्षण शामिल है। एनडीडीवाई डिप्लोमा कोर्स की कक्षाएं प्रत्येक रविवार को गाधी स्मारक भवन, में लगाई जाएंगी। डिप्लोमा इन नैचुरोपैथी एवं योग थैरेपी में प्रवेश के लिए विज्ञान विषयों के साथ बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। जिन लोगों ने आर्ट्स संकाय में बारहवीं पास की है, उनकों सामान्य विज्ञान की अतिरिक्त परीक्षा देनी पड़ेगी। एमबीबीएस, बीएएमएस, बीयूएमएस, बीएचएमएस डिग्री कोर्स वाले व्यक्तियों को सीधे दूसरे वर्ष में प्रवेश मिलेगा। प्राकृतिक चिकित्सा एंव योग डिप्लोमा बीते दो सालों से कराया जा रहा है। सौ सीटों के लिए काफी आवेदन आए हैं। अभी भी इच्छुक अभ्यार्थी अप्लाई कर सकते हैं। देवराज त्यागी, निदेशक, गांधी स्मारक भवन सेक्टर-16।
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