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चंडीगढ़ में नशे का जाल खत्म करेगी एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स

नशा तस्करी और इसके सेवन का खेल चंडीगढ़ में भी बड़े स्तर पर चल रहा है। तस्करों के इस जाल को तोड़ने और युवा पीढ़ी को इस दलदल से बचाने के लिए चंडीगढ़ में समर्पित एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स बनाई जाएगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 May 2022 11:10 PM (IST)Updated: Tue, 17 May 2022 11:10 PM (IST)
चंडीगढ़ में नशे का जाल खत्म करेगी एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स
चंडीगढ़ में नशे का जाल खत्म करेगी एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स

जागरण संवाददाता, चंडीगढ़ : नशा तस्करी और इसके सेवन का खेल चंडीगढ़ में भी बड़े स्तर पर चल रहा है। तस्करों के इस जाल को तोड़ने और युवा पीढ़ी को इस दलदल से बचाने के लिए चंडीगढ़ में समर्पित एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स बनाई जाएगी। आईजी रैंक का पुलिस अधिकारी इस टास्क फोर्स की कमान संभालेगा। अभी तक नशा तस्करी रोकने के लिए चंडीगढ़ में क्राइम ब्रांच ही नोडल एजेंसी है, लेकिन अब अलग से एंटी नार्कोटिक्स टास्क फोर्स होगी। जो केवल नशे के कारोबार को खत्म करने का काम करेगी। यह निर्णय मंगलवार को एडवाइजर धर्म पाल की अध्यक्षता में हुई दूसरी स्टेट लेवल नार्कोटिक्स कंट्रोल को-ऑर्डिनेशन कमेटी की मीटिग में लिया गया। इस मीटिग में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह और होम सेक्रेटरी नितिन कुमार यादव भी मीटिग में मौजूद रहे। क्राइम ब्रांच के हेड एसएसपी मनोज कुमार मीणा ने एडवाइजर और एनसीबी अधिकारियों को इससे जुड़ी जरूरी जानकारी दी। डार्क वेब के जरिए रुकेगा नशा

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नशे के इस जाल को तोड़ने के लिए चंडीगढ़ पुलिस और एनसीबी मिलकर काम करेंगी। इसमें साइबर सेल की मदद भी ली जाएगी। इस मीटिग में यह निर्णय भी लिया गया कि यूटी पुलिस के साइबर सेल में एंटी डार्क नेट सेल बनाया जाएगा। यह सेल इंटरनेट पर विभिन्न वेबसाइट के जरिए होने वाली नशे के व्यापार को रोकने का काम करेगा। डार्क वेब के जरिए यह ड्रग ट्रेड पर नजर रखेगा। इसको चंडीगढ़ में फैलने से रोकेगा। कॉलेज स्टूडेंट्स और वालंटियर्स को भी इस प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा। ड्रग पैडलर युवाओं को अपना निशाना बनाते हैं। उन्हें इसकी डोज देकर लत लगवाते हैं फिर उनसे तस्करी तक करवाते हैं। इसलिए यह सेल वालंटियर्स की मदद लेगा। पोस्ट कूरियर पर स्नाफर डॉग की नजर

पोस्ट और कूरियर के जरिए भी नशे की खेप पहुंचाई जाती है। कई बार इसे पकड़ा गया है। इसको रोकने के लिए बड़े पोस्ट और कूरियर हब के रूट पर स्नाइफर डॉग और स्कैनर लगाए जाएंगे। स्नाइफर डॉग सूंघ कर ऐसे पार्सल की पहचान करेंगे इससे तस्करों तक पहुंचा जाएगा। साथ ही एयरपोर्ट जैसे स्थानों पर लगे हाईटेक स्कैनर भी इसमें इस्तेमाल होंगे। चंडीगढ़ के सभी पब और रेस्टोरेंट अनिवार्य तौर पर एंटी ड्रग साइनेज डिस्प्ले करेंगे। कंट्रोल रूम बनेगा

इतना ही नहीं नशे के कारोबार को ध्वस्त करने के लिए कोई भी सूचना तुरंत मिले इसके लिए एनसीबी समर्पित कंट्रोल रूम बनाएगी। यह नंबर नशा तस्करी से जुड़ी शिकायतों के लिए होगा। कोई भी इस पर शिकायत कर सकेगा। उसकी पहचान गुप्त रखी जाएगी। शहर के ड्रग स्मग्लिग के प्रमुख रूट हैं और साथ लगते शहरों के बॉर्डर हैं, वहां पुलिस नियमित पेट्रोलिग करेगी। प्रशासन के सभी विभाग और एंफोर्समेंट एजेंसी नशा तस्करी को रोकने के लिए पूरी क्षमता के साथ काम करेंगी इसे सबसे पहले तवज्जो देंगी। जागरूकता के लिए बड़े स्तर पर अभियान छेड़ा जाएगा।


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